शिक्षा मंत्री के गृह जिले में प्राइवेट स्कूलों ने 134ए की रिजर्व सीटों में कर दी हेराफेरी
प्राइवेट स्कूलों ने 134ए के तहत रिजर्व रखी गई सीटों में हेराफेरी कर दी। प्राइवेट स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक दी लेकिन वे कार्रवाई करने की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
राजेश कुमार, यमुनानगर
प्राइवेट स्कूलों ने 134ए के तहत रिजर्व रखी गई सीटों में हेराफेरी कर दी। प्राइवेट स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक दी, लेकिन वे कार्रवाई करने की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। काफी स्कूलों ने कक्षा अनुसार रिजर्व सीटें जीरो ही दिखाई है। ऐसे भी स्कूलों की कमी नहीं हैं जिन्होंने केवल एक, दो सीट ही दिखाई है। बीईओ कार्यालय में लगी सीटों को देख कर बच्चों के माता-पिता भी चकरा गए हैं। इस बात को लेकर चितित हैं कि जब स्कूल में सीट ही नहीं हैं तो 134ए के तहत बच्चे को दाखिला कैसे दिलाएं। जितना बड़ा स्कूल उतनी कम सीटें :
आर्थिक रूप से कमजोर व बीपीएल परिवारों के बच्चों को दाखिला देने में प्रतिष्ठित स्कूल ठेंगा दिखा रहे हैं। जिला के कई प्रतिष्ठित स्कूल ऐसे हैं जिनमें दो से तीन हजार बच्चे पढ़ते हैं। बच्चों को घर से लाने के लिए भी आठ से 10 बसें चलती हैं। इसके बावजूद इन स्कूलों ने हेराफेरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यदि किसी स्कूल में 2000 बच्चे हैं तो 10 प्रतिशत के हिसाब से स्कूल में 134ए के तहत 200 सीट रिजर्व होनी चाहिए। परंतु स्कूलों ने सीट केवल 15 से 20 दिखाई हैं। कई कक्षाओं में तो एक भी सीट नहीं दिखाई है। स्कूलों के इस रिकार्ड से साफ जाहिर है कि 134ए में दाखिला के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। कई छोटे स्कूल ऐसे हैं जिनमें 500 से 700 बच्चे हैं लेकिन उन्होंने सीटें बड़े स्कूलों से ज्यादा दिखा रखी हैं। चौथी में दाखिला दिलाना था लेकिन सीट जीरो है : सावित्री
बीईओ जगाधरी कार्यालय में पहुंची लाजपत नगर की सावित्री ने बताया कि वह बहुत गरीब परिवार से है। वह बेटे को 134ए के तहत चौथी कक्षा में दाखिला दिलाना चाहती है। स्कूलों में रिजर्व रखी गई सीटों को देखने बीईओ कार्यालय में आई तो हैरान रह गई। चौथी कक्षा में जीरो, एक, दो सीट ही दिखा रखी है। ज्यादातर स्कूलों का एक सा ही रिकार्ड है। दाखिला लेने वाले बच्चे सैकड़ों हैं। ऐसे में उनके बच्चे को दाखिला कैसे मिलेगा। प्राइवेट स्कूल मनमर्जी कर रहे हैं : सतपाल
विष्णु नगर के सतपाल का कहना है कि बीईओ कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर जिन स्कूलों की लिस्ट लगी है उसमें कुछ ने तो प्रत्येक कक्षा में 5 से 18 सीट तक दिखाई लेकिन अन्य ने एक, दो, जीरो, चार सीटें दर्शा रखी हैं। जबकि स्कूल में सैकड़ों बच्चे हैं। एक कक्षा के तीन से चार सेक्शन बना रखे हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी उन स्कूलों से क्यों नहीं पूछते कि एक सीट उन्होंने किस आधार पर रिजर्व दिखाई है। स्कूलों में बच्चे हजारों हैं लेकिन सीटें 20 भी नहीं। क्या अधिकारियों को ये बिल्कुल नहीं दिखता। इसकी जांच होनी चाहिए। 20 मार्च आवेदन की आखिरी तारीख :
134ए के तहत आवेदन करने की आखिरी तारीख 20 मार्च है। इस बार आवेदन केवल ऑनलाइन ही हो रहे हैं। किसी से ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। अभिभावक 15 स्कूलों के नाम आवेदन में लिख सकते हैं। इनमें से किसी एक स्कूल में दाखिला मिलेगा। 15 में से पांच नाम दूसरे ब्लॉक के स्कूल के भरे जाने की सुविधा इस बार दी गई है। आवेदन में मोबाइल नंबर लिखना जरूरी है क्योंकि इसी नंबर पर ओटीपी व रोल नंबर आएगा। रिकार्ड की जांच की जाएगी : शिवकुमार
डिप्टी डीईओ शिवकुमार धीमान ने बताया कि काफी स्कूलों ने रिजर्व सीटों की संख्या जीरो या फिर एक से दो ही दिखाई है। कई अभिभावक इस बारे शिकायत कर चुके हैं। इसलिए प्राइवेट स्कूलों द्वारा बताई गई सीटों की उनके द्वारा भरे गए फार्म-6 के रिकार्ड से मिलान किया जाएगा। जिस स्कूल के रिकार्ड में खामी मिली उस पर कार्रवाई करेंगे।