घर में घुसकर हमला करने के आरोपितों को पुलिस ने नहीं किया गिरफ्तार, महिला आयोग की मेंबर बोली- यह गंभीर मामला
घुसकर महिला व उसके पति को पीटने और दुष्कर्म की कोशिश करने के आरोपितों की गिरफ्तारी न होने के मामले में बृहस्पतिवार को महिला आयोग की मेंबर नम्रता गौड़ जांच करने पहुंची।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
नौ माह पहले घर में घुसकर महिला व उसके पति को पीटने और दुष्कर्म की कोशिश करने के आरोपितों की गिरफ्तारी न होने के मामले में बृहस्पतिवार को महिला आयोग की मेंबर नम्रता गौड़ जांच करने पहुंची। महिला थाने में उन्होंने पीड़िता व पुलिस से बात की। पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका केस कमजोर किया। चार्जशीट में केवल सात नाम दिए गए। जांच में उनके केस से दुष्कर्म की कोशिश करने की धारा भी हटा दी, जबकि उन्होंने पुलिस को अन्य 15 लोगों के भी नाम दिए थे। जांच अधिकारी रामकुमार ने तर्क दिया कि केस की गंभीरता से जांच की गई। दुष्कर्म की कोशिश करने के आरोप साबित नहीं हुए। सात लोगों का चालान किया गया। इस पर मेंबर नम्रता गौड़ ने कहा कि यह गंभीर मामला है। जो अन्य आरोपित हैं, उनको भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए। मार्च माह का मामला है। तब से यह महिला भटक रही है। वीडियो में सभी आरोपितों के फोटो आ रहे हैं। मामले में एक सप्ताह के अंदर आरोपितों को गिरफ्तार कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए।
यह था मामला :
जठलाना थाना एरिया के गांव निवासी महिला की शिकायत पर 18 मार्च 2019 को केस दर्ज हुआ था। महिला ने बताया था कि वह घर पर थी। इस दौरान गांव के ही जयपाल, शिवकुमार, सुरेंद्र, जसविद्र, रजत, करण, सागर समेत 30-35 लोगों ने उनके घर पर हमला कर दिया। उसे कमरे से खींचकर कपड़े फाड़ दिए। दुष्कर्म की कोशिश की गई। बीच बचाव में आए उनके पति को भी पीटा गया। पुलिस ने नामजदों को गिरफ्तार किया था। महिला पक्ष और जयपाल पक्ष के बीच मकान के बाहर जगह को लेकर पुराना विवाद चल रहा था।
वीडियो भेजी थी महिला आयोग :
जिस समय महिला को पीटा गया उसका वीडियो बनाई था। महिला ने यह वीडियो महिला आयोग को भेजा। पीड़िता का कहना है कि हमले में वह और उसका पति बुरी तरह से जख्मी हुए थे। पुलिस ने यह लिख दिया कि उनके पति के साथ कोई मारपीट नहीं हुई। लगातार अधिकारियों को शिकायत करने के बाद सात लोगों का चालान हुआ। केस को पुलिस ने इतना कमजोर कर दिया कि आरोपितों को तुरंत ही जमानत मिल गई। फुटेज में उन्होंने 15 और लोगों की पहचान की। उनके नाम पुलिस को दिए, लेकिन पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी नहीं की। बाद में आरोपितों ने उनके मकान की तरफ सीसीटीवी लगा दिए। इससे उनकी निजता का भी हनन हो रहा है। दरवाजा भी उनकी जगह में खोल दिया। अब लगातार उन्हें धमकी मिल रही है। इस पर डीएसपी ने कहा कि कैमरे को दिखा लिया जाएगा। यदि उसका मोड इस तरह का है कि इनके घर जा रहा है, तो उसे हटा दिया जाएगा। इस केस में जो भी अन्य आरोपित हैं। उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए। इस मौके पर जांच अधिकारी रामकुमार को भी बुलाया गया था।