स्पेशल गिरदावरी का इंतजार, खेतों में शुरू हुआ धान का जमाव
स्पेशल गिरदावरी के इंतजार में किसानों की मेहनत खेतों में सड़ रही है। 10-20 प्रतिशत यदि अनाज है, उसको भी किसान समेट नहीं पा रहा है। हर दिन इस उम्मीद में कट रहा है कि शायद आज अधिकारी खेत का दौरा करेंगे और नुकसान की भरपाई के लिए उसको मुआवजा मिल जाए।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : स्पेशल गिरदावरी के इंतजार में किसानों की मेहनत खेतों में सड़ रही है। 10-20 प्रतिशत यदि अनाज है, उसको भी किसान समेट नहीं पा रहा है। हर दिन इस उम्मीद में कट रहा है कि शायद आज अधिकारी खेत का दौरा करेंगे और नुकसान की भरपाई के लिए उसको मुआवजा मिल जाए। दैनिक जागरण की टीम ने नुकसान का जायजा लेने के लिए खेतों का दौरा किया। हालात देखे गए हैं कि खेतों में ही धान का जमाव शुरू हो गया है। किसान इस कमशकश में हैं कि फसल को कटवाएं या न कटवाएं। यदि कटवा ली गई तो सर्वे से बाहर हो जाएंगे और मुआवजे से वंचित रहेंगे। यदि न कटवाएं तो फसल की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ रही है। किसानों की मानें तो 70-80 प्रतिशत नुकसान हो चुका है।
फसल पर इस प्रकार बरसी आफत
मई माह में 19 एमएम, जून माह में 62.48, जुलाई माह में 368 व अगस्त माह में 299 एमएम बरसात हुई है। सितंबर माह की बात की जाए तो दो सितंबर को एक, तीन को 32 एमएम, चार को आठ एमम, पांच को पांच एमएम, 22 को 30, 23 को 31 व 24 को 75 एमएम बारिश हुई है। बारिश के साथ तेज हवा भी चली जिसके कारण धान की फसल खेतों में बिछ गई।
फोटो : 12
मायूस हुए किसान
उंचा चंदना के किसान कृष्ण दत्त का फसल के हालात देखकर गला भर आया। उन्होंने बताया कि दो एकड़ तैयार फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। सरकार ने स्पेशल गिरदावरी करवाने के आदेश दिए थे, लेकिन आज तक कोई भी गिरदावरी करने के लिए नहीं आया। कई बार पटवारी से बात हुई, लेकिन जवाब यही मिलता है कि अब उनके पास इस बारे कोई आदेश नहीं हैं। आदेश होंगे तो गिरदावरी कर दी जाएगी। सरकार के आदेश केवल कागजों तक ही सिमट कर रह गए हैं। किसानों का दर्द समझकर उनकी फसल का मुआवजा जल्द दिया जाए।
फोटो :13
गुंदयाना के किसान व भाकियू के जिलाध्यक्ष संदीप कुमार का कहना है कि जिला उपायुक्त से भी स्पेशल गिरदावरी की मांग की चुकी है। लगातार हुई बारिश के कारण फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। खेतों में पड़ी फसल में जमाव शुरू हो गया है। खेत में यदि थोड़ा-बहुत अनाज था, वह भी खराब हो रहा है। हालात यह पैदा हो गए हैं कि किसान को कटाई भी जेब से देनी पड़ेगी। सरकार किसानों का दर्द नहीं समझ रही है। आदेशों के बावजूद गिरदावरी नहीं हो रही। काफी खेतों से तो अभी पानी भी नहीं सूखा है। प्रशासनिक अधिकारियों को चाहिए कि जल्द गिरदावरी शुरू करवाई जाए।
फोटो : 14
हमने तो सभी जिलों में अधिकारियों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भिजवाए। स्पेशल गिरदावरी की मांग को लेकर कृषि मंत्री से भी मिल चुके हैं। खेतों में फसल सड़ रही है। बिना गिरदावरी के ही फसल की कटाई करना किसान की मजबूरी हो चुकी है। प्रभावित किसानों को कम से कम 40 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाना चाहिए। जिन खेतों में पानी जमा है, उसकी निकासी का प्रबंध भी किया जाना चाहिए।
गुरनाम ¨सह चढूनी, प्रदेशाध्यक्ष, भाकियू।