भूख-बीमारी से मर गई दस गाय, 250 गंभीर
शहजादवाला गांव की पंचायती जमीन पर चल रही गोशाला में दस गायों ने भूख और बीमारी से दम तोड़ दिया। यही स्थिति गोशाला में रह रहीं 250 गायों की भी हैं।
रघुबीर राणा, प्रतापनगर :
शहजादवाला गांव की पंचायती जमीन पर चल रही गोशाला में दस गायों ने भूख और बीमारी से दम तोड़ दिया। यही स्थिति गोशाला में रह रहीं 250 गायों की भी हैं।
ये हालात शहजादवाला गांव में पंचायती जमीन पर चल रही स्वामी वीतरागानंद गोसेवा समिति की गोशाला के हैं। यहां न उचित सफाई है और न ही गायों के लिए चारे का प्रबंध है। यहां तक यहां डॉक्टरी सुविधा भी नहीं है। गोशाला केयरटेकर संजीव ने बताया कि पहले चार कर्मचारी गायों की देखभाल के लिए रखे थे, लेकिन वे भी कई दिनों से नहीं आ रहे। फिलहाल दो कर्मचारी यहां आते हैं। एक कर्मचारी गोबर उठाने और दूसरा भूसा डालने के काम में लगा है। हरे चारे का भी उचित प्रबंध नहीं है।
फिलहाल हालात ये हैं कि जो गाय बची हैं, उनमें से भी अधिकतर चारा न मिलने की वजह से तड़फ रहीं हैं। पशु तस्करों से मुक्त कराई गायों को भी बीमारी की हालत में यहीं छोड़ा जाता है। बीमार होने और देखभाल नहीं होने की वजह से ये गाय दम तोड़ रही हैं। जो बची हुई हैं। वह भी मरने की कगार पर हैं। उल्लेखनीय है कि जिस क्षेत्र की गोशाला में गायों की मौत हुई है। उस क्षेत्र में सांसद रतन लाल कटारिया एक हफ्ते से प्रचार कर रहे हैं। तीन साल पहले शुरू हुई थी गोशाला
तीन साल पहले ग्राम पंचायत शहजादवाला की पंचायती जमीन पर स्वामी वीतरागानंद गोसेवा समिति ने गोशाला शुरू की थी। यहां पर निगम के पकड़े गोवंशों को छोड़ा जाता है। उस समय स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने इस गोशाला का उद्घाटन किया था। इसके अलावा तस्करों से मुक्त कराए गोवंश यहां पर रखे जाते हैं। बिगड़ैल सांडों को भी साथ ही रखा जाता है
गोसेवा समिति से मिली जानकारी के मुताबिक यहां 250 गोवंश हैं। गोशाला में निगम की ओर से पकड़े गए बिगडै़ल सांडों को भी छोड़ा गया है। जो अन्य गोवंशों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वैसे तो हर रोज यहां पर गोवंशों की मौत हो रही है, लेकिन एक साथ दस गाय मरने की वजह मामला खुला है। नियम के मुताबिक गोशाला में छोटे बछड़े-बछड़ियों के लिए अलग से व्यवस्था होनी चाहिए और सांडों को रखने के लिए अलग। गोशाला में ऐसी कोई अलग से व्यवस्था नहीं है।
ये हालात हैं गोशाला में गायों के
गोशाला में सफाई के लिए अलग से कर्मचारी रखा है, लेकिन सफाई व्यवस्था बदहाल है। हर तरफ गोबर के ढेर हैं। कुछ गाय तो गोबर में धंसी हुई हैं। उनके शरीर पर गोबर सना है तो पास में ही गोवंशों का मूत्र बह रहा है। इसकी वजह से हर ओर बदबू फैली है। यहां पर शेड बना है, लेकिन वह भी चारों ओर से खुला है। पिछले दिनों ओलावृष्टि और बारिश में भी गाय बाहर ही रहीं। इसकी वजह से भी कई गाय बीमार हुई। किसी ने भी इन गोवंशों को डॉक्टर से जांच कराने की जहमत नहीं उठाई। 10 लाख का मिला था बजट
एक तरफ गोशाला में बिना चारे के गाय मर रही है, वहीं, पिछले दिनों गोशाला को दस लाख रुपये का बजट मिला था। इस बजट से चारा रखने के लिए शेड बना रही है। यह फिलहाल निर्माणाधीन है, मगर यहां पर चारा नहीं है। गोशाला में दान के भी पैसे आते हैं। बताया जा रहा है कि गोशाला के लिए लोग हरे चारे और रखरखाव के लिए दान देते हैं। सरकार भी निर्धारित बजट देती है। बावजूद इसके गाय भूखों मरने की कगार पर हैं। जिम्मेदारों का जवाब मेरे पास हिसाब-किताब नहीं : सचिव
गोसेवा समिति के सचिव महेंद्र का कहना है कि मेरे पास कोई कॉपी पेंसिल हिसाब के लिए नहीं है। कितने पैसे आए, कितने खर्च हो गए। इसका हिसाब मेरे पास नहीं है। इतना याद है कि 50 हजार रुपये कुछ दिन पहले आए थे। पशुओं की देखभाल के लिए कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं। हरे चारे की भी कमी है। यहां पर पशु डॉक्टर भी कम ही आते हैं। गोशाला में गोवंश कितने मरे जानकारी नहीं : आयोग सदस्य
हरियाणा गोसेवा आयोग के सदस्य गौरव गुप्ता का कहना है कि गोशाला में कितने गोवंश मरे हैं। इसकी जानकारी नहीं है। गोवंशों की अधिक संख्या होने के कारण संभालना मुश्किल हो रहा है। डॉक्टर गांवों में गलघोटू के टीके लगाने में व्यस्त हैं। इस कारण डॉक्टर की रेगुलर विजिट नहीं हो रही है। कोई दिक्कत थी तो हमारा नंबर गोशाला में है : डिप्टी डायरेक्टर
पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर सत्यवीर सिंह का कहना है कि वे लंबी छुट्टी पर हैं। रही बात गोशाला की। हमारे पास स्टाफ की कमी है। फिलहाल टीकाकरण भी चल रहा है। इसलिए हो सकता है रेगुलर विजिट न होती हो, लेकिन गोशाला में हमारा नंबर है। यदि कोई भी दिक्कत है तो फोन किया जा सकता था। ये तो बहुत गलत हुआ: जिलाध्यक्ष
भाजपा के जिला अध्यक्ष महेंद्र खदरी का कहना है कि गोमाता भूख से मर गई य तो बहुत गलत हुआ है। आज तो वे बाहर हैं। कल आते ही गोशाला का दौरा किया जाएगा। चारे की कमी को दूर कराया जाएगा। इस बारे में प्रशासन से भी बात की जाएगी कि गोवंशों की मौत कैसे हुई। अभी चारे का इंतजाम कराया जाएगा : डीसी
भूख से गोवंश मर गए। इस बारे में बिलासपुर एसडीएम गिरीश कुमार से बात करने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उनका नंबर करीब एक घंटे तक व्यस्त आता रहा। बाद में डीसी आमना तस्नीम से इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि गोशाला में अभी चारे का इंतजाम कराया जाएगा। मामले की जांच भी होगी कि गोवंशों की मौत कैसे हुई। इस मामले में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उनको तलब किया जाएगा।