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खरीद एक से, मंडियों में समस्याओं के ढेर

जागरण संवाददाता यमुनानगर गेहूं की सरकारी खरीद एक अप्रैल से शुरू हो रही है और अनाज मंडी में तैयारी बैठकों में झूल रही है। मंडियों में कहीं पीने के पानी नहीं है तो कगेहूं की सरकारी खरीद एक अप्रैल से शुरू हो रही है और अनाज मंडी में तैयारी बैठकों में झूल रही है। मंडियों में कहीं पीने के पानी नहीं है तो कहीं लाइट खराब पड़ी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 12:18 AM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 12:58 AM (IST)
खरीद एक से, मंडियों में समस्याओं के ढेर

जागरण संवाददाता, यमुनानगर: गेहूं की सरकारी खरीद एक अप्रैल से शुरू हो रही है और अनाज मंडी में तैयारी बैठकों में झूल रही है। मंडियों में कहीं पीने के पानी नहीं है तो कहीं लाइट खराब पड़ी है। जिले में छोटी-बड़ी 13 अनाज मंडियां हैं। हर मंडी में कोई न कोई कमी है। यहां करीब 90 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की फसल है। अप्रैल माह के पहले हफ्ते में ही अनाज मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो जाएगी। इन मंडियों से सरकार को करोड़ों का राजस्व प्रति वर्ष आ रहा है। बावजूद इसके मूलभूत सुविधाओं की दरकार है। मंडियों में सूरत-ए-हाल जगाधरी : सड़को पर पानी, वाटर कूलर खराब

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जगाधरी : अनाज मंडी जिले के बड़ी मंडियों में शुमार है। पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। यहां वाटर कूलर तो लगे हैं, लेकिन खराब हैं। अभी तक इनको ठीक नहीं कराया गया। सीवर जाम होने के कारण सड़कों पर पानी बह रहा है। शेड में अब भी गेहूं का स्टॉक लगा है। शौचालयों की स्थिति ठीक नहीं है। स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने का काम चल रहा है। मंडी में सफाई की समस्या है और तुलाई के लिए बनाए कांटे भी बंद पड़े हैं। जगाधरी : सड़कों पर पानी, वाटर कूलर खराब

रादौर: मंडी में किसान रेस्ट हाउस है, लेकिन रहने की व्यवस्था नहीं। यहां कब्जा दूसरे सरकारी कर्मचारियों का रहता है। मंडी में शेड की कमी है। दुकानें ज्यादा हैं और शेड कम। आढ़ती एक्सटेंशन मंडी की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा निकासी की व्यवस्था नहीं है। मंडी में सफाई की समस्या है और बेसहारा पशु भी घूमते हैं। अनाज मंडी पहले ही छोटी है, दूसरा सब्जी मंडी भी इसी में चल रही है। जठलाना अनाज मंडी में सफाई का काम शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक पीने के पानी की व्यवस्था नहीं हुई। शेड में धान के स्टॉक हैं। छछरौली-खिजराबाद : बारिश हुई भीगेगा गेहूं

छछरौली और खिजराबाद: अनाज मंडी में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। यहां शेड में अब भी धान पड़ा है। मंडी में शौचालयों और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। किसान लगातार मांग कर रहे हैं कि यहां किसानों के ठहरने के लिए रेस्ट हाउस बनाया जाए, लेकिन आज तक नहीं बन पाया। बारिश होने पर अनाज को सुरक्षित रखने के लिए शेड भी पर्याप्त नहीं है। साढौरा : शौचालय में लटके ताले

साढौरा : अनाज मंडी में महिला शौचालय पर ताले लटके हैं। शेड हैं लेकिन कम। पानी की निकासी की व्यवस्था भी नहीं है। सीजन में थोड़ी सी बारिश से पानी भर जाता है। सफाई अभी तक शुरू नहीं हुई। अतिरिक्त शेड के लिए खाद्य और आपूर्ति मंत्री कर्णदेव कांबोज से भी मांग की जा चुकी है, लेकिन स्थिति ज्यों कि त्यों है। जिले की कई अनाज मंडियों में अभी मूलभूत सुविधाओं की कमी है। जठलाना और गुमथला जैसी मंडी में शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है। शेड की कमी हर मंडी में खल रही है। सीजन में बारिश होने पर फसल खुले आसमान के नीचे ही भीगती है। प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए कि सभी मंडियों में किसानों के ठहरने के लिए रेस्ट हाउस और अन्य मूलभूत सुविधाएं जल्द मुहैया हों।

रामबीर सिंह चौहान, प्रदेशमंत्री, किसान संघ। अनाज मंडियों में किसानों, आढ़तियों और मजदूरों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, सड़कों की मरम्मत, बिजली का प्रबंध के लिए नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। सभी मंडियों में सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बराबर रूप से मंडियों का निरीक्षण कर लें, जिससे कि गेहूं खरीद के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

आमना तस्नीम, डीसी, यमुनानगर।


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