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प्रिसिपल रितू हत्याकांड : जज का हुआ तबादला, दोषी शिवांस की सजा पर नहीं हो सका फैसला

स्वामी विवेकानंद स्कूल की प्रिसिपल रितू छाबड़ा की हत्या के दोषी हमीदा निवासी छात्र शिवांस की सजा पर फैसला नहीं हो सका।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 09:15 AM (IST)
प्रिसिपल रितू हत्याकांड : जज का हुआ तबादला, दोषी शिवांस की सजा पर नहीं हो सका फैसला

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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स्वामी विवेकानंद स्कूल की प्रिसिपल रितू छाबड़ा की हत्या के दोषी हमीदा निवासी छात्र शिवांस की सजा पर फैसला नहीं हो सका। इस केस में एक्सक्लूसिव कोर्ट क्राइम अगेंस्ट वुमैन एंड चिल्ड्रन की जज पायल बंसल ने शिवांस को दोषी करार दिया था। शुक्रवार को सजा पर फैसला होना था, लेकिन जज पायल बंसल का फास्ट ट्रैक कोर्ट (पोक्सो) में तबादला हो गया। ड्यूटी जज अमरेंद्र शर्मा ने अब इस केस में चार मार्च की तारीख तय की है।

गत 20 जनवरी 2018 को स्वामी विवेकानंद स्कूल में पैरेंट्स टीचर्स मीटिग चल रही थी। इस दौरान 12वीं कक्षा के छात्र शिवांस प्रिसिपल रीतू छाबड़ा के कमरे में आया। उसने प्रिसिपल पर रिवाल्वर से गोलियां चलानी शुरू कर दी। प्रिसिपल को चार गोलियां मारी गई थीं। वह पिस्तौल दिखाते हुए भागने लगा, तो लोगों ने कुछ ही दूरी पर शिवांस को पकड़ लिया। छात्र को पीटा गया। बाद में पुलिस ने लोगों से उसे छुड़ाकर हिरासत में लिया। वहीं गंभीर हालत में प्रिसिपल को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस की जांच में सामने आया था कि शिवांस की प्रैक्टिकल फाइल पर साइन करने से प्रिसिपल ने मना कर दिया था। इसी रंजिश में उसने अपने पिता रणजीत की लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोलियां चलाई। गिरफ्तारी के दौरान अदालत में वीडियो भी दिखाया गया था। इस केस में 11 जुलाई 2018 को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। 25 फरवरी को जज पायल बंसल ने शिवांस को दोषी करार दिया था। पुलिस ने शिवांस के पिता रणजीत को भी आ‌र्म्स एक्ट की धारा 29 के तहत आरोपित बनाकर गिरफ्तार किया था। आठ महीने तक वह जेल में रहे। बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिली। उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।

जिसने पकड़ा था, वहीं गवाह मुकर गया

इस केस में 16 लोगों की गवाही हुई थी, जिसने शिवांस को भागते समय पकड़ा, वह कोर्ट में मुकर गया था। इसी आधार पर बचाव पक्ष के वकीलों ने लंबी बहस की, लेकिन मौके से बनाई गई वीडियो को कोर्ट में दिखाया गया। इसमें शिवांस को वही व्यक्ति पकड़े हुए दिख रहा है, जो मुकरा था।

इसलिए नहीं हो सका सजा पर फैसला :

हाईकोर्ट ने 26 फरवरी को एक्सक्यूसिव कोर्ट क्राइम अगेंस्ट वुमैन एंड चिल्ड्रन को फास्ट ट्रैक कोर्ट पोक्सो बनाने के आदेश दिए। अब जज पायल बंसल पोक्सो के केसों की सुनवाई करेगी। वहीं हीनियस क्राइम अगेंस्ट वुमैन कोर्ट में महिलाओं से जुड़े अपराधों की सुनवाई होगी। अब इसकी जज नेहा नौरिया होंगी। अभी जज नेहा नौरिया ट्रेनिग पर है। जिस वजह से ड्यूटी जज अमरेंद्र सिंह की कोर्ट में शिवांस की सजा पर फैसले के केस को लगाया गया। उन्होंने चार मार्च की तारीख दे दी।


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