रोडवेज के 145 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट, जीएम ने मुख्यालय भेजी लिस्ट
एस्मा लगे होने के बावजूद हड़ताल पर गए रोडवेज कर्मचारियों की नौकरी पर संकट के बादल छा गए हैं। रोडवेज महाप्रबंधक ने 145 कर्मचारियों की लिस्ट मुख्यालय भेजी है। ये सभी कर्मचारी पांच सितंबर को हड़ताल पर थे। इन कर्मचारियों को सस्पेंड किया जाता है या फिर चार्जशीट करते हुए ट्रांसफर की जाती है ये निर्णय सरकार को लेना है। जब से ये लिस्ट मुख्यालय गई है तब से इन कर्मचारियों की रातों की नींद उड़ी हुई है। प्रदेशभर में करीब 300 रोडवेज कर्मचारियों को सरकार सस्पेंड कर चुकी है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : एस्मा लगे होने के बावजूद हड़ताल पर गए रोडवेज कर्मचारियों की नौकरी पर संकट के बादल छा गए हैं। रोडवेज महाप्रबंधक ने 145 कर्मचारियों की लिस्ट मुख्यालय भेजी है। ये सभी कर्मचारी पांच सितंबर को हड़ताल पर थे। इन कर्मचारियों को सस्पेंड किया जाता है या फिर चार्जशीट करते हुए ट्रांसफर की जाती है ये निर्णय सरकार को लेना है। जब से ये लिस्ट मुख्यालय गई है तब से इन कर्मचारियों की रातों की नींद उड़ी हुई है।
प्रदेशभर में करीब 300 रोडवेज कर्मचारियों को सरकार सस्पेंड कर चुकी है। ऐसी कार्रवाई करके सरकार ने ये संदेश देने की कोशिश की है कि वो अब कर्मचारियों के दबाव में आने वाली नहीं है। इसलिए 145 कर्मचारियों पर भी सख्त कार्रवाई होना तय है। लेकिन एक साथ इतने कर्मचारियों को सस्पेंड करने से डिपो का कार्य लटक सकता है। इसलिए कयास ये भी लगाया जा रहा है कि कर्मचारी एकता को कमजोर करने के लिए इन्हें दूसरे जिलों में ट्रांसफर किया जा सकता है।
115 बसें ही चल पाई थी हड़ताल के दिन
प्रदेश सरकार ने रोडवेज में 720 प्राइवेट बसें किराये पर चलाने का निर्णय लिया था। इसके विरोध में रोडवेज की कुछ यूनियन ने पांच सितंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था। परंतु सरकार ने हड़ताल से सप्ताह भर पहले ही एस्मा लगा दिया था। जिसके तहत कोई भी कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकता। इसके बावजूद यमुनानगर डिपो के 145 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। हड़ताल के कारण डिपो की 161 में से केवल 115 बसें ही चल पाई थी। हड़ताल से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं कम बसें चलने से रोडवेज को भी लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
आठ घंटा पहले हड़ताल पर चले गए थे कर्मचारी
कर्मचारियों ने पांच सितंबर को हड़ताल की घोषणा की थी। परंतु कर्मचारी आठ घंटा पहले ही हड़ताल पर चले गए थे। चार सितंबर को हड़ताल का आह्वान करने वाली यूनियन नेताओं ने रोडवेज वर्कशाप में गेट मी¨टग का आयोजन किया था। जिसमें हड़ताल की रणनीति बनाई जानी थी। पांच सितंबर को यात्रियों को बसें न चलने से परेशानी न झेलनी पड़े इसके लिए जीएम र¨वद्र पाठक ने कुछ बसों को पुलिस लाइन व थाने में खड़ी करवा दिया था। इसका पता कर्मचारियों को पता चला तो उन्होंने वर्कशाप के अंदर से किसी भी बस को बाहर नहीं जाने दिया। पौने चार बजे के बाद काफी बसें सड़क पर नहीं चल सकी। जीएम जब उनसे बात करने पहुंचे तब भी कुछ कर्मचारी उनसे उलझ गए थे।
हमारा आंदोलन जारी रहेगा : हरिनारायण शर्मा
आल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान हरिनारायण शर्मा का कहना है कि सरकार 720 प्राइवेट बसें चलाकर रोडवेज का निजीकरण करना चाहती है। हम इसी का विरोध कर रहे हैं। सरकार भले ही सभी कर्मचारियों को सस्पेंड कर दे लेकिन हमारा आंदोलन खत्म होने वाला नहीं है। 10 सितंबर को भी हम बस स्टैंड पर काले झंडों के साथ प्रदर्शन करेंगे। भाजपा सरकार नई बसें खरीदने की बजाय प्राइवेट बसें चला रही है जिससे लोगों को नुकसान होगा।
एस्मा नहीं लगाना चाहिए था : प्रताप ¨सह
हरियाणा परिवहन कर्मचारी संघ के डिपो प्रधान एवं प्रदेश महासचिव प्रताप भनवाल का कहना है कि हम भी सरकार की किराये पर 720 बसें चलाने की नीति का विरोध करते हैं। इसके अलावा सरकार को कर्मचारियों पर एस्मा नहीं लगाना चाहिए था। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का हक है।
145 कर्मचारियों की लिस्ट भेजी है : पाठक
जीएम र¨वद्र पाठक का कहना है कि सरकार ने उन कर्मचारियों की लिस्ट मांगी थी जो हड़ताल पर थे। हमने 145 कर्मचारियों की लिस्ट भेजी है। इन कर्मचारियों को सस्पेंड किया जाता है या फिर चार्जशीट ये निर्णय सरकार को करना है।