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खनन के लिए चीरा जा रहा पश्चिमी यमुना नहर का सीना, अधिकारी मौन

खनन के लिए पश्चिमी यमुना नहर का सीना चीरा जा रहा है। 15 से 20 फुट तक खोदाई कर दी गई है। सबसे अधिक अमादलपुर से फतेहपुर के बीच की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 09:38 AM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 06:41 AM (IST)
खनन के लिए चीरा जा रहा पश्चिमी यमुना नहर का सीना, अधिकारी मौन
खनन के लिए चीरा जा रहा पश्चिमी यमुना नहर का सीना, अधिकारी मौन

नितिन शर्मा, यमुनानगर : खनन के लिए पश्चिमी यमुना नहर का सीना चीरा जा रहा है। 15 से 20 फुट तक खोदाई कर दी गई है। सबसे अधिक अमादलपुर से फतेहपुर के बीच की जा रही है। यहां तक की पटरी को भी नहीं छोड़ा गया। ठेकेदार ने दक्षिण एरिया में सफाई तक नहीं की। पटरी किनारे से रेत निकालने से कमजोर हो गई। इससे ग्रामीण दहशत में हैं कि कहीं पटरी टूट न जाए। खनन विभाग के अधिकारी मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।

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पानी के बहाव में रुकावट

यमुना किनारे बसे ग्रामीणों के अनुसार जिन लोगों को सफाई का ठेका दिया गया था। उन्होंने सफाई का कार्य ठीक से नहीं किया। दक्षिण दिशा में पानी की सफाई नहीं हुई है। इस कारण पानी के बहाव में रुकावट हो रही है। इस वजह से यहां पर यमुना का बहाव मुड़ गया है। यमुना नहर की पटरी पर खड़े हजारों पेड़ खनन करने वालों ने खत्म कर दिए हैं। ध्यान रहे कि बूड़िया से यमुनानगर बाड़ी माजरा पुल तक हजारों पेड़ किनारों पर लगे थे। पटरी पर हरियाली रहती थी। किनारों पर अब पेड़ नहीं होने से हरियाली कहीं-कहीं ही दिखाई देती है। कहीं 12 तो कहीं 15 फुट तक कर दिया खनन

सफाई ठेकेदार ने सफाई के नाम पर यमुना नहर में कहीं 12 तो कहीं 15 फुट तक खनन कर दिया। रेत निकाल कर किनारों पर स्टॉक कर दिया। यहीं से बिना डर के बेच रहे हैं। दिन रात रेत निकालने का कार्य चलता है। इस तरफ प्रशासन की ओर से गौर नहीं किया गया। जिसका लाभ रेत निकालने वाले उठाने में लगे हैं। सरकार को बिना राजस्व दिए मोटी कमाई करने में लगे हैं। आंखों में गिरती रेत स्लिप होते वाहन चालक

ग्रामीण राकेश कुमार, सुशील, पवरेज, प्रवेश का कहना है कि सड़क किनारे रेत के ढेर लगे हैं। इन दिनों हवा भी तेज चल ही है। हवा के साथ बाइक चालकों की आंखों में रेत उड़ कर गिरती है। इससे कई वाहन चालक स्लिप होकर चोटिल हो चुके हैं। दो दिन पहले ही सहारनपुर जा रहे कमल कुमार बाइक से गिरकर चोटिल हो गए थे। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं

अधिकारियों का कहना है कि मामले को लेकर उन्होंने संबंधित विभाग से शिकायत की थी। कार्रवाई तो दूर की बात, किसी अधिकारी ने गांव में दौरा कर स्थिति का जायजा तक नहीं लिया। उनको तो ये भी नहीं पता कि यहां से रेत निकालने की परमिशन इन लोगों के पास है भी कि नहीं। ग्रामीण मामले को लेकर जल्द सीएम दरबार जाएंगे। अमादलपुर से फतेहपुर के बीच खनन ज्यादा

फतेहपुर के ग्रामीणों ने बताया कि खनन केवल रादौर, गुमथला क्षेत्र में ही नहीं हो रहा, बल्कि यहां भी धड़ल्ले से किया जा रहा है। अमादलपुर से फतेहपुर पुल तक दौरा किया तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। किश्ती लेकर हर समय लोग पानी में रहते हैं। नेटवर्क बढि़या है। इनको पल-पल की जानकारी संबंधित विभाग के अधिकारियों के लोकेशन की मिलती रहती है।


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