मतगणना में धांधली को लेकर लोगों ने किया हंगामा, डीसी ने कहा कोर्ट या चुनाव आयोग जाओ
नगर निगम चुनाव में वार्ड 12 से आजाद प्रत्याशी रही मनीषा रानी के समर्थकों ने सचिवालय पर जमकर हंगामा किया। लोगों की डीसी गिरीश अरोड़ा के साथ भी बहस हो गई। लोग काफी देर तक नारेबाजी करते रहे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नगर निगम चुनाव में वार्ड 12 से आजाद प्रत्याशी रही मनीषा रानी के समर्थकों ने सचिवालय पर जमकर हंगामा किया। लोगों की डीसी गिरीश अरोड़ा के साथ भी बहस हो गई। लोग काफी देर तक नारेबाजी करते रहे। डीसी ने तो यहां तक कह दिया कि अब हो हल्ला करने से कुछ नहीं होगा। ऐसे लोगों की भीड़ इकट्ठी करने से सच झूठ में नहीं बदल जाएगा। इसलिए अब कुछ नहीं हो सकता। यदि किसी को कोई दिक्कत है तो वो राज्य चुनाव आयोग या फिर कोर्ट में जा सकता है। मेरे स्तर पर वोटों की दोबारा गिनती नहीं हो सकती। ध्यान रहे कि भाजपा के संजीव कुमार को 3150 व मनीषा को 2836 मत मिले थे।
आजाद प्रत्याशी मनीषा रानी सचिवालय में अपने पति रवि अठवाल, समर्थकों नितिन पाल, सुरेंद्र कुमार, जस¨वद्र कौर, रामकुमार, मितलेश, सीताराम, कृष्णपाल, ओमवती, तेजपाल, बबली, रमेश चंद, सलोचना, उमेश, सरिता व सुनील चौहान समेत अन्य लोगों के साथ सचिवालय में पहुंची। उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। रवि अठवाल ने कहा कि उनके साथ वार्ड 12 की शंभु कॉलोनी व पांसरा कॉलोनी के लोग आए हैं। वार्ड के 12 व 13 बूथ पर 16 दिसंबर को नगर निगम के पार्षद पद के चुनाव हुए थे। उनकी प्रत्याशी मनीषा रानी थी। लोगों ने कहा कि दोनों बूथों पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने मनीषा रानी के चुनाव चिन्ह के आगे का बटन दबाकर वोट डाले थे। 19 दिसंबर को जब गिनती हुई तो बूथ नंबर 12 से मनीषा रानी को 8 वोट व बूथ 13 से 59 वोट ही मिले। मनीषा रानी ने आरोप लगाया कि जब ईवीएम की जब गितनी हो रही थी तो बूथ छह तक तो उन्हें ईवीएम में डले वोट दिखाए गए लेकिन इसके बाद उन्हें वोट दिखाए नहीं गए। उन्हें अंत में कुछ वोट बताकर उनके साइन करवा लिए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने ईवीएम में गड़बड़ी करके वार्ड से अपने प्रत्याशी संजीव कुमार को विजेता बनाया है। इसलिए उक्त दोनों बूथों समेत सभी ईवीएम की दोबारा गिनती होनी चाहिए।
पहले सीटीएम और बाद में डीसी आए बात करने
प्रदर्शनकारियों की शिकायत लेने के लिए पहले सीटीएम सोनू राम अपने कार्यालय से बाहर आए। कुछ मिनट बाद ही डीसी गिरीश अरोड़ा बाहर आए। उन्होंने पहले लोगों की बात को सुना और फिर अपनी सुनाई। गिरीश अरोड़ा ने लोगों से कहा कि जब गितनी हो रही थी तो अंदर सभी प्रत्याशियों के एजेंट थे। यदि उन्हें लग रहा है कि वोटों की गिनती में गड़बड़ी की गई है तो एजेंट व प्रत्याशी को उसी समय अपनी बात रखनी चाहिए थी। तब दोबारा गितनी हो सकती थी। लेकिन अब मेरे स्तर पर कुछ नहीं हो सकता। इतने दिन बाद आप लोगों की भीड़ लेकर यहां आ रहे हो इससे सच झूठ में नहीं बदल सकता। यदि आपको किसी तरह की शिकायत है तो राज्य चुनाव आयोग में जाएं या फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं। इसी बात को लेकर उनकी लोगों से काफी देर तक बहस होती रही। डीसी लोगों की शिकायत लेकर अपने कार्यालय में चले गए।
बैलेट पेपर से हो मतदान
वार्ड नंबर सात से चुनाव हारे गगन खरोड़ का कहना है कि वे ईवीएम के कारण चुनाव हार गए हैं। ईवीएम से चुनाव होने बंद होने चाहिए। बैलेट पेपर से चुनाव हो।