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लॉकडाउन के 10 दिन में रोडवेज को डेढ़ करोड़ का नुकसान

कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन से अभी तक रोडवेज के यमुनानगर डिपो को डेढ़ करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। अभी 14 अप्रैल तक बसों का चक्का जाम ही रहेगा। ऐसे में 21 दिनों के लिए लगे लॉकडाउन में रोडवेज का घाटा तीन करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच जाएगा। इस नुकसान का असर भविष्य में यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं पर भी पड़ सकता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 05:14 AM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 06:17 AM (IST)
लॉकडाउन के 10 दिन में रोडवेज को डेढ़ करोड़ का नुकसान
लॉकडाउन के 10 दिन में रोडवेज को डेढ़ करोड़ का नुकसान

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन से अभी तक रोडवेज के यमुनानगर डिपो को डेढ़ करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। अभी 14 अप्रैल तक बसों का चक्का जाम ही रहेगा। ऐसे में 21 दिनों के लिए लगे लॉकडाउन में रोडवेज का घाटा तीन करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच जाएगा। इस नुकसान का असर भविष्य में यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं पर भी पड़ सकता है। वर्कशाप में खड़ी हैं 165 बसें :

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यमुनानगर डिपो में 155 बसें हैं। इसके अलावा पांच बसें किलोमीटर स्कीम के तहत आई थी। वहीं पांच पिक बसें भी आई हैं। लेकिन ये बसें कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को लाने ले जाने का काम ही करेंगी। एक दिन में सभी बसों के चलने से डिपो को करीब 15 लाख रुपये की आमदनी होती है। परंतु जब से लॉकडाउन लगा है तभी से सभी बसें रोडवेज वर्कशाप व बस अड्डों पर खड़ी हैं। सरकार ने लोगों का अपने घरों से बाहर निकलना बंद कर रखा है। जिस कारण डिपो को रोजाना 15 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। नई बसें आने की उम्मीद कम :

यात्री व रोडवेज कर्मचारी लंबे समय से नई बसें खरीदने की मांग कर रहे हैं, परंतु लॉकडाउन का असर पूरे देश पर पड़ा है। रोडवेज को रोजाना होने वाली आमदनी खत्म हो गई है। ऐसे में बड़े स्तर पर हो रहे नुकसान को देखते हुए कयास लगाया जा रहा है कि भविष्य में नई बसों को खरीदने का मामला लटक सकता है। क्योंकि पहले ही रोडवेज में काफी कम बसें हैं। किलोमीटर स्कीम की बसें चलते ही बंद :

किलोमीटर स्कीम के तहत सरकार ने प्रदेश में बसों को चलाया है। जिला में इस योजना के तहत पांच बसें आई थी। सभी बसों को दिल्ली रूट पर लगाया गया था। परंतु बसें चलाते ही इनके मालिकों को घाटा हो गया। दिल्ली जाने वाली बसों की संख्या तो पहले ही कम कर दी गई थी। लेकिन अब ये बसें पूरी तरह से बंद हैं। ऐसे में योजना के तहत बस चलाने वाले लोगों को रोजाना काफी घाटा हो रहा है। रोजाना होने वाली आमदनी बंद हो गई है : लेखराज

रोडवेज जीएम लेखराज का कहना है कि लॉकडाउन से रोडवेज को रोजाना होने वाली आमदनी तो बिल्कुल ही बंद हो गई है। फिलहाल 14 अप्रैल तक बसें नहीं चलाने के आदेश हैं। लॉकडाउन से रोडवेज को बड़े स्तर पर घाटा हुआ है।


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