अब दर-दर की ठोकरें नहीं खाएगी उत्पीड़न की शिकार अबला
अब दर-दर की ठोकरें नहीं खाएगी उत्पीड़न की शिकार अबला
संजीव कांबोज, यमुनानगर : घरेलू ¨हसा, दुष्कर्म के अलावा अन्य किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं को अब दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से यमुनानगर में वन स्टॉप सेंटर खोला जा रहा है। इसके लिए कार्यक्रम अधिकारी ने नगर निगम को खाली भवन उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा है। जब तक स्थाई भवन नहीं बनता, तब तक यह सेंटर अस्थायी भवन में चलेगा। बता दें कि अब तक नजदीक वन स्टॉप सेंटर करनाल में ही है। उत्पीड़न की शिकार महिलाओं व युवतियों को करनाल भेजना पड़ता था। वन स्टॉप सेंटर इंडस्ट्रियल एरिया में खुल सकता है। इसके लिए भवन का भी चयन कर लिया गया है। --
क्यों पड़ी जरूरत
वर्ष-2017-18 में घरेलू ¨हसा के 599 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें दहेज उत्पीड़न व मारपीट के मामले अधिक हैं। छह माह में दो बड़े मामले ऐसे आए, जिनमें दुष्कर्म पीड़िता को अस्पताल से छुट्टी होने के बाद वन-स्टॉप सेंटर करनाल में भेजा गया। पहला मामला 14 वर्ष की बच्ची का मां बनने व दुष्कर्म सिविल अस्पताल यमुनानगर में मंदबुद्धि महिला से दुष्कर्म का है। जिले में व्यवस्था न होने के कारण इनको करनाल में रखा गया। --
मिलेंगी सभी सुविधाएं
वन स्टॉप सेंटर में जरूरतमंद महिलाओं के लिए रहने व खाने की व्यवस्था निशुल्क होगी। विभागीय नियमों के मुताबिक पीड़िता पांच दिन तक इस सेंटर में रह सकती है। यह सेंटर 24 घंटे सातों दिन खुला रहेगा। यहां बकायदा काउंसलर, गार्ड, कुक व वार्डन की भी नियुक्ति की जाएगी। वन स्टॉप सेंटर के खोले जाने का उद्देश्य पीड़िता को तुरंत सहायता उपलब्ध करवाना है। --
300 गज में बनेगा भवन
फिलहाल नगर निगम की ओर से अस्थाई तौर पर भवन की व्यवस्था करवाई जा रही है। भविष्य में महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय के प्रांगण में ही 300 गज में यह भवन बनाया जाएगा। पंचायती राज विभाग इस भवन का निर्माण करेगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक ग्रांट आते ही काम शुरू हो जाएगा। --
मिलेगी पूरी सुविधा
घरेलू ¨हसा, दुष्कर्म या अन्य किसी भी प्रकार की यातना का शिकार पीड़िताओं को तुरंत सहायता उपलब्ध करवाने के लिए वन स्टॉप सेंटर खोला जा रहा है। ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है। अब से पहले पीड़िताओं को करनाल के वन स्टॉप सेंटर में भेजा जाता था। ऐसे सेंटर इनके लिए वरदान से कम नहीं हैं। यहां हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।
सरिता चौहान, कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग।