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एसबीआइ कर्मचारी ने किया गबन, उपभोक्ता काट रहे चक्कर

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी के गबन की सजा उपभोक्ता भुगत रहे हैं। जीवन भर की जमा पूंजी गंवा दी। अब उसे वापस लेने के लिए कभी बैंक तो कभी पुलिस के चक्कर काट रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 06:00 AM (IST)
एसबीआइ कर्मचारी ने किया गबन, उपभोक्ता काट रहे चक्कर
एसबीआइ कर्मचारी ने किया गबन, उपभोक्ता काट रहे चक्कर

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी के गबन की सजा उपभोक्ता भुगत रहे हैं। जीवन भर की जमा पूंजी गंवा दी। अब उसे वापस लेने के लिए कभी बैंक, तो कभी पुलिस के चक्कर काट रहे हैं। जिस कर्मचारी ने गबन किया था, उसने आत्महत्या कर ली थी। बैंक की ओर से भी जांच की गई, तो सामने आया कि कई अन्य लोगों के खातों में भी इस कर्मचारी ने इसी तरह से गड़बड़ी की थी। शुक्रवार को शांति कालोनी निवासी सुशीला व उसके पिता जाति राम ने इस मामले में डीसी मुकुल कुमार व एसपी कमलदीप गोयल को शिकायत दी। इनका करीब 17 लाख रुपये कर्मचारी ने अपने परिवार के लोगों के खातों में ट्रांसफर किए थे।

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शांति कालोनी निवासी जाति राम ने बताया कि वह अंबाला में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन से वर्ष 2013 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनका अंबाला में एसबीआइ में खाता था। एक अन्य खाता एसबीआइ नाहरपुर में है। इनमें उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद करीब 30 लाख रुपये जमा कराए थे। कुछ पैसा वह बीच में निकालते भी रहे। बेटी का भी खुलवाया एसबीआइ में खाता

जाति राम सत्संग में जाते थे, जहां उनकी बैंक कर्मचारी राजेश से मुलाकात की। दोनों सत्संगी होने की वजह से आपस में बातचीत होने लगी। इस बीच जाति राम की बेटी सुशीला का तलाक हो गया था। उसे तलाक के बाद में चार लाख रुपये मिले थे। उन्होंने राजेश से बात कर सुशीला का खाता खुलवा दिया। वर्ष 2015 से 17 तक सुशीला ने खाते से कोई पैसा नहीं निकाला, क्योंकि उसे मकान बनाना था। इसमें वह थोड़ा-थोड़ा कर पैसा जमा करती रही। जाति राम ने बताया कि उन्हें कभी पैसे की जरूरत पड़ती, तो वह राजेश को चेक देकर मंगवा लेते थे। राजेश ने कर ली थी आत्महत्या

सुशीला ने बताया कि राजेश ने आत्महत्या कर ली थी। इस बीच वह मकान बनाने के लिए बैंक से पैसा निकलवाने के लिए गई, तो पता लगा कि खाते में कोई पैसा नहीं है। यह सुनकर उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। बैंक में पता किया, तो जानकारी मिली कि राजेश ही इस खाते का प्रयोग करता था। बैंक मैनेजर को इस संबंध में शिकायत दी, लेकिन वह जांच करने की बात कहते रहे। अब तक कोई पैसा नहीं मिला है। बाद में आरटीआइ के जरिए पता किया, तो जानकारी मिली कि राजेश ने अपने परिवार के लोगों के खाते में यह पैसा ट्रांसफर किया है। राजेश के परिवार के लोगों से भी बात की, लेकिन उन्होंने भी कोई रास्ता नहीं दिया। वहीं शाखा प्रबंधक हरप्रीत सिंह का कहना है कि इस मामले में मुख्यालय से जांच चल रही है। ऐसे में इस बारे में अधिक नहीं बता सकते। उधर, डीएसपी हेडक्वार्टर सुभाष चंद का कहना है कि इस मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।


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