कुत्ता काट गया भाजपा के सह प्रवक्ता को, जनता ने सवाल किए- कहां खर्च किए डेढ़ करोड़
यमुनानगर फेसबुक पर भाजपा के प्रदेश सह प्रवक्ता भारत भूषण जुआल को कुत्ता काटने की पोस्ट आते ही शहरवासियों ने सवाल खड़े कर दिए।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : फेसबुक पर भाजपा के सह प्रवक्ता भारत भूषण जुआल को कुत्ता काटने की पोस्ट आते ही शहरवासियों ने सवाल खड़े कर दिए। नगर निगम के अधिकारियों पर तरह-तरह के कमेंट किए। एक कमेंट ये भी आया कि नगर निगम के मुताबिक यमुनानगर-जगाधरी में कुत्तों की संख्या न के बराबर है। क्योंकि गत वर्ष हजारों कुत्तों की नसबंदी पर एक करोड़ 45 लाख रुपये खर्च किए हैं। यदि इतनी मोटी रकम खर्च की गई एक वर्ष में कुत्तों की इतनी तादाद कैसे बढ़ गई। ट्विन सिटी की शायद ही ऐसी कोई कॉलोनी होगी जहां कुत्तों के झुंड न घूमते हों। लोगों ने कमेंट कर अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। इनसेट
छह माह बाद भी नहीं मिली आरटीआई
दरअसल, गांधी नगर कॉलोनी निवासी राजेंद्र कुमार पांचाल ने नगर निगम एरिया में हुई कुत्तों की नसबंदी में अधिकारियों पर घालमेल का आरोप लगाया है। संबंधित मामले में 16 दिसंबर-2019 को आरटीआई के तहत नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर से कुछ सवालों जवाब मांगे थे। उनका सवाल था कि नगर निगम एरिया में कुत्तों की नसबंदी के लिए कौन-कौन सी एजेंसी ने टेंडर डाला? क्या-क्या रेट भरे गए? किस रेट पर टेंडर अलॉट हुआ? कितने कुत्तों की नसबंदी की गई? कितनी रकम अदा की गई और कौन-कौन से अधिकारी अदायगी में शामिल हुए। पांचाल का आरोप है कि उनको आज तक ये सूचनाएं नहीं दी गई। इनसेट
भाजपा ने यह की पोस्ट
भाजपा के प्रदेश सह प्रवक्ता भारत भूषण ने फेस बुक पर पोस्ट किया है कि शहर में आवारा कुत्तों का आतंक फैला हुआ है। प्रोफेसर कालोनी, सरोजनी कालोनी, खेड़ा मोहल्ला, हरबंसपुरा, रेलवे कालोनी सहित अन्य कालोनियों में आवारा कुत्ते रोज बच्चों व वृद्धों के लिए जान का खतरा बने हुए हैं। कई कालोनीवासी इस बात की शिकायत लिखित में नगर निगम को कर चुके हैं, लेकिन..कल शाम को सैर से वापसी के समय सरोजनी कालोनी से गुजरते समय अर्जुन पार्क के पास एक आवारा कुत्ते ने अचानक टांग पर काट लिया। इतना ही नहीं उसके 6-7 साथियों ने भी धावा बोल दिया। कुछ पड़ोसियों व स्वयं के साहस के कारण बचाव हो गया। सिविल अस्पताल में एंटी रेबीज का टीका लगवाने गया तो मेरे आगे लाइन में दो महिलाएं व दो पुरुष भी कुत्ते के काटने के कारण टीका लगवाने खड़े थे। यह स्थिति है शहर की। इंसान को कुत्तों से बचाने के लिए शीघ्र ही प्रशासन को कदम उठाने पडेंगे। मेयर व निगम अधिकारियों को मैंने भी शिकायत की है। आइए हम सब मिलकर एक काम करें। अपने मोहल्ले के आवारा कुत्तों की सूचना नगर निगम में दें। ऐसे आवारा कुत्तों को भोजन व आश्रय का सहारा न दें। प्रशासन स्वयं या किस एनजीओ के माध्यम से इनको पकड़कर शेल्टर होम में भेजे। तभी इस समस्या का समाधान हो सकता है।