स्मॉग नहीं ले रहा कम होने का नाम, प्रशासन को पेड़ों पर करनी पड़ी पानी की बौछार
वातावरण में प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ला रहा है। सोमवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 372 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया। लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि प्रशासन को सुबह पेड़ों के पत्तों पर पानी की बौछार करानी पड़ी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : वातावरण में प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ला रहा है। सोमवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 372 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया। लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि प्रशासन को सुबह पेड़ों के पत्तों पर पानी की बौछार करानी पड़ी। दमकल विभाग के कर्मचारियों ने सड़क किनारे खड़े पेड़ों पर पानी डाला ताकि वे अधिक से अधिक ऑक्सीजन बना सके।
बेकाबू हो रहे प्रदूषण के हालात जानने के लिए प्रदेश की मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा ने सोमवार सुबह जिला प्रशासन के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये बात की। उन्होंने डीसी मुकुल कुमार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से रिपोर्ट ली कि जिला में प्रदूषण का स्तर क्या है और इसे कम करने के लिए अब तक क्या किया। उन्होंने प्रदूषण को कम करने के निर्देश देते हुए चेतावनी भी दी कि मुझे इस मामले में कागजी कार्रवाई नहीं बल्कि परिणाम चाहिए।
सुबह 11 बजे तक छाया रहा स्मॉग
सुबह 11 बजे तक भी मौसम में स्मॉग छाया रहा। शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में भी काफी देर तक कोहरा सा छाया रहा, जिससे दृश्यता कम रही। लोगों को दिन में भी अपने वाहनों की हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। हालांकि हल्की हवाएं चलने से लोगों को कुछ राहत जरूर मिली है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हवाएं चलने से स्मॉग आगे निकल जाएगा। जिससे मौसम साफ हो जाएगा। अभी दो दिन तक स्मॉग का असर देखने को मिलेगा जिससे लोगों को आंखों में जलन, गला दर्द व सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पार्क होने लगे सुनसान
बढ़ते प्रदूषण का असर लोगों के सैर-सपाटे पर भी पड़ गया गया है। सुबह-शाम लोगों ने पार्को में घूमना और बैठना बंद कर दिया है। दिनभर लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं। प्रदूषण ने लोगों को उनके ही घरों में कैद कर दिया है। जिससे लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। मॉडल टाउन निवासी विनोद, देवेंद्र सिंह, अभिषेक ने बताया कि सुबह तो प्रदूषण इतना ज्यादा होता है कि सांस लेने में बहुत दिक्कत होती है। मौसम में स्मॉग बहुत ज्यादा है। सुबह तो सड़क पर कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था। जिस कारण उन्होंने पार्को में जाना कम कर दिया है।
शाम को ली जाए रिपोर्ट
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रतिदिन शाम को सरपंचों, ग्राम सचिवों और पटवारियों से उनके एरिया में पराली जलाने की रिपोर्ट ली जाए। निगरानी के लिए मोबाइल टीमों का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की सूचना देने वालों को प्रोत्साहन के तौर पर एक हजार रुपये नगद राशि देकर सम्मानित करने को कहा। साथ ही ये भी कहा कि सूचना देने वाले की पहचान किसी भी सूरत में उजागर नहीं होनी चाहिए। खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों को जागरूक करने के साथ ही फैक्ट्रियों के धुंए पर भी नजर रखने को कहा। पराली जलाने की सूचना टोल फ्री फोन नंबर 01732-237816 और 01732-298096 पर दी जा सकती है। प्रदूषक सुबह शाम
पीएम2.5 372 349
पीएम10 339 311
एनओ2 92 93
एनएच3 12 12
एसओ2 37 25
सीओ 94 60
ओजोन 162 06।