यमुनानगर में बनेगा प्रदेश का पहला फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, 50 करोड़ होंगे खर्च
एग्रो फोरेस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए अब यमुनानगर में फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा। सीएम मनोहर लाल ने प्रगति रैली में इसकी घोषणा कर दी है। इस पर 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह प्रदेश का पहला इंस्टीट्यूट होगा। कारोबारी लंबे समय से इसकी मांग करते आ रहे थे। वन मंत्री कंवरपाल व विधायक घनश्याम दास अरोड़ा इसके लिए काफी प्रयासरत रहे। व्यापारियों को काम के लिए रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून में दौड़ लगानी पड़ती थी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
एग्रो फोरेस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए अब यमुनानगर में फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा। सीएम मनोहर लाल ने प्रगति रैली में इसकी घोषणा कर दी है। इस पर 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह प्रदेश का पहला इंस्टीट्यूट होगा। कारोबारी लंबे समय से इसकी मांग करते आ रहे थे। वन मंत्री कंवरपाल व विधायक घनश्याम दास अरोड़ा इसके लिए काफी प्रयासरत रहे। व्यापारियों को काम के लिए रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून में दौड़ लगानी पड़ती थी। बता दें कि जिले का प्लाइवुड उद्योग विख्यात है। इसमें पापुलर को कच्चे माल के तौर पर प्रयोग किया जाता है। यहां इसकी आपूर्ति न केवल प्रदेश के विभिन्न जिलों से बल्कि उप्र से भी काफी मात्रा में पापुलर पहुंच रहा है। इसके अलावा हरियाणा में 10 दिनों के लिए पुन: गेहूं की खरीद शुरु किए जाने की घोषणा भी सीएम ने की है। खरीद 16 मई से आरंभ हो जाएगी, जो 25 मई तक चलेगी। सीएम ने जिले को 1064 करोड़ की योजनाओं की सौगात दी। इसलिए है इंस्टीट्यूट की जरूरत :
फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट केवल देहरादून में ही है। हालांकि हरियाणा के यमुनानगर में इंस्टीट्यूट बनाए जाने की मांग कई बार उठी है, लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यहां फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट न होने के कारण एग्रो फोरेस्ट्री के क्षेत्र में नए शोध नहीं हो पा रहे हैं। न तो पापुलर जैसी फसल की नई किस्में इजाद हो पा रही हैं और न ही पुरानी किस्मों के कीटों व बीमारियों का सही उपचार हो पा रहा है। जबकि यमुना नगर में बड़े पैमाने पर पापुलर की खेती की जाती है। प्लाइवुड उद्योग होने के कारण यहां इसकी डिमांड भी है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए हर ब्लाक में अद्यौगिक कलस्टर बनाए जाएंगे। अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा उद्योग :
प्रगति रैली के दौरान विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने सीएम के समक्ष पहली मांग फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट बनाए जाने की रखी। विधायक ने कहा कि जिले अब से पहले सीएम करीब चार हजार करोड़ रुपये से होने वाले विकास कार्यों की घोषणाएं कर चुके हैं। बिना खर्ची-पर्ची के नौकरियां मिल हैं। यह सराहनीय है, लेकिन यहां के प्लाइवुड उद्योग को भी आक्सीजन की जरूरत है। यहां फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट बन जाए तो यह प्लाइवुड उद्योग के लिए आक्सीजन का काम करेगा। क्योंकि यहां का प्लाइवुड उद्योग अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। यह एमएसएमई के अंतर्गत आता है और लाखों लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा विधायक ने मार्केट फीस में राहत पर विचार किए जाने की भी मांग रखी।