पुलिस ने मौके का गवाह और सीसीटीवी फुटेज नहीं की पेश, आरोपित बरी
पुलिस की सुस्ती के चलते हत्या के प्रयास व आर्म्स एक्ट के मामले में आरोपितों को लाभ हो गया।
संवाद सहयोगी, जगाधरी: पुलिस की सुस्ती के चलते हत्या के प्रयास व आर्म्स एक्ट के मामले में आरोपितों को लाभ हो गया। अदालत में उनको बरी कर दिया। मामले की पैरवी कर रहे है लीगल एड काउंसिल के एडवोकेट पंकज वर्मा के मुताबिक हत्या के प्रयास व आर्म्स एक्ट के मामले में सुनवाई के दौरान पुलिस कोर्ट में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज पेश नहीं कर पाई। वारदात के दौरान मौके का गवाह भी कोर्ट में पेश नहीं हो पाया। इतना ही नहीं वारदात में प्रयोग हथियार की कोई आर्म्स रिपोर्ट भी पुलिस ने कोर्ट में पेश नहीं की। इसके अलावा सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता व चश्मदीद गवाह (शिकायकर्ता की पत्नी) ने आरोपितों को पहचानने में असमर्थता दिखाई। जिसके आधार पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डॉ. अब्दुल माजिद की कोर्ट ने हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट में नामजद साढौरा कस्बे के सुल्तानपुर गांव निवासी राजबीर, करनाल के गांव बुट्टाना निवासी प्रदीप, नीलोखेड़ी निवासी आदर्श व पाढा गांव निवासी अमित व उसके भाई नीरज को बरी कर दिया। शहर पुलिस जगाधरी ने जड़ौदा गेट निवासी रवि कुमार की शिकायत पर जुलाई 2016 में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। यह था मामला: शहर पुलिस को दी शिकायत में मेटल व्यापारी रवि कुमार ने कहा कि 24 जुलाई 2016 की रात करीब सवा नौ बजे वह परिवार के साथ घर के अंदर खाना खा रहा था। उसी समय किसी व्यक्ति ने गेट की घंटी बजाई। आवाज सुनकर जब उसने मुख्य द्वार खोला तो दो नौजवान लड़के हाथ में रिवाल्वर लिए खड़े थे। उन्होंने उसे कहा कि अगर कल तुमने कोर्ट में गवाही दी, तो तुम्हें व परिवार के अन्य लोगों को जान से मार देंगे। इसी दौरान उन्होंने उस पर फायर कर दिया। गोली उसके कान से पास से होकर गुजर गई। गोली की आवाज सुनकर वहां पड़ोस के लोग एकित्रत हो गए, जिन्हें देखकर दोनों नौजवान लड़के मौके से फरार हो गए। शिकायकर्ता के मुताबिक दोनों लड़कों को महेंद्र प्रताप, कुलदीप, सुमित व नीरज ने षड़यन्त्र रच उसे व परिवार को जान से मारने के लिए भेजा था। पुलिस ने हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट व साजिश रचने का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान पुलिस ने साढौरा कस्बे के सुल्तानपुर निवासी राजबीर, करनाल के गांव बुट्टाना निवासी प्रदीप, नीलोखेड़ी निवासी आदर्श, पाढा निवासी अमित व एक अन्य नीरज को गिरफ्तार कर किया। कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस पर्याप्त सबूत नहीं जुटा पाई। जिस कारण अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डॉ. अब्दुल माजिद की कोर्ट ने उपरोक्त पांचों आरोपियों को बरी कर दिया। इनसेट
गवाही देने से रोकने के लिए किया था हमला
शहर पुलिस जगाधरी को रवि ने बताया था कि 18 मार्च 2016 की रात को कुलदीप, नीरज व सुमित ने घर में घुसकर डकैती की थी। जिसकी साजिश महेंद्र प्रताप ने रची थी। महेंद्र प्रताप जमानत पर चल रहा है बाकि तीनों जेल में बंद है। इस मुकद्दमे की सुनवाई जगाधरी कोर्ट में विचाराधीन है। 25 जुलाई को उसे इस मामले में सुनवाई के लिए बुलाया था। उसके पास कोर्ट से सम्मन आए थे। कोर्ट में गवाही न देने के लिए उस पर हमला किया था। तब पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
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