घरों के ऊपर से गुजर रहे हाईटेंशन तार
जागरण संवाददाता, यमुनानगर: शहर की 52 कॉलोनियों के लोगों की हाईटेंशन तार टेंशन बने हैं। ये घरों से सट
जागरण संवाददाता, यमुनानगर: शहर की 52 कॉलोनियों के लोगों की हाईटेंशन तार टेंशन बने हैं। ये घरों से सटकर निकल रहे है। 20 साल के दौरान करंट लगने से दर्जनों की जान जा चुकी है। बिजली निगम कोई सबक नहीं ले रही है। लोगों ने सीएम को शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। इसका परिणाम अब तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। लोगों की ये दिक्कत मंगलवार को सामने आई। दैनिक जागरण टीम ने कई कॉलोनियों का दौरा किया। लोगों ने बताया कि तारों के डर से वे शाम के समय छत पर भी नहीं जाते। उनको डर रहता है कि कही कोई अनहोनी उनके साथ न हो जाए। 11.20 बजे चोपड़ा गार्डन
कॉलोनी में कई घर ऐसे हैं जहां से हाईटेंशन तार जा रहे हैं। इनको हटाने की मांग की जा चुकी है। इस तरफ बिजली निगम ने गौर नहीं किया। यहां के सोनी, विक्रम, अशोक कुमार, राजकुमार कहते हैं कि कॉलोनी के लोग तार हटाने को लेकर संघर्ष कर रहे है। सफल नहीं हो सके। 12.30 बजे बैंक कॉलोनी
कॉलोनी के लोगों ने बताया कि वर्ष-2015 से हाईटेंशन तारों को हटवाने के लिए प्रयासरत हैं। इस अवधि में हाईटेंशन की चपेट में आने से दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है, फिर भी हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड सबक नहीं ले रहा। उन्होंने मुख्यमंत्री 3 अप्रैल 2018 को सीएम विडो पर भी शिकायत दी। कार्यालय से उन्हें जवाब आया कि इस बारे में चीफ सेक्रेटरी हरियाणा को लिख दिया है। अब तक उनकी तरफ से कोई न तो कार्रवाई हुई ना ही कोई जवाब आया। इससे लोगों में असमंजस की स्थिति है। लोगों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। जब तक रिहायशी क्षेत्र से निकल रहे हाईटेंशन तार हटाए नहीं जाते तब तक वे लड़ाई लड़ते रहेंगे। 1.45 बजे कांसापुर
यहां के लोगों ने बताया कि वर्ष 2018 में हाईटेंशन व अन्य तारों को हटाए जाने के लिए सरकार ने 104 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। जिले के हिस्से में 32 करोड़ रुपये आए हैं। इन तारों को रिहायशी क्षेत्रों से हटाकर उन स्थानों से गुजारा जाएगा जहां आबादी नहीं है। इस दिशा में भी अब तक कार्य शरू नहीं हो सका। 2.15 बजे वर्कशाप रोड
इस मार्ग पर थाना सिटी के नजदीक दुकानों के नजदीक से हाईटेंशन तार लटके दिखाई दिए। दुकानदार हरमीत, राजू, पवन कुमार, रमेश और हरनेक सिंह ने बताया कि छह माह पहले इनको कसा गया था। फिर से तार लटक गए हैं। दुकानों के बोर्ड से टकरा रहे हैं। उनको डर ये भी रहता है हवा के साथ तार टूटकर नीचे न गिर जाए। दौरे तक सिमटी कार्रवाई
पुष्पेंद्र ने बताया कि अब तक सरकारों की अनदेखी के कारण कार्रवाई के केवल दौरे तक सिमट कर रही, जिन लोगों ने कॉलोनियों में मकान बना लिए, वे अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों ने आकर लोगों ने इन कॉलोनियों में महंगी जमीनें भी ली और मकानों पर भी मोटा खर्च किया, लेकिन हाईटेंशन तार टेंशन बने हैं। आवागमन भी बाधित
प्रदीप बताते हैं कि छत के ऊपर से हाईटेंशन तार जाने के अलावा गली के बीचोबीच लोहे के पोल भी लगाए हैं। इनसे आवागमन भी बाधित हो रहा है। हाईटेंशन तारों के कारण लोगों ने छत के ऊपर जाना छोड़ दिया है। इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है। गाोकुल का कहना है कि पांच साल में 20 से ज्यादा हादसे हो चुके हैं। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। उपचार के दौरान अधिकतर की मौत ही हो गई। विरोध में लोग जाम तक लगा चुके हैं। लाइन हटने का काम नहीं हो सका। हाईटेंशन लाइन में कभी-कभी करंट छोड़ा जाता है। जब भी करंट आता है। किसी न किसी को अपनी चपेट जरूर लेता है। इनके हटने पर लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
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