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मेला में पुलिस की मनमर्जी से अधिकारी, कर्मचारी रहे परेशान, श्रद्धालु से हुई बहस

कार्तिक पूर्णिमा के स्नान से पहले कपालमोचन मेला में पुलिस विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तनातानी हो गई। उसका सीधा असर मेला में आए श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 08:30 AM (IST)
मेला में पुलिस की मनमर्जी से अधिकारी, कर्मचारी रहे परेशान, श्रद्धालु से हुई बहस
मेला में पुलिस की मनमर्जी से अधिकारी, कर्मचारी रहे परेशान, श्रद्धालु से हुई बहस

जागरण संवाददाता, कपालमोचन : कार्तिक पूर्णिमा के स्नान से पहले कपालमोचन मेला में पुलिस विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तनातनी हो गई। उसका सीधा असर मेला में आए श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ा। पुलिस ने मेला में आने वाले सभी रास्तों पर रास्तों पर नाके लगाकर श्रद्धालुओं ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों के वाहनों को भी अंदर नहीं जाने दिया। दोपहर 12 बजे से दोपहिया वाहनों को भी बाहर ही रोक दिया गया। मेला प्रशासन के अधिकारियों ने भी पुलिस को ऐसा नहीं करने को कहा गया, परंतु पुलिस ने किसी की भी नहीं सुनी, जिसका नतीजा ये हुआ कि काफी श्रद्धालु नाराज होकर मेला में आने की बजाय नाकों से ही वापस हो लिए।

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लोगों की पुलिस के साथ हुई बहस

पुलिस ने बिलासपुर रोड पर गैस गोदाम के नजदीक पेट्रोल पंप के सामने, चौराही मोड़ और शिव चौक पर पर तीन नाके लगा रखे हैं। बाहर से आने वाली कारों, ट्रकों व बसों को चौराही रोड से होते हुए पार्किंग में भेजा गया, लेकिन दोपहर 12 बजे पुलिस ने शिव चौक पर बाइक सवारों को भी अंदर नहीं जाने दिया। यहां पर लोगों ने पुलिस कर्मचारियों को जमकर कोसा। पुलिस ने बाइकों को सरस्वती स्कूल के सामने से होते हुए गणपति कॉलेज के सामने से छछरौली रोड पर निकाला। इसके बाद पुलिस ने गैस गोदाम के पास पेट्रोल पंप के सामने रास्ते को पूरी तरह से ही बंद कर दिया। केवल मेला से आने वाले वाहनों को ही बाहर जाने दिया जा रहा था।

सड़क पर लग गया जाम

पेट्रोल पंप के सामने लगे नाके पर बाइकों को रोक देने से सड़क के दोनों तरफ लंबा जाम लग गया। श्रद्धालु व स्थानीय लोग एक घंटा तक जाम में फंसे रहे। यहां तक की दो एंबुलेंस भी पुलिस विभाग के कारण जाम में ही फंसी रही, जो एंबुलेंस मेला से जा रही थी, उसमें एक बीमार श्रद्धालु था। यहां पर श्रद्धालुओं व लोगों की पुलिस कर्मचारियों के साथ काफी नोकझोंक हुई। पुलिस ने बेरिकेड व पेड़ पर रस्सी बांध दी, जिस कारण श्रद्धालुओं को यह रस्सी लांघ कर मेला में पैदल जाना पड़ा। यहां तक की जिन कर्मचारियों की ड्यूटी मेला में लगी हुई थी उन्हें भी बाइकों व कारों में मेला में जाने नहीं दिया गया।

अधिकारी ने कहा-हमें पता है पुलिस ऐसा क्यों कर रही है

मेला में एक बड़े अधिकारी से जब इस बारे बात हुई तो उन्होंने बताया कि हमें पता है कि पुलिस ऐसा क्यों कर रही है। हमने पुलिस को कहा था कि बाइकों को अंदर आने से न रोका जाए। प्रशासन की तरफ से प्रेस, कर्मचारी ड्यूटी, वीआइपी, वीवीआइपी पास के सैंपल मेला में आने वाली सभी सड़कों पर लगे नाकों पर दो दिन पहले ही पहुंचा दिए थे, ताकि ये पास दिखाने वालों को अंदर आने दिया जाए। परंतु पुलिस हमारी सुन ही नहीं रही है। सूत्रों ने बताया कि मेला में वीआइपी पास लेने को लेकर पुलिस व अधिकारियों में किसी बात को लेकर बात बिगड़ी, जिस कारण पुलिस व मेला प्रशासन की आपस में नहीं बनी। इसकी प्रशासनिक खंड में खूब चर्चा हो रही थी।

डीएसपी से बात की थी : एसडीएम

एसडीएम बिलासपुर एवं मेला प्रशासक गिरीश कुमार ने बताया कि बाइकों को बाहर रोकने बारे अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी जानकारी दी थी। इस बारे में डीएसपी से भी बात की थी।


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