Move to Jagran APP

आरसी फर्जीवाड़ा : गाड़ियों को रिकवर करने में छूट रहे पसीने, अभी तक महज 120 ही ली गई कब्जे में

नीलामी के वाहनों के फर्जी दस्तावेजों पर आरसी तैयार कर चल रहे वाहनों को स्पेशल इंवेस्टीगेशन (एसआइटी) टीम ने कब्जे में लेना शुरू कर दिया है। अभी तक मात्र 120 गाड़ियां कब्जे में ली गई। अभी और भी गाड़ियां रिकवर करनी हैं। उनके मालिकों को नोटिस भेजे गए हैं। एसआइटी का नोटिस देखकर वाहन मालिकों में खलबली मची हुई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 07:47 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 07:47 AM (IST)
आरसी फर्जीवाड़ा : गाड़ियों को रिकवर करने में छूट रहे पसीने, अभी तक महज 120 ही ली गई कब्जे में

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

loksabha election banner

नीलामी के वाहनों के फर्जी दस्तावेजों पर आरसी तैयार कर चल रहे वाहनों को स्पेशल इंवेस्टीगेशन (एसआइटी) टीम ने कब्जे में लेना शुरू कर दिया है। अभी तक मात्र 120 गाड़ियां कब्जे में ली गई। अभी और भी गाड़ियां रिकवर करनी हैं। उनके मालिकों को नोटिस भेजे गए हैं। एसआइटी का नोटिस देखकर वाहन मालिकों में खलबली मची हुई है। इस समय 70 से 80 गाड़ी पुलिस लाइन में खड़ी हैं। इसके अलावा कुछ दूसरे थानों में भी खड़ी कराई गई है। नोटिस मिलने के बाद उन लोगों की मुश्किल बढ़ी हुई है। जिन्होंने गाढ़ी कमाई से गाड़ी खरीदी और अब एसआइटी की पूछताछ का सामना कर रहे हैं। वाहन तक उनके कब्जे में ले लिए गए हैं।

करनाल निवासी जितेंद्र कुमार ने बताया कि उनको नोटिस देकर गाड़ी सहित बुलाया गया था। यहां पर गाड़ी कब्जे में ले ली गई। कई बार संपर्क भी कर चुके हैं, लेकिन कोई रास्ता नहीं मिल रहा है। अब तो गाड़ी मिलने की उम्मीद भी नहीं लग रही है। पहली बार ही कार खरीदी थी। बिलासपुर रोड निवासी नितिश ने बताया कि मेरे पास भी तीन नोटिस आ चुके हैं। इससे परेशान हूं। जबकि मेरे पास न तो कोई गाड़ी है और न ही कोई रजिस्ट्रेशन कराया है। एक बार उनके पास आरसी भी आ गई थी। जब इस बारे में मोटर व्हीकल रजिस्ट्रेशन क्लर्क राजेंद्र डांगी से बात की थी, तो उसने कहा था कि यह गलती से पहुंच गई है। उसने प्रार्थना पत्र भी लिखवाया था। उनके घर इस संबंध में पंजाब पुलिस तक आ चुकी है। वाहन वापस लेने के लिए काट रहे चक्कर :

पुलिस लाइन में करीब 80 कारें खड़ी है। जो करनाल, कुरुक्षेत्र व यमुनानगर से नोटिस देने के बाद कब्जे में ली गई है। यह लोग पुलिस के चक्कर काट रहे हैं। उनकी गाड़ियों के चेसिस नंबर व आरसी नंबर का पुलिस मिलान करा देती है। जिसका वह जवाब नहीं दे पाते। बिना वाहन के ही उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है। डीलरों ने 600 वाहनों की फर्जी आरसी कराई तैयार :

कोर्ट में दिए दस्तावेजों के मुताबिक, रोहतक के डीलर रामनिवास, सुनील चिटकारा व सोनीपत निवासी कृष्ण ने करीब 600 वाहनों की फर्जी आरसी जगाधरी एसडीएम कार्यालय से तैयार कराई। इसमें रामनिवास ने 200 गाड़ियों की फर्जी आरसी तैयार कराई। डीलर कृष्ण ने 250 गाड़ियों की आरसी तैयार कराई थी। सुनील चिटकारा ने 150 गाड़ियों की फर्जी आरसी तैयार कराई। कुछ वाहनों की फाइलें अभी पुलिस को भी नहीं मिल पाई। सभी फाइलें मिल जाने पर और लोगों को नोटिस भेज जा सकते हैं। ये था मामला :

सिरसा पुलिस ने गत 14 जनवरी को डीलर सुनील चिटकारा को गिरफ्तार कर आरसी फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश किया था। जांच जगाधरी एसडीएम कार्यालय तक भी पहुंची। तत्कालीन एसडीएम दर्शन कुमार ने भी जांच कराई, तो 16 फाइलें गायब मिली। तब सेक्टर 17 थाने में केस दर्ज कराया। इसमें कंप्यूटर आपरेटर अमित के साथ तीन अन्य कर्मियों पर केस दर्ज हुआ था। वहीं इसी तरह का फर्जीवाड़ा बिलासपुर एसडीएम कार्यालय में भी सामने आया। इसमें भी कंप्यूटर आपरेटर अमित पर केस दर्ज हुआ। बाद में स्थानीय स्तर पर एसआइटी बनी। अब तक इस मामले में अमित, एमआरसी राजेंद्र डांगी, बिलासपुर में तैनात एमआरसी संजीव व डीलर रोहतक निवासी सुनील, कृष्ण व रामनिवास को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। कुछ नहीं कह सकते :

एसडीएम जगाधरी सुशील कुमार का कहना है कि इस मामले में वह कुछ नहीं कह सकते। अभी पुलिस की जांच चल रही है। पुलिस ही इस बारे में बता सकती है। इसी तरह से बिलासपुर एसडीएम जसपाल गिल का कहना है कि अभी पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस की ओर से उन्हें इस संबंध में कुछ भी लिखित में नहीं भेजा गया है। वैसे भी इस मामले में जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। जांच चल रही है :

एसआइटी के सदस्य राकेश मटोरिया का कहना है कि अभी केस की तफ्तीश चल रही है। वाहनों की रिकवरी की जा रही है। इसके लिए लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.