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बिना सुविधा डेयरी कांप्लेक्स बसाने की तैयारी, सांसत में कारोबारी

ट्विन सिटी को साफ सुथरा रखने के लिए डेयरी शिफ्टिंग की योजना अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ रही है। कैल डेयरी कांप्लेक्स को बिना सुविधाओं के ही बसाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां न पशुओं के लिए पीने का पानी है और न निकासी की व्यवस्था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 11:51 PM (IST)
बिना सुविधा डेयरी कांप्लेक्स बसाने की तैयारी, सांसत में कारोबारी
बिना सुविधा डेयरी कांप्लेक्स बसाने की तैयारी, सांसत में कारोबारी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : ट्विन सिटी को साफ सुथरा रखने के लिए डेयरी शिफ्टिंग की योजना अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ रही है। कैल डेयरी कांप्लेक्स को बिना सुविधाओं के ही बसाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां न पशुओं के लिए पीने का पानी है और न निकासी की व्यवस्था। गलियां बनने से पहले ही टूट चुकी हैं और पशु चिकित्सक के इंतजार में अस्पताल जर्जर हो चुका है।

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गत दिनों जिला उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने डेयरी कांप्लेक्स का दौरा किया था। खामियां सामने आने पर नगर निगम अधिकारियों को लताड़ भी लगाई थी। बावजूद इसके कांप्लेक्स में सुधार के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उधर, दड़वा कांप्लेक्स में भी हालात नहीं सुधरे। यहां आज भी सड़कों पर पानी जमा है। बृहस्पतिवार को निकासी की गई थी, लेकिन लोगों ने इसको बंद कर दिया। प्रशासन को मजबूरन पुलिस बुलानी पड़ी।

25 लाख से हुआ था गलियों का निर्माण

चार माह पहले 25 लाख रुपये की लागत से नालों व 11 लाख रुपये से सड़कों का निर्माण कराया गया था। इन कार्यो से व्यवसायी संतुष्ट नहीं है। नालियां निकासी के लिए पर्याप्त नहीं हैं। निकासी न होने के कारण गंदगी से लबालब हैं। इन कार्यो में अनियमितता का आरोप लगाते हुए मिल्क डेयरी एसोसिएशन ने सीएम मनोहर लाल को शिकायत भी दी है। व्यवसायियों का कहना है कि डेयरी कांप्लेक्स में सुविधाओं के नाम पर कारोबारियों से धोखा हो रहा है। निकासी के लिए नालियां बनाने के नाम पर औपचारिकता की जा रही है। निकासी के लिए बनाया गया थ्री-पोंड सिस्टम पहले ही जवाब दे गया है।

विरोध के बाद सीएम ¨वडो में शिकायत दी

दड़वा कांप्लेक्स में निकासी की व्यवस्था न होने के करण सड़कों पर दूषित पानी जमा है। अब अधिकारी खाली जमीन में पं¨पग सेट लगाकर पानी निकाल रहे हैं। इसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस पानी से मकान गिरने का खतरा है। इस संबंध में सीएम ¨वडो में नरेंद्र ने शिकायत भी दी है। उनका आरोप है कि अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। ट्यूबवेल से भी गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। हालांकि इसकी शिकायत उपायुक्त को दी जा चुकी है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।

कांप्लेक्स में 156 प्लॉट

शहर की विभिन्न कॉलोनियों में चल रही डेयरियों को बाहर शिफ्ट करने के लिए वर्ष-2004 में डेयरी कांप्लेक्स बनाकर व्यवसायियों को प्लांट आवंटित किए गए। कैल स्थित कांप्लेक्स में 156 प्लांट हैं और यह 10 एकड़ में है। नगर निगम अधिकारी डेयरियों को शहर से बाहर कांप्लेक्स में शिफ्ट करने का दबाव तो बना रहे हैं, लेकिन दड़वा कांप्लेक्स में सुविधाएं मुहैया नहीं करवा पाए। यहां सुविधाएं न होने के कारण 15 डेयरियां ही शिफ्ट हो पाई हैं, बाकी जगाधरी शहर में चल रही हैं।

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अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे व्यवसायी

मिल्क डेयरी एसोसिएशन के प्रधान सुरजीत ¨सह का कहना है कि कांप्लेक्स में पशुओं को पिलाने के लिए पानी की व्यवस्था आज तक नहीं हो पाई। जो गलियां व नालियां चार माह पहले ठेकेदार ने बनाई थी, वे टूटने लगी हैं। नालियां अभी से ओवरफ्लो हैं, जबकि कांप्लेक्स में कुछेक ही व्यवसायी आए हैं। जब यह पूरी तरह आबाद हो जाएगा तो हालातों का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। पानी की निकासी के लिए थ्री पोंड सिस्टम बनाया हुआ है, लेकिन डेयरी कांपलेक्स बसने से पहले ही तीनों पोंड पानी से ओवरफ्लो हो चुके हैं। गंदा पानी इधर-उधर बह रहा है।

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पानी भी खरीदना पड़ रहा

व्यवसायी पुष्कर का कहना है कि पेयजल की व्यवस्था न होने के कारण व्यवसायी काफी परेशान हैं। जो लोग डेयरियों का निर्माण कर रहे हैं, वे बाहर से पानी खरीद रहे हैं। पशुओं को पानी पिलाने के लिए समर्सिबल की व्यवस्था करनी पड़ रही है। स्ट्रीट लाइटें जवाब दे चुकी हैं। ऐसी स्थिति में व्यापारी कारोबार कैसे कर सकते हैं? कांपलेक्स में व्यवसायियों को भेजने के लिए दबाव तो बनाया जा रहा है, लेकिन सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई जा रही हैं। नाले अभी से गंदगी से अट गए हैं। सफाई की व्यवस्था नहीं है। मक्खी-मच्छरों की भरमार है।

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जिन गलियों व नालियों का निर्माण नहीं हुआ है, उनके टेंडर जल्दी लगवा दिए जाएंगे। बारिश के पानी के कारण पहले बनी गलियां व नालियां टूटी हैं। पशु अस्पताल के भवन की मरम्मत भी जल्दी करवाई जाएगी।

सुमित कुमार, एमई, नगर निगम।


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