कोहरे से बचाव के कागजी इंतजाम, इस बार तो जागरूकता अभियान तक नहीं चलाया
कोहरे का सीजन शुरू हो चुका है लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए गए। न तो कोई जागरूकता अभियान चलाया गया और न ही रोड इंजीनियरिग की खामियों को दूर किया गया। आरटीए पीडब्ल्यूडी व ट्रैफिक पुलिस को हादसों को रोकने के लिए इंतजाम करने थे लेकिन इन पर कोई कार्य होता नहीं दिख रहा।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
कोहरे का सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए गए। न तो कोई जागरूकता अभियान चलाया गया और न ही रोड इंजीनियरिग की खामियों को दूर किया गया। आरटीए, पीडब्ल्यूडी व ट्रैफिक पुलिस को हादसों को रोकने के लिए इंतजाम करने थे, लेकिन इन पर कोई कार्य होता नहीं दिख रहा। गत माह रोड सेफ्टी की बैठक में सभी खामियों को दूर करने पर मंथन हुआ, लेकिन बैठक खत्म होने के बाद अधिकारी भी जिम्मेदारी भूल गए।
जागरूकता अभियान तक नहीं चलाते अधिकारी :
अधिकारियों की ओर से वाहनों पर रिफ्लेक्टर लाइट लगाने के प्रति जागरूकता के लिए अभियान तक शुरू नहीं हुए हैं। रोड सेफ्टी व यातायात नियमों की पालना के लिए स्कूल व कॉलेजों में भी कार्यक्रम होते हैं। कई माह से किसी स्कूल व कॉलेज में कोई कार्यक्रम तक नहीं कराया जा सकता है। इसके अलावा वाहन चालकों की आंखों व स्वास्थ्य की जांच के लिए भी शिविर लगाए जाते हैं, लेकिन इस पर भी ट्रैफिक पुलिस कोई ध्यान नहीं दे रही है। कई माह से कोई शिविर तक नहीं लगा है।
रोड सेफ्टी के नाम पर खानापूर्ति :
रोड सेफ्टी के कार्यों के नाम पर भी खानापूर्ति की जाती है। बिलासपुर रोड पर सड़क के चौड़ीकरण का कार्य चलने की वजह से एक साइड से खोदी गई है। कैल-कलानौर हाईवे को भी सड़क के एक साइड से खोद दिया गया है। यहां पर बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए गए। यहां पर कोई सांकेतिक चिन्ह तक नहीं लगाया गया है। इसके अलावा सड़कों किनारे खड़े होने वाले वाहनों को भी नहीं हटवाया जाता। यह भी हादसे का कारण बनते हैं। छछरौली रोड पर जगह-जगह भारी वाहन खड़े रहते हैं। जिसकी वजह से जाम लगता है। अक्सर इनमें वाहनों की भिडंत भी होती है। पिछले दिनों आरटीए की ओर से रक्षक विहार नाके पर रिफ्लेक्टर लगाई गई। अन्य किसी जगह पर कोई कार्य नहीं हुआ।