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यमुना पार कर उप्र पहुंचे कामगारों को ट्रॉलियों में भरकर घोड़ोपीपली गांव में छोड़ गई पुलिस

बॉर्डर पर दोनों ओर पुलिस तैनात है। जो कामगारों को पैदल निकलने नहीं दे रही। बुधवार को उप्र प्रशासन ने कई ट्रॉलियों में सैंकड़ों कामगारों को लेकर घोड़ो पीपली पहुंचा और यहां पर छोड़ दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 05:15 AM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 06:12 AM (IST)
यमुना पार कर उप्र पहुंचे कामगारों को ट्रॉलियों में भरकर घोड़ोपीपली गांव में छोड़ गई पुलिस
यमुना पार कर उप्र पहुंचे कामगारों को ट्रॉलियों में भरकर घोड़ोपीपली गांव में छोड़ गई पुलिस

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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लॉकडाउन में रोजगार ठप्प होने से परेशान कामगारों की मुसीबतें कम नहीं हो रही है। किसी तरह से वह पैदल चलकर बॉर्डर पार कर जाते हैं, लेकिन दूसरी ओर उत्तर प्रदेश प्रशासन उन्हें वापस छोड़ देता है। किसी तरह से बॉर्डर पार कर उप्र पहुंचे कामगारों को वहां के प्रशासन ने ट्रॉलियों में बिठाकर वापस छुड़वा दिया। कुछ कामगारों ने विरोध किया, तो उप्र पुलिस ने उन्हें धमकाया और जबरन ट्रॉली में बिठाकर हरियाणा के आखिरी गांव घोड़ो पीपली में छोड़ दिया। यहां से ग्रामीणों ने उन्हें वापस जाने के लिए कहा। अब ये कामगार यमुना किनारे खेतों में बैठे हुए हैं।

बॉर्डर पार हरियाणा का आखिरी गांव घोड़ो पीपली है। इस गांव के बीच में यमुना नदी है। कामगार यमुना पार कर इस गांव के रास्ते ही उप्र के सहारनपुर जिले में पहुंच रहे हैं, क्योंकि बॉर्डर पर दोनों ओर पुलिस तैनात है। जो कामगारों को पैदल निकलने नहीं दे रही। बुधवार को उप्र प्रशासन ने कई ट्रॉलियों में सैंकड़ों कामगारों को लेकर घोड़ो पीपली पहुंचा और यहां पर छोड़ दिया। ग्रामीण नितिन, अंकुश व सुरेंद्र ने बताया कि हर रोज बीबीपुर व लापरा घाट से होकर कामगार निकल रहे हैं। अधिकतर रात के अंधेरे में निकलते हैं। कामगार गजोधर व निर्मल ने बताया कि किसी तरह से वह सहारनपुर पहुंच गए थे। बॉर्डर से पुलिस नहीं निकलने देती। ऐसे में वह कहां जाए। अब पुलिस ने उन्हें सहारनपुर में पकड़ लिया और जबरन ट्रॉली में बिठाकर यहां छोड़ दिया। अब यहां से कहां जाए। कुछ समझ नहीं आ रहा है।

पहले भी बीबीपुर के ग्रामीणों हो गए थे आमने सामने :

कुछ समय पहले भी बीबीपुर के ग्रामीणों पर कामगारों को यमुना नदी के रास्ते निकालने का आरोप घोड़ो पीपली के ग्रामीणों ने लगाया था। दोनों ओर के ग्रामीण भी आमने सामने आ गए थे। आरोप था कि इनसे पैसे लेकर नाव के जरिए यहां छोड़ा जा रहा है। यहां से वह आसानी से आगे निकल जाते हैं। इससे बॉर्डर पर भी पुलिस से कामगार बच जाते हैं। बूड़िया थाना प्रभारी रवि कुमार ने बताया कि यहां से कामगार निकलने की कोशिश करते हैं। इसलिए ही यहां पर पुलिस लगाई गई है। वह खुद भी घाट पर हैं, ताकि कोई अवैध रूप से न निकल सके।


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