भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में ढहाई पीर बाबा हकीमुद्दीन की मजार
संवाद सहयोगी, जगाधरी वर्कशॉप : फ्रेट कॉरिडोर के रास्ते में पड़ रही पीर बाबा हकीमुद्दीन की मजार को रेलवे व स्थानीय प्रशासन ने गिरवा दिया। फर्कपुर में बनी मजार को जेसीबी से गिराया गया। इस दौरान हल्का विरोध भी किया, लेकिन भारी पुलिस फोर्स को देखते हुए विरोध करने वाले शांत हो गए। मजार के सेवादार प्रदीप ¨सगला ने दस्तावेज एडीएम एसआरई को भी दिखाए, लेकिन उन्होंने दस्तावेजों को मानने से इंकार कर दिया। उनको रेलवे के ऑर्डर दिखाने के लिए कहा गया। प्रदीप ¨सगला ने तर्क भी दिया था कि पहले जो अधिकारी आए थे, उन्होंने मजार बचाने व श्रद्धालुओं के आने जाने का रास्ता छोड़ने की बात कही थी। उनके तर्क को रेलवे के अधिकारियों ने नहीं माना। इसके बाद जेसीबी से पीर की मजार को गिराने की प्रक्रिया शुरू की गई।
संवाद सहयोगी, जगाधरी वर्कशॉप : फ्रेट कॉरिडोर के रास्ते में पड़ रही पीर बाबा हकीमुद्दीन की मजार को रेलवे व स्थानीय प्रशासन ने गिरवा दिया। फर्कपुर में बनी मजार को जेसीबी से गिराया गया। इस दौरान हल्का विरोध भी किया, लेकिन भारी पुलिस फोर्स को देखते हुए विरोध करने वाले शांत हो गए। मजार के सेवादार प्रदीप ¨सगला ने दस्तावेज एडीएम एसआरई को भी दिखाए, लेकिन उन्होंने दस्तावेजों को मानने से इंकार कर दिया। उनको रेलवे के ऑर्डर दिखाने के लिए कहा गया। प्रदीप ¨सगला ने तर्क भी दिया था कि पहले जो अधिकारी आए थे, उन्होंने मजार बचाने व श्रद्धालुओं के आने जाने का रास्ता छोड़ने की बात कही थी। उनके तर्क को रेलवे के अधिकारियों ने नहीं माना। इसके बाद जेसीबी से पीर की मजार को गिराने की प्रक्रिया शुरू की गई।
पंजाब के साहनेवाल से कोलकत्ता तक फ्रेट कोरिडोर निकाला जाना है। यह यमुनानगर से होकर जाएगा। इसके लिए अलग से रेलवे लाइन बिछाई जा रही है। फर्कपुर में रेलवे लाइन के रास्ते में पीर की मजार पड़ रही है। करीब 70 साल से यह मजार बनी हुई है। पहले से ही यह रेलवे की जमीन में है। अब फ्रेट कॉरिडोर के लिए जगह की जरूरत पड़ी, तो रेलवे ने इस मजार को हटाने का निर्णय लिया।
भारी पुलिस की रही मौजूदगी :
मजार की हटाने की कार्रवाई के दौरान फर्कपुर व रेलवे पुलिस मौजूद रही। रेलवे प्रशासन को अंदेशा था कि मजार को हटाने के दौरान कड़ा विरोध हो सकता है। लोग एकत्र भी हुए, लेकिन भारी पुलिस फोर्स को देख लोग शांत हो गए। रेलवे जीएम के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है। कार्रवाई की अगुवाई एडीएम एसआरई की ओर से की गई। सेवादार प्रदीप ¨सगला ने अधिकारियों से बात की और कहा कि यह 70 वर्षों से यहां पर है। अब रेलवे इस मजार को गिराना चाहता है। पहले अधिकारियों ने यहां से मजार न गिराने का अनुरोध किया था। जिस पर अधिकारियों ने यहां से मजार न हटाने का आश्वासन दिया था। अब अधिकारी इसे हटाने पर अड़े हैं। यह गलत है। इस दौरान छछरौली थाने में तैनात एक पुलिसकर्मी भी वहां पहुंचा, क्योंकि उसके बेटे को सेवादार प्रदीप ¨सगला ने गोद लेकर मजार की जिम्मेदारी दी है। उसने विरोध किया, तो पुलिस ने उसे वहां से भगा दिया। बाद में पुलिस ने कार्रवाई की और ग्राउंड जीरो कर दी।
तीन बार गिरा ट्रैक पर मलबा :
मजार को गिराते समय ढांचा तीन बार रेलवे ट्रैक पर गिर गया। जिसकी वजह से ट्रेनों का रास्ता अवरुद्ध हुआ। पांच से छह घंटे तक चली इस कार्रवाई के दौरान सात से आठ ट्रेनों को कंट्रोल रूप से धीरे से चलाया गया। ताकि कोई हादसा न हो।