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स्ट्रीट लाइटों के टेंडर में अब घालमेल नहीं कर सकेंगे अफसर

स्ट्रीट लाइटों का टेंडर लगाने की प्रक्रिया में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 07:48 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 07:48 AM (IST)
स्ट्रीट लाइटों के टेंडर में अब घालमेल नहीं कर सकेंगे अफसर

संजीव कांबोज, यमुनानगर : स्ट्रीट लाइटों का टेंडर लगाने की प्रक्रिया में सरकार ने बड़ा फेरबदल किया है। अफसर चाहकर भी अपने चहेतों को खुश नहीं कर सकेंगे। क्योंकि यह टेंडर डीयूएलबी (डायरक्ट्रेट अर्बन लोकल बाडी) से ही लगाया गया है। टेंडर भरने की आखिरी तारीख 22 जून है। खास बात यह है कि पंचकुला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल व यमुनानगर को एक क्लस्टर बनाकर टेंडर लगाया गया है। सभी पांच जिलों में एक साथ ही टेंडर लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी। तमाम लाइटों को एलइडी में कन्वर्ट किया जाएगा।

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वर्क अलाट से पहले सर्वे

एजेंसियों को वर्क अलाट करने से पहले शहर का सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए लिए भी यूएलबी ने एजेंसी हायर की है। इसके कर्मचारी सभी वार्डों का सर्वे करेंगे। ताकि यह पता लग सके कि शहर में कुल कितनी स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी हैं। कहां-कहां लाइटों के लगाने की जरूरत है और किन मुख्य मार्गों पर लाइटें लगाई जानी हैं। नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी की बात की जाए तो यहां 22 वार्ड हैं। फिलहाल करीब 25 हजार प्वाइंट्स हैं। सर्वे के बाद बढ़कर संख्या 30 हजार तक होने की उम्मीद है। हालांकि तमाम प्वाइंट्स को एलइडी में बदलने के लिए आठ वार्डों से प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में बरती गई अनियमितताओं के कारण शिकायत विधानसभा की पिटीशन कमेटी में चली गई। उसके बाद यह प्रक्रिया रुक गई है। यह होगा फायदा

इस बदलाव का बड़ा फायदा यह होगा कि अधिकारी अपने स्तर पर टेंडर प्रक्रिया को लटका कर नहीं रखेंगे। अपने चहेतों को टेंडर देने के आरोप नहीं लग पाएंगे। अधिकारिक स्तर पर हुई टेंडर प्रक्रिया में कई बार अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं। लाइटों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठते रहे हैं। हाउस की बैठक में जन प्रतिनिधि कई बार यह मुद्दा उठा चुके हैं। गौर हो कि एक पार्षद व पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर ने स्ट्रीट लाइटों के टेंडर में अनियमितताओं की शिकायत विधानसभा की पिटीशन कमेटी को की हुई है।

चार साल में खर्च का ब्योरा

2016-17 तीन करोड़ 10 लाख

2017-18 चार करोड़ 41 लाख

2018-19 70 लाख 80 हजार

2019-20 चार करोड़ 80 लाख। यह हैं मौजूदा हालात

हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद ट्विनसिटी में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था ठीक नहीं है। शाम ढलते ही अंधेरा पसर जाता है। पुराना नेशनल हाइवे, बिलासपुर रोड, हमीदा रोड, हमीदा कालोनी, जम्मू कालोनी, माडल कालोनी, कैंप एरिया, बैंक कालोनी, सहारनपुर रोड, माया कालोनी, आजाद नगर, चौधरी कालोनी, दशमेश कालोनी, जसवंत कालोनी, राजीव गार्डन, गंगा नगर, दुर्गा गार्डन, वार्ड चार में अधिकांश लाइटें खराब हैं। नगर निगम एरिया को दो जोन में बांटा

स्ट्रीट लाइटों से संबंधित 80-100 शिकायतें रोजाना आ रही हैं। मरम्मत के लिए नगर निगम एरिया को दो जोन में बांटा हुआ है। खराब हुई लाइट को 48 घंटे में ठीक कराने का प्रावधान है, जबकि दो-दो माह तक लाइटें ठीक नहीं कराई जाती। पार्षद हरमीन कौर, निर्मला चौहान और देवेंद्र सिंह का कहना है कि स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था में सुधार जरूरी है। बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद स्ट्रीट लाइटों को ठीक नहीं किया जाता। स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था में सुधार के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू

शहर में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था में सुधार के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह टेंडर डीयूएलबी स्तर पर लगाया गया है। नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी सहित पांच निगमों का क्लस्टर बनाकर टेंडर लगाया गया है। उम्मीद है जल्दी ही काम शुरू हो जाएगा। सभी लाइटें एलइडी में कन्वर्ट किए जाने की योजना है।

धर्मवीर सिंह, कमिश्नर, नगर निगम।


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