वैज्ञानिकों ने किसानों को समझाया फसल अवशेष जलाने से जमीन के सूक्ष्म कीट नष्ट और पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं
एक टन पराली जलाने से 1460 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड 60 किलोग्राम कार्बन दो किलोग्राम सल्फर डाइऑक्साइड 199 किलोग्राम राख आदि हानिकारक जहरीली गैसें वातावरण को दूषित करती हैं जो मानव जीवन व अन्य जीवों के स्वास्थ्य पर भी गहरा दुष्प्रभाव छोड़ती हैं।
भागलपुर। करीब 55 वर्षो से हावड़ा से जयनगर के बीच चल रही हावड़ा-जयनगर फास्ट पैसेंजर (धुलियान पैसेंजर) का सफर यात्रियों के लिए इतिहास बन जाएगा। रेलवे बोर्ड इस ट्रेन को एक्सप्रेस बनाने का मन बना लिया है। इसके लिए सहमति भी मिल गई है। अगले महीने लागू होने वाली समय सारिणी की सूची में इसे शामिल किया जाएगा। दरअसल, देश में अभी ट्रेनों का परिचालन सामान्य नहीं हुआ है, वर्तमान में जो ट्रेनों को कोविड स्पेशल या फिर स्पेशल बनाकर चलाया जा रहा है। ऐसे में परिचालन फिर से शुरू करने के बाद रेलवे कई पैसेंजर ट्रेनों को अपग्रेड कर एक्सप्रेस बना रहा है। इसमें हावड़ा-जयनगर को भी शामिल किया गया है। ट्रेनों का परिचालन नियमित होने के बाद पैसेंजर ट्रेन एक्सप्रेस बनकर चलेगी।
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बढ़ जाएगी रफ्तार, ठहराव होगा कम
रेलवे ने उम्मीद जताई है कि एक्सप्रेस ट्रेन बनने के बाद दोनों की स्पीड बढ़ जाएगी। यात्रियों का सफर और सुहावना होगा। रेल अधिकारी ने बताया कि पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस में कन्वर्ट करने का प्लान तैयार कर लिया गया है। अभी ट्रेन संख्या 53041/42 को हावड़ा से जयनगर पहुंचने में 30 घटे लगते हैं। एक्सप्रेस बनने के बाद यह दूरी 16 से 17 घंटे में तय होगी।
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यात्रियों की जेब होगी ढीली
पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस बनाने के बाद रफ्तार तो बढ़ जाएगी। गंतव्य तक पहुंचने में समय भी कम लगेगा, पर एक्सप्रेस बनने के बाद ट्रेन का किराया एक्सप्रेस का होगा। ऐसे में यात्रियों की जेब ढीली होगी। वहीं, छोटे स्टेशनों और हॉल्ट से ठहराव हटाए जाने के बाद यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।