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आरसी फर्जीवाड़ा : डीलरों व कर्मियों के बीच साठगांठ कराने वाला बिचौलिया गिरफ्तार

आरसी फर्जीवाड़ा में करीब दो माह बाद फिर से एसआइटी ने आरोपित को गिरफ्तार किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 07:19 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 07:19 AM (IST)
आरसी फर्जीवाड़ा : डीलरों व कर्मियों के बीच साठगांठ कराने वाला बिचौलिया गिरफ्तार
आरसी फर्जीवाड़ा : डीलरों व कर्मियों के बीच साठगांठ कराने वाला बिचौलिया गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :आरसी फर्जीवाड़ा में करीब दो माह बाद फिर से एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) सक्रिय हुई है। लंबे समय से फरार चल रहे रोहतक निवासी रामनिवास को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित डीलरों व कर्मियों के बीच सांठगांठ कराता था। एसआइटी के सदस्य सुरेश कुमार ने बताया कि आरोपित रामनिवास को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे चार दिन के रिमांड पर लिया गया है। यह कर्मियों व डीलरों के बीच बिचौलिए था। दोनों पक्षों से पैसों का लेन देन भी करता था।

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यह था मामला : सिरसा पुलिस ने कई माह पहले डीलर सुनील चिटकारा को गिरफ्तार कर आरसी फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश किया था। इसकी जांच जगाधरी एसडीएम कार्यालय तक पहुंची। यहां से सिरसा पुलिस ने रिकार्ड जुटाया। इसके साथ ही तत्कालीन एसडीएम दर्शन कुमार ने भी जांच कराई, तो 16 फाइलें गायब मिली। जिस पर उनकी ओर से सेक्टर 17 थाने में केस दर्ज कराया गया था। इसमें कंप्यूटर आपरेटर अमित के साथ तीन अन्य कर्मियों पर केस दर्ज हुआ था। वहीं बाद में इसी तरह का फर्जीवाड़ा बिलासपुर एसडीएम कार्यालय में भी सामने आया। इसमें भी कंप्यूटर आपरेटर अमित पर केस दर्ज हुआ था। बाद में स्थानीय स्तर पर एसआइटी बनी। जिसने केस की जांच शुरू कर दी थी। इस बीच आरोपित अमित ने सिरसा पुलिस को सरेंडर कर दिया। वहां पर उसे करीब दस दिन की रिमांड पर रखा गया था। बाद में स्थानीय एसआइटी अमित को रिमांड पर लिया। बिलासपुर व जगाधरी के दोनों केसों में उसे रिमांड पर लिया गया। इसके साथ ही जगाधरी में तैनात एमआरसी राजेंद्र डांगी, बिलासपुर में तैनात एमआरसी संजीव व डीलर रोहतक निवासी सुनील को भी गिरफ्तार किया। उनकी निशानदेही पर कुछ गाड़ियों भी रिकवर की गई।

फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद फरार हो गया था रामनिवास : एसआइटी ने जब इस केस की तफ्तीश शुरू की, तो रोहतक निवासी रामनिवास का नाम सामने आया। आरोपितों से पूछताछ में पता लगा कि रामनिवास ही डीलरों व कर्मियों के बीच सांठगांठ कराता था। यह फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद से ही आरोपित फरार हो गया था। इसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में थी।


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