शहर से गांव तक दहशत, निजी चिकित्सक वायरल के 50 प्रतिशत मरीजों को डेंगू होने का कर रहे दावा
डेंगू का डंक तेज हो रहा है। शहर से गांव तक इसकी दहशत है। प्रभावित इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम को जिम्मेदार मान रहे हैं। गांवों में फॉगिग नहीं कराई गई। निजी अस्पतालों में इस समय सबसे अधिक मरीज वायरल और डेंगू के पहुंच रहे हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : डेंगू का डंक तेज हो रहा है। शहर से गांव तक इसकी दहशत है। प्रभावित इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम को जिम्मेदार मान रहे हैं। गांवों में फॉगिग नहीं कराई गई। निजी अस्पतालों में इस समय सबसे अधिक मरीज वायरल और डेंगू के पहुंच रहे हैं। निजी चिकित्सक भी 50 प्रतिशत मरीजों को डेंगू होने का दावा कर रहे हैं, हालांकि स्वास्थ्य विभाग महज 29 केस की डेंगू के सामने आने की बात कह रहा है। विभाग के मुताबिक, 347 संदिग्ध केस जांच के लिए भेजे गए हैं।
संदिग्ध डेंगू से मौत भी हो चुकी
परवालो गांव में बुखार से भाई बहन की मौत हो गई थी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट न मिलने तक डेंगू होने से इंकार कर दिया था। रिपोर्ट भी पीजीआइ से नहीं सकी है। लापरा में भी एक संदिग्ध मौत डेंगू से हुई है। स्वास्थ्य विभाग इस मौत की भी पुष्टि नहीं कर रहा है।
यहां पर मिले डेंगू के केस
शांति कॉलोनी, आदर्श नगर कैंप, मॉडल कॉलोनी, छोटा मॉडल टाउन, गांधीधाम, मॉडल कॉलोनी, रामनगर, संजय विहार कॉलोनी, अराइयावाला, शादीपुर, तेजली, खानपुर, ईस्ट भाटिया नगर, शास्त्री कॉलोनी, न्यू हमीदा कॉलोनी, विशाल नगर, हरनौल, जगाधरी, रेलवे बाजार, मुंडा माजरा, न्यू करतारपुरा, भगवानगढ़ और दशमेश कॉलोनी में डेंगू के केस मिले हैं। भगवानगढ़ में भी लोगों ने डेंगू होने की शिकायत की थी। मरीजों के भी सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे। अब यहां पर एक मरीज को डेंगू की पुष्टि हुई है। गांव दयालगढ़ में एक ही परिवार के छह लोग संदिग्ध डेंगू की चपेट में है। निजी चिकित्सकों ने उन्हें डेंगू बताकर इलाज शुरू किया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग बिना एलाइजा टेस्ट के डेंगू के मरीजों को कंफर्म नहीं कर रहा है। विभाग के मुताबिक, डेंगू का सबसे सही टेस्ट एलाइजा है। इसमें ही मरीज की पुष्टि होती है।
2014 में मिले थे सबसे कम केस
वर्ष - मरीज
2012- 18
2013- 56
2014- 2
2015- 122
2016- 65
2017- 70
2018- 42
2019- 29
वायरल के पहुंच रहे अधिक मरीज
निजी अस्पतालों के साथ वायरल के मरीज सिविल अस्पताल में भी पहुंच रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ के पास भी बच्चों को वायरल से संबंधित मरीज पहुंच रहे हैं। इसके अलावा इस समय फिजिशियन के पास भी वायरल के मरीजों की अधिक भीड़ लगी है। दो दिन की छुट्टी के बाद सिविल अस्पताल में सोमवार को भारी भीड़ लगी रही। पर्ची बनवाने से लेकर दवाई लेने तक में मरीजों को कई-कई घंटे इंतजार करना पड़ा। कुछ मरीजों को बिना दवाई लिए ही लौटना पड़ा।
फॉगिग कराने की मांग
वार्ड 22 की बैंक कॉलोनी के विक्की बांगड़ की ओर से डीसी को गलियों में फॉगिग कराने के संबंध में शिकायत दी गई है। वार्ड 21 व 22 में आने वाली बैंक कॉलोनी, मायापुरी, रामेश्वरनगर आदि में गलियों की सफाई नहीं हुई है। डेंगू होने का खतरा बना हुआ है। बैंक कॉलोनी के धीरज, राजीव गार्डन के धर्मवीर, सतपाल, कैलाश आदि को डेंगू हुआ है। निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। कॉलोनियों में कोई फॉगिग नहीं कराई। जिस वजह से यहां मच्छरों की भरमार है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. वागीश गुटैन ने बताया कि डेंगू का सीजन लगभग खत्म होने वाला है। स्थिति कंट्रोल में रही। जहां डेंगू के केस मिले है। वहां पर टीमें लगाई गई हैं। दयालगढ़ व भगवानगढ़ में भी टीमें भेजकर फॉगिग व इंडोर स्प्रे कराया गया। जहां से भी शिकायत मिलती है, तुरंत टीम भेजी जा रही है।