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मंत्री बोले :अंगुठी नहीं पहनता, राशि के हिसाब से पौधे लगाने से होगा लाभ, मैंने भी अखरोट का पौधा लगाया है

मेरी किसी भी अंगुली में कोई भी अंगुठी नहीं है। इस तरह की बात मैं नहीं मानता हूं लेकिन राशि के हिसाब से पौधे लगाने से निश्चित तौर पर लाभ होता है। आज भी अपनी राशि के मुताबिक अखरोट का पौधा लगाया है। किसी को लाभ न हो तो मुझसे मिल सकता है। उक्त शब्द वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने हरियाणा वन विभाग की ओर से 72वां राज्य स्तरीय वन महोत्सव के कार्यक्रम में कहे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 07:13 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 07:13 AM (IST)
मंत्री  बोले :अंगुठी नहीं पहनता, राशि के हिसाब से पौधे लगाने से होगा लाभ, मैंने भी अखरोट का पौधा लगाया है
मंत्री बोले :अंगुठी नहीं पहनता, राशि के हिसाब से पौधे लगाने से होगा लाभ, मैंने भी अखरोट का पौधा लगाया है

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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मेरी किसी भी अंगुली में कोई भी अंगुठी नहीं है। इस तरह की बात मैं नहीं मानता हूं, लेकिन राशि के हिसाब से पौधे लगाने से निश्चित तौर पर लाभ होता है। आज भी अपनी राशि के मुताबिक अखरोट का पौधा लगाया है। किसी को लाभ न हो तो मुझसे मिल सकता है। उक्त शब्द वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने हरियाणा वन विभाग की ओर से 72वां राज्य स्तरीय वन महोत्सव के कार्यक्रम में कहे। कार्यक्रम स्वर्ण जयंती हाल में मनाया गया। वन महोत्सव के अवसर पर सीएम मनोहर लाल ने वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से संबोधित किया। वन मंत्री ने अरावली-द लास्ट फ्रंटियर एंड धरोहर नामक स्मारिका का विमोचन भी किया। अरावली-द लास्ट फ्रंटियर अरावली पर एक सचित्र पुस्तक है जिसमें हरियाणा की अरावली पहाड़ियों के अद्वितीय परिदृश्यों, वनस्पतियों और जीवों को दर्शाया गया है। स्कूली बच्चों को विशेष रूप से प्रकृति की शिक्षा सिखाने की जरूरत है और इसी दृष्टि से स्कूली बच्चे एजुसेट के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े हैं। राशि : पौधा मंत्री ने मंच से राशि के साथ पौधे के नाम सभी को बताए।

मेष : आम व आंवले वृषभ : गूलर, अशोक और जामुन मिथुन : बांस या बरगद कर्क : आंवले या पीपल सिंह : जामुन या बरगद कन्या : अमरूद और बेल तुला : मौलसिरी, अर्जुन या चीकू वृश्चिक : खैर या नीम धनु : कदंब या गुग्गल। मकर : कटहल कुंभ : शमी या आम मीन : नीम

इनसेट

इनको किया सम्मानित

इससे पूर्व वन विभाग की ओर से 22 जुलाई को वन एवं पर्यावरण विषय पर आयोजित लिखित प्रश्नोत्तरी एवं चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को क्रमश: पांच हजार, चार हजार और तीन हजार रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिला स्तर पर क्विज और पेंटिग के विजेताओं को क्रमश: तीन हजार, दो हजार और एक हजार रुपये दिए गए। उन्होंने पौधारोपण में अहम भूमिका निभाने के लिए पानीपत के गांव ग्वालड़ा की पूर्व सरपंच सहित अन्य 25 पूर्व सरपंचों, स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया। इनसेट

सभी जिलों में स्थापित होंगे आक्सीवन

वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में आक्सीवन की स्थापना की जाएगी। इसके मुख्य घटक चितवन (सौंदर्य का वन), अंतरिक्ष वन (राशि वन, नक्षत्र वन और नवग्रह वन), स्मृति वन, नीर वन (जल लिली का जंगल), आरोग्य वन, सुगंध वन, ऋषि वन, पाखी वन (पक्षियों के लिए जंगल) आदि होंगे। आक्सी वन में नेचर ट्रेल्स, एम्फीथिएटर और इंटरप्रिटेशन सेंटर भी होंगे। नागरिकों को अपने घरों के आस-पास ही प्रकृति का अनुभव मिलेगा। इनसेट

हर साल बढ़ेंगे 250 रुपये :

प्राणवायु देवता पेंशन योजना अद्वितीय है और भारत में अपनी तरह की यह पहली योजना है। वृक्षों को सम्मान देने के लिए हरियाणा सरकार ने उन सभी पेड़ों को सम्मानित करने की पहल की है जो 75 वर्ष और उससे अधिक आयु के हैं और जिन्होंने जीवन भर आक्सीजन का उत्पादन करके, प्रदूषण कम करके, छाया प्रदान करके मानवता की सेवा की है। ऐसे पेड़ों की पूरे राज्य में पहचान की जाएगी और स्थानीय लोगों को शामिल करके इनकी देखभाल की जाएगी। वृद्धा पेंशन की तरह इसमें बढ़ोतरी होगी। हर साल 250 रुपये बढ़ाने की योजना है। जिसके घर पर व खेत में पौधा। उसके बाद में भी सरकार सोच रही है। इनसेट

पौधे लगाने का आह्वान

वन महोत्सव में अंबाला लोकसभा के सांसद रतन लाल कटारिया, यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने भी अपने विचार रखे और लोगों से अपील की है कि सभी अधिक से अधिक पेड लगाएं। मौके पर डा. जी.अनुपमा प्रधान सचिव, वन, विभाग हरियाणा, वी. उमाशंकर प्रधान सचिव, अमित अग्रवाल मुख्यमंत्री हरियाणा के अतिरिक्त प्रधान सचिव, जिलाध्यक्ष राजेश सपरा, पूर्व विधायक बलवंत सिंह, मेयर मदन चौहान, हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष राम निवास गर्ग, हरियाणा समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्षा रोजी आनंद मलिक व अन्य उपस्थित थे।


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