आजादी के मतवालों का नहीं दिया रिकॉर्ड, सीआइसी ने किया राज्य सभा के सीपीआइओ को शोकॉज नोटिस
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नोटिस जारी होने के बावजूद भी गृह मंत्रालय से अमर शहीदों का
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
नोटिस जारी होने के बावजूद भी गृह मंत्रालय से अमर शहीदों का रिकॉर्ड नहीं दिया गया। केंद्रीय सूचना आयोग ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई। अब राज्यसभा के सीपीआइओ को शॉकोज नोटिस जारी हुआ है। इंकलाब मंदिर के संस्थापक एडवोकेट वरयाम ¨सह ने आरटीआइ के तहत यह जानकारी मांगी थी। शुक्रवार को लघु सचिवालय में वीसी के जरिए केंद्रीय सूचना आयोग के चीफ कमिश्नर सुधीर भार्गव ने इस मामले में सुनवाई की। जहां पर एडवोकेट वरयाम ¨सह ने अपना पक्ष रखा और दूसरी और से राज्यसभा, लोकसभा व गृहमंत्रालय के सीपीआइओ ने अपना-अपना पक्ष रखा।
एडवोकेट वरयाम ¨सह ने 12 अप्रैल 2017 को देश को आजाद कराने वाले अमर शहीदों के बारे में आरटीआइ के तहत सूचना मांगी थी। इसमें 1857 से 1947 तक देश की आजादी के लिए जान देने वाले क्रांतिकारी शहीदों के सम्मान के लिए आयोग के गठन का नियम बताने की जानकारी मांगी। इसके अलावा शहीदों पर सम्मान से लेकर, शहीद दर्जा देने, सुरक्षा के लिए कानून बनाने, शहीदों के इतिहास को सुरक्षित रखने, उनकी विरासत व मकान को सुरक्षित रखने और शहीदों के परिजनों को तलाशने के बारे में सूचना मांगी गई थी। इसमें कई अन्य ¨बदु और भी थे।
एडवोकेट वरयाम ¨सह ने बताया कि उनके पास तीन मई 2017 को राज्य सभा सचिवालय के सीपीआइओ की ओर से जवाब आया। जिसमें कहा गया था कि जो सूचना मांगी गई है। वह उपलब्ध नहीं है। यदि वह चाहें, तो राज्य सभा के वाद विवाद पोर्टल पर खोज सकते हैं। इस पर वह संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने 16 मई 2017 को संयुक्त सचिव व वित्त सलाहाकार राज्य सभा के नाम प्रथम अपील की। अपील के बाद एक जून 2017 को उनके पास जवाब आया कि जो जानकारी मांगी गई है। वह वाद विवाद के पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है। इसलिए विभाग जानकारी देने में असमर्थ है। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय सूचना आयोग को छह जुलाई 2017 को दोबारा से अपील कर दी।
दोबारा अपील की, तो जारी हुए नोटिस :
एडवोकेट वरयाम ¨सह ने जब दोबारा अपील की, तो केंद्रीय सूचना आयोग की ओर से राज्य सभा, लोकसभा व गृह मंत्रालय के सीपीआइओ को नोटिस जारी किए गए। यह नोटिस 13 दिसंबर 2018 को जारी हुए। इसके साथ ही केंद्रीय सूचना आयोग के चीफ कमिश्नर सुधीर भार्गव ने इस मामले में सुनवाई के लिए 11 जनवरी का समय दिया। जिसमें शुक्रवार को वीसी के जरिए सुनवाई हुई।
इस तरह से हुई बहस :
चीफ कमिश्नर : एडवोकेट वरयाम ¨सह को सूचना क्यों नहीं दी गई।
सीपीआइओ राज्य सभा : उनको पत्र भेज दिया था कि वह वाद विवाद पोर्टल पर सूचना तलाशने की हिदायत दी गई थी।
एडवोकेट ¨सह : सर, मैने पोर्टल पर सूचना खोजी थी, लेकिन नहीं मिली।
चीफ कमिश्नर : आपने जब एक जून को खुद कहा है कि जानकरी ढूंढ़ने में असमर्थ है, तो फिर वरयाम ¨सह कैसे ढूंढ लेता। जबकि आपके पास पर्याप्त स्टाफ भी है।
सीपीआइओ : वह बोलने लगे। बीच में बात काट दी गई।
चीफ कमिश्नर : नहीं, प्रार्थी का ग्राउंड सही है। इसके लिए आपको कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है और आप प्रार्थी को सही सूचना उपलब्ध कराएं।