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उप्र की ओर से बेरोकटोक आ रही धान

हरियाणा- उप्र बार्डर हथनी कुंड बैराज से व्यापारियों द्वारा खरीद किए गए हजारों क्विंटल धान से लदी ट्रैक्टर-ट्राली हर रोज अनाज मंडी प्रताप नगर पहुंच रही है। अनाज मंडी में स्थानीय किसानों से ओने पौने दामों पर धान खरीद कर व्यापारी मोटी कमाई कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 07:49 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 07:49 AM (IST)
उप्र की ओर से बेरोकटोक आ रही धान

संवाद सहयोगी, खिजराबाद : हरियाणा- उप्र बार्डर हथनी कुंड बैराज से व्यापारियों द्वारा खरीद किए गए हजारों क्विंटल धान से लदी ट्रैक्टर-ट्राली हर रोज अनाज मंडी प्रताप नगर पहुंच रही है। अनाज मंडी में स्थानीय किसानों से ओने पौने दामों पर धान खरीद कर व्यापारी मोटी कमाई कर रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से पाबंदी है। बावजूद इसके उप्र से बेरोकटोक धान पहुंच रहा है। रात के अंधेरे में बिहारीगढ़, मिर्जापुर, रायपुर, बेहट आदि साथ लगते गांवों से धान से भरी ट्रैक्टर ट्रालियां हथिनी कुंड बैराज से गुजरते हुए अनाज मंडी प्रताप नगर पहुंच रहे हैं।

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बताया जा रहा है कि धान व्यापारी उप्र के स्थानीय किसानों से 1200-1300 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीद कर 1500-1600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से अनाज मंडी में बेचा जा रहा है। अनाज मंडी के कुछ बड़े आढ़तियों ने स्थानीय किसानों के नाम पर फसल का पंजीकरण कराया हुआ है। उसी पंजीकरण की आड़ में पड़ोसी राज्यों से आने वाले धान को बेचकर मोटी कमाई की जा रही है। सिचाई विभाग की ओर से हथिनी कुंड बैराज पर भी नाइट विजन कैमरे स्थापित किए गए हैं। जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) जगमिद्र नैन ने गांव खानपुर, भंभौल व सिलीकला में फसल अवशेषों में आग न लगाने बारे किसानों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि सुपर सीडर, रिवर्सिबल प्लो, मल्चर, रोटरी स्लेशर व स्ट्रा बेलर के प्रयोग से धान के अवशेषों का उचित प्रबंधन किया जा सकता है। इन कृषि यंत्रों के प्रयोग से फसल के अवशेषों में आग लगाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती है। इन यंत्रों पर 50 से 80 फीसद तक अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने किसानों से फसल अवशेषों में आग न लगाने की अपील भी की।


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