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यमुनानगर में 12 स्थानों पर होती गोकशी पर पुलिस नहीं करती कार्रवाई

सरकार ने गोकशी के लिए कड़ा कानून बनाया। बावजूद इसके गोकशी पर पूरी तरह से नकेल नहीं कसी जा सकी। जिले में 12 से ज्यादा जगह पर गोकशी होती है। एक विशेष समुदाय के लोग यूपी में भी गोवंशों की तस्करी करते हैं। इस संबंध में शिकायत फरवरी माह में एसपी को दी गई। बावजूद इसके इस दिशा में कड़े कदम नहीं उठे। अब पिपली माजरा में घर में ही गोकशी का मामला सामने आया। गोरक्षक की टीम की सर्तकता से गोकशी का राज खुल गया लेकिन पुलिस को चकमा देकर आरोपित भाग निकले। बता दें कि वर्ष 2015 में गो संरक्षण के लिए 13/2 अधिनियम बना था जिसके तहत गो तस्करी करने वाले वाहन की सुपरदारी पर रोक है। ये धारा गैर जमानती थी। हिदू संगठनों का आरोप है कि इसमें गाड़ियों की सुपरदारी भी हो रही है और जमानत भी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 09:24 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 06:46 AM (IST)
यमुनानगर में 12 स्थानों पर होती गोकशी पर पुलिस नहीं करती कार्रवाई

जागरण संवाददाता, यमुनाननगर : सरकार ने गोकशी के लिए कड़ा कानून बनाया। बावजूद इसके गोकशी पर पूरी तरह से नकेल नहीं कसी जा सकी। जिले में 12 से ज्यादा जगह पर गोकशी होती है। एक विशेष समुदाय के लोग यूपी में भी गोवंशों की तस्करी करते हैं। इस संबंध में शिकायत फरवरी माह में एसपी को दी गई। बावजूद इसके इस दिशा में कड़े कदम नहीं उठे। अब पिपली माजरा में घर में ही गोकशी का मामला सामने आया। गोरक्षक की टीम की सर्तकता से गोकशी का राज खुल गया, लेकिन पुलिस को चकमा देकर आरोपित भाग निकले। बता दें कि वर्ष 2015 में गो संरक्षण के लिए 13/2 अधिनियम बना था, जिसके तहत गो तस्करी करने वाले वाहन की सुपरदारी पर रोक है। ये धारा गैर जमानती थी। हिदू संगठनों का आरोप है कि इसमें गाड़ियों की सुपरदारी भी हो रही है और जमानत भी।

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जिन पुलिसकर्मियों पर गोकशी रोकने की जिम्मेदारी, उन पर और भी काम :

गो संवर्धन न्यास के अध्यक्ष रोहित चौधरी ने बताया कि कड़े कानून बनने के बावजूद भी जिले में गो तस्करी व गोकशी हो रही है। 12 से ज्यादा स्थान है, जहां पर निरंतर गो तस्करी होती है। साथ ही यमुना के साथ लगते एरिया में भी गोकशी व तस्करी की जा रही है। वर्तमान में जो टास्क फोर्स गो तस्करी रोकने के लिए बनाई गई है। उसकी ड्यूटी अन्य कामों में लगा दी जाती है। जब भी उनके पास गो तस्करी की सूचना आती है तो टीम दूसरे कार्य में लगी रहती है। फोर्स को जो गाड़ी दी गई, उसकी हालत खस्ता है। रात के समय गाड़ी जंगल व बार्डर पर खराब हो जाती है। कई बार हमारे साथ टीम गई, लेकिन उनकी गाड़ी बीच में ही खराब हो गई। टास्क फोर्स यमुना बार्डर, नदी पर पानी व रात के समय गश्त करने का काम करती है। ये गाड़ी उपयुक्त नहीं है। टीम को नई गाड़ी दी जाए, ताकि तस्करी पर रोक लग सके। थाना बिलासपुर, छछरौली व छप्पर के क्षेत्र में एक विशेष समुदाय के लोग बैलों को एकत्रित रखते है। रात के समय तस्करों की मदद से यूपी भेज देते हैं। इन पर शिकजा कसा जाए। 70 प्रतिशत तस्करी इन लोगों की मदद से होती है।

एक्ट की कमजोरी का उठा रहे फायदा :

चौधरी का कहना है कि जो पैदल तस्करी करने वाले है उन पर ये एक्ट नहीं लगता। इसका फायदा तस्कर उठा रहे हैं। जिले से 70 किलोमीटर में यमुना लगती है। इसमें कही से भी निकल जाते हैं। यमुना पार करते ही यूपी में निकल जाते है।

नाम देने पर भी नहीं हुई कार्रवाई

गोसंवर्धन न्यास की ओर से गोकशी करने के मामले में प्रताप नगर थाना एरिया के पांच गांव, छछरौली एरिया के तीन, साढौरा के दो, पड़ोसी जिले सहारनपुर के भी कुछ नाम एसपी को दिए थे। इन गांवों में तस्करी करने वालों के नाम और मोबाइल नंबर पते के साथ दिए थे। लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर एसपी से मिला बजरंग दल

बजरंग दल के जिलाध्यक्ष जयकर्ण, जिला संयोजक गगन प्रकाश, गौरव गोयल, परमजीत भनोट पिपली में हुई गोकशी के खिलाफ एसडीएम जगाधरी सतीश कुमार सैनी से मिले। उनसे आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।


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