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जान का दुश्मन सड़कों पर गोवंश, सात की जान गई, दर्जनभर जख्मी

जागरण संवाददाता यमुनानगर संरक्षण नहीं मिलने के कारण सड़कों पर घूम रहा गोवंश जान

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 04:32 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 04:32 AM (IST)
जान का दुश्मन सड़कों पर गोवंश, सात की जान गई, दर्जनभर जख्मी
जान का दुश्मन सड़कों पर गोवंश, सात की जान गई, दर्जनभर जख्मी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर:

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संरक्षण नहीं मिलने के कारण सड़कों पर घूम रहा गोवंश जान का दुश्मन बन रहा है। पिछले दो वर्षो में 21 हादसे बेसहारा पशुओं की वजह से हुए हैं। नौ लोगों की मौत हो गई और दर्जनभर जख्मी हो गए। गोवंश के कारण हुई घटनाओं को याद कर पीड़ित आज भी सिहर जाते हैं। 3994 एकड़ गोचरान भूमि है। अधिकतर अवैध कब्जे में फंसी है। हैरानी की बात यह है कि प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इसी वजह से हादसे दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। 6ए

पहला केस

गोवंश को खिलाते थे रोटी, ले ली पिता की जान

27 नवंबर 2018 का दिन हमारा परिवार कभी भूला नहीं सकता। सड़क पर घूम रहा एक गोवंश इस तरह हिसक हो गया कि उनके पिता ओमप्रकाश की जान का दुश्मन बन गया। घटना की जानकारी देते हुए मेन बाजार रादौर निवासी रमेश कुमार ने बताया कि उनके पिता ओम प्रकाश बाजार में चाय की दुकान चलाते थे। 25 नवंबर को मुख्य बाजार में रावल चौक एक गोवंश ने उन पर हमला कर दिया। उनको जमीन पर पटक दिया। घायल अवस्था में निजी अस्पताल में पहुंचाया गया, लेकिन हालत में सुधार न देख पीजीआइ रेफर कर दिया। उपचार के दौरान दो दिन बाद उनकी मौत हो गई। उनके बेटे राजेश कुमार ने बताया कि परिवार उस घटना को कभी भूला नहीं सकता। जिस गोवंश की वे पूजा करते हैं, वहीं गोवंश उनकी पिता की मौत का कारण बन गया। उनके पिता भी नियमित रूप से गोवंश को रोटी देते थे। उनके परिवार के लिए यह बड़ी क्षति है। इसको तो कभी पूरा नहीं किया जा सकता, लेकिन सरकार सड़कों पर घूमने वाले इन गोवंश को संरक्षण प्रदान कर इस प्रकार की घटनाओं पर रोक तो लगा सकती है। ऐसा हादसा किसी और परिवार के साथ न हो, इसलिए सरकार को गंभीर होना पड़ेगा। आज तक उनको कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाई। दूसरा केस

गोवंश देखकर घबरा जाते हैं मुनीलाल

26 अगस्त 2019 को रादौर में एसके रोड पर त्रिवेणी चौक के पास सांड़ ने 72 वर्षीय मुनीलाल गुप्ता पर हमला कर दिया। उसकी पसलियां टूट गई थी। कई माह तक अस्पताल में रहे। उनके बेटे ट्रांसपोर्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि उसके पिता छह माह तक बेड पर रहे। एक वर्ष बीतने को है। आज भी उस दिन को याद सहम उठते हैं। इस घटना के बाद आज तक स्वस्थ नहीं हो पाए। सड़क पर पशु देखकर घबरा जाते हैं। बुढ़ापे में मिले इस जख्म के कारण उनका चलना फिरना कम हो गया। तीसरा केस

गोवंश ने मारी टक्कर तो सड़क पर गिरकर टूटी कॉलर बोन

चार माह पहले रादौर के ही अनिल कुमार अपनी बाइक से त्रिवेणी चौक के पास से गुजर रहे थे। चौक पर खड़े गोवंश ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से वे सड़क पर गिर गए और उनकी कॉलर बोन टूट गई। आज तक पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो पाए। उन्होंने बताया कि उस दिन को वे कभी नहीं भूल सकते। उस दिन को याद कर सिहर उठते हैं। सड़कों पर घूम रहे गोवंश का संरक्षण जरूरी है। चौथा केस

एक जख्मी तो दूसरे की हो गई थी मौत

11 अगस्त 2019 को मुखर्जी पार्क जगाधरी निवासी 45 वर्षीय राजीव कुमार व उसका दोस्त महिलावाली निवासी सुरेंद्र कुमार हिमाचल प्रदेश के कालाआंब से ड्यूटी से लौट रहे थे। पाबनी रोड पर सामने पशु आ जाने से बाइक टकरा गई। जिसमें राजीव की मौत हो गई थी, जबकि सुरेंद्र जख्मी हुआ था। पांचवा केस

18 जनवरी 2020 को मिल्कमाजरा में टोल टैक्स बैरियर के पास ट्रक के सामने पशु आने से अनियंत्रित हो गया। जिसमें ट्रक अनियंत्रित होकर दूसरे वाहन से जा टकराया। बीच में फंसने से चालक लियाकत की मौत हुई। छठा केस

24 जुलाई 2019 को उत्तराखंड के कोटद्वार डिपो की बस ने सड़क पर घूम रही दो गायों को टक्कर मार दी। इसमें एक गाय की मौत हो गई। इस घटना के बाद हंगामा हुआ। लोगों ने बस के शीशे तोड़ दिए। इसमें चालक को भी चोटें लगी थी।


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