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कमिश्नर से पीटिशन कमेटी को सौंपी आठ वार्डों की रिपोर्ट, अब होगी रेंडम जांच

पीटिशन कमेटी के हस्तक्षेप के बाद नगर निगम के आठ वार्डों में एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम आखिर एक वर्ष बाद पूरा हो ही गया। निगम कमिश्नर अजय सिंह तोमर ने रिपोर्ट कमेटी को सौंप दी है। हालांकि कुछ पार्षद संतुष्ट नहीं है। इनमें लाइटों की व्यवस्था को जांचने के लिए अब रेंडम जांच होगी। यह जांच रात के समय होगी। इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में कमिश्नर नगर निगम का एक्सईएन बिजली निगम का एक्सईएन व पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन कुमार शामिल हैं। इन वार्डों में 8164 लाइटें लगाई गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 05:31 AM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 05:31 AM (IST)
कमिश्नर से पीटिशन कमेटी को सौंपी आठ वार्डों की रिपोर्ट, अब होगी रेंडम जांच
कमिश्नर से पीटिशन कमेटी को सौंपी आठ वार्डों की रिपोर्ट, अब होगी रेंडम जांच

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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पीटिशन कमेटी के हस्तक्षेप के बाद नगर निगम के आठ वार्डों में एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम आखिर एक वर्ष बाद पूरा हो ही गया। निगम कमिश्नर अजय सिंह तोमर ने रिपोर्ट कमेटी को सौंप दी है। हालांकि कुछ पार्षद संतुष्ट नहीं है। इनमें लाइटों की व्यवस्था को जांचने के लिए अब रेंडम जांच होगी। यह जांच रात के समय होगी। इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में कमिश्नर, नगर निगम का एक्सईएन, बिजली निगम का एक्सईएन व पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन कुमार शामिल हैं। इन वार्डों में 8164 लाइटें लगाई गई हैं। यह है मामला

मार्च-2020 में नगर निगम के वार्ड नंबर-दो, छह, आठ, नौ, 10, 15, 19, 21 में स्ट्रीट लाइट लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई। हर वार्ड में करीब एक हजार स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी हैं। ठेकेदार ने लाइट लगाने का काम शुरू ही किया था कि निगरानी कमेटी के सदस्यों व पार्षदों ने लाइटों की गुणवत्ता और टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठा दिए और काम रुकवा दिया गया। इसकी शिकायत कमिश्नर, मेयर व विधायक को गई। सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण कुमार व पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन कुमार ने संबंधित शिकायत विधानसभा की पीटिशन कमेटी को दी थी।

पार्षद का आरोप- नहीं ली एनओसी

वार्ड आठ से पार्षद विनोद मरवाह का कहना है कि नगर निगम अधिकारी बेशक वार्ड में 1348 लाइटें लगाए जाने की बात कह रहे हों, लेकिन हकीकत कुछ और है। अभी भी लाइटें खराब पड़ी हैं। उनसे एनओसी भी नहीं ली गई। इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों की दी जाएगी। उधर, वार्ड नौ से पार्षद प्रतिनिधि व पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर पवन बिट्टू का कहना है कि वार्ड में लाइटें जरूर लग चुकी हैं, लेकिन टेंडर की शर्तों के मुताबिक 20 लाइटों का ग्रुप बनाकर एक स्विच लगाया जाना है। यह काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

अन्य वार्डों में भी स्थिति खराब :

शहर के आठ वार्डों में बेशक स्ट्रीट लाइटें लगवा दी गई हों, लेकिन अन्य वार्डों में व्यवस्था खराब है। यहां तक कि मुख्य मार्गों पर लाइटें खराब पड़ी हैं। शिकायत किए जाने के कई-कई माह तक इनको ठीक नहीं किया जाता। सहारनपुर-कुरुक्षेत्र रोड पर गत वर्ष लाइटें लगाई गई थी, लेकिन इन दिनों सभी लाइटें बंद पड़ी हैं। वार्ड 13 से पार्षद निर्मल चौहान का कहना है कि जो लाइट एक बार खरबा हो जाती है, उसको कई-कई माह तक ठीक नहीं किया जाता। वार्ड चार से पार्षद देवेंद्र कुमार का कहना है कि उनके वार्ड में अधिकांश लाइटें खराब पड़ी हैं। बार-बार शिकायत करने के बावजूद लाइटों को ठीक नहीं किया जा रहा है। सभी लाइटें लगाई जा चुकी :

आठ वार्डों में लगाई गई स्ट्रीट लाइटों की रिपोर्ट मिल चुकी है। सभी लाइटें लगाई जा चुकी हैं। वार्ड 15 व 19 में रेंडम जांच होगी। इसके लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है।

घनश्याम दास अरोड़ा, अध्यक्ष, पिटीशन कमेटी।


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