प्रिंसिपल रितु छाबड़ा हत्याकांड में छात्र शिवांश को उम्रकैद, स्कूल के कमरेे में घुसकर मारी थी गोली
स्वामी विवेकानंद स्कूल की प्रिंसिपल रितू छाबड़ा की हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने हमीदा निवासी छात्र शिवांश को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
जेएनएन, यमुनानगर। स्वामी विवेकानंद स्कूल की प्रिंसिपल रितू छाबड़ा की हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने हमीदा निवासी छात्र शिवांश को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर 10000 का जुर्माना भी लगाया गया है। शिवांस को गत माह दोषी करार दिया गया था। शिवांश के पिता रणजीत सिंह को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 20 जनवरी 2018 को स्वामी विवेकानंद स्कूल में पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग चल रही थी। इस दौरान 12वीं कक्षा का छात्र शिवांश प्रिंसिपल रीतू छाबड़ा के कमरे में आया और रिवाल्वर से गोलियां चलानी शुरू कर दी। प्रिंसिपल को चार गोलियां मारी गई थी। घटना के बाद स्कूल में अफरा-तफरी मच गई। वह पिस्तौल दिखाते हुए भाग गया। बाद में लोगों ने कुछ दूरी पर शिवांश को पकड़ लिया और उसकी धुनाई भी कर दी। बाद में पुलिस ने लोगों से उसे छुड़ाकर हिरासत में लिया। वहीं गंभीर हालत में प्रिंसिपल को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पुलिस की जांच में सामने आया था कि शिवांश की प्रैक्टिकल फाइल पर साइन करने से प्रिंसिपल ने मना कर दिया था। इसी रंजिश में उसने अपने पिता रणजीत की लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोलियां चलाईं। गिरफ्तारी के दौरान अदालत में सोशल मीडिया का वीडियो भी दिखाया गया था। इस केस में 11 जुलाई 2018 को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी।
पिता रणजीत को भी किया था गिरफ्तार
इस केस में पुलिस ने आम्र्स एक्ट की धारा 29 के तहत शिवांश के पिता रणजीत को भी गिरफ्तार किया था। पिता की ओर से स्थानीय कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई गई थी, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दी थी। करीब आठ माह तक रणजीत जेल में रहा। बाद में हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिली। अब कोर्ट में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं किए जा सके। जिस वजह से उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया।
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