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कामर्शियल वाहनों में आई मंदी से पेट्रोल-डीजल की बिक्री घटी

कमर्शियल वाहनों में आई मंदी से पेट्रोल-डीजल की बिक्री घट गई है। इससे पेट्रोल पंप संचालकों को हर रोज काफी नुकसान हो रहा है। इस साल मई माह से पेट्रोलियम पदार्थो की बिक्री पर असर पड़ा है। दूसरा डीजल की कारों की बिक्री का असर भी देखने को मिल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 09:30 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 09:30 AM (IST)
कामर्शियल वाहनों में आई मंदी से पेट्रोल-डीजल की बिक्री घटी
कामर्शियल वाहनों में आई मंदी से पेट्रोल-डीजल की बिक्री घटी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कमर्शियल वाहनों में आई मंदी से पेट्रोल-डीजल की बिक्री घट गई है। इससे पेट्रोल पंप संचालकों को हर रोज काफी नुकसान हो रहा है। इस साल मई माह से पेट्रोलियम पदार्थो की बिक्री पर असर पड़ा है। दूसरा डीजल की कारों की बिक्री का असर भी देखने को मिल रहा है।

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ट्रांसपोर्ट को काम नहीं मिलने से घट रही बिक्री : जिले में मेटल व प्लाईवुड की करीब 2500 इकाइयां हैं। जिनमें तैयार माल को ट्रकों के माध्यम से दूसरे राज्यों में भेजा जाता है, लेकिन देशभर में आई मंदी से अब तक 75 से ज्यादा फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं। जबकि अन्य में उत्पादन घटने से काम भी कम हो गया है। ट्रकों को मालभाड़ा नहीं मिल रहा है। 900 से ज्यादा ट्रक तो काम नहीं मिलने के कारण खाली खड़े हैं। इसका सीधा असर डीजल की बिक्री पर पड़ा है। कमर्शियल वाहन कम चलने से डीजल की बिक्री 20 प्रतिशत तथा पेट्रोल की 10 प्रतिशत कम हुई है। डीजल की गाड़ियों की सेल घटी : एक वक्त था जब पेट्रोल व डीजल की कीमतों में जमीन आसमान का अंतर होता था। परंतु अब पेट्रोल की कीमत डीजल से महज पांच रुपये ज्यादा है। दूसरा पेट्रोल की गाड़ियों का सर्विस व मेंटेनेंस खर्च भी कम है। इसलिए डीजल की बजाय पेट्रोल से चलने वाली कारों की डिमांड काफी बढ़ गई है। डीजल की बिक्री घटने का यह भी बड़ा कारण है। आने वाले समय में इलेक्ट्रॉनिक कारें चलेंगी इसलिए यह बिक्री ओर भी ज्यादा घट जाएगी। उप्र की सीमा पर भी सेल घटी : उत्तर प्रदेश की सीमा पर लगे पेट्रोल पंपों की सेल भी कई माह से लगातार घटती जा रही है। जिले में पेट्रोल-डीजल की सबसे ज्यादा बिक्री बार्डर पर ही होती थी। जिले में 125 पेट्रोल पंप हैं। बार्डर पर पेट्रोल पंप खोलने के लिए लोगों में होड़ मची रहती थी। इसकी वजह उत्तर प्रदेश में पेट्रोल-डीजल हरियाणा से ज्यादा महंगा होना था। परंतु अब उप्र में पेट्रोल केवल तीन रुपये प्रति लीटर महंगा है। इसलिए सेल घट गई है। पहले लोग ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में ड्रम भरवा कर यमुनानगर से ले जाते थे। फोटो : 16

कमर्शियल वाहनों का ज्यादा असर पड़ा : बृजेश शर्मा

पेट्रोल पंप एसोसिएशन यमुनानगर के प्रधान बृजेश शर्मा का कहना है कि अब ट्रकों चालकों के पास काम नहीं है। इसलिए डीजल, पेट्रोल की बिक्री लगातार कम हो रही है। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए। यदि इलेक्ट्रॉनिक कारें चल गई तो उनकी सेल ओर भी ज्यादा कम हो जाएगी। फोटो : 16ए

नोटबंदी व जीएसटी मंदी का कारण : वंदना मदान

टीम्ट में डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट की एचओडी डॉ. वंदना मदान का कहना है कि नोटबंदी के तुरंत बाद जीएसटी को लागू करना केंद्र सरकार का गलत फैसला था। इससे रोजगार के अवसर खत्म हो गए। रोजगार चले जाने से लोगों के पास पैसा नहीं रहा। मार्केट में रुपये की कमी हो गई है। जिस कारण लोग कुछ भी नहीं खरीद पा रहे हैं। अभी मंदी का दौर शुरू हुआ है। यदि सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए तो कई सालों तक इसका असर देखने को मिलेगा।


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