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नहीं हो पा रही हाउस की बैठक, शहर का विकास भी लटका

जागरण संवाददाता यमुनानगर नगर निगम अधिकारी हाउस की बैठक की तारीख को आगे खिसकाते जा

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 08:50 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 08:50 AM (IST)
नहीं हो पा रही हाउस की बैठक, शहर का विकास भी लटका

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नगर निगम अधिकारी हाउस की बैठक की तारीख को आगे खिसकाते जा रहे हैं। ऐसा करके अधिकारी भले ही अपनी जिम्मेदारी को निभाने से बच रहे हों, लेकिन इससे शहर का विकास भी लटक गया है। जब भी हाउस की बैठक कराने की बात आती है तो कोई न कोई बहाना बनाकर उसे रद कर दिया जाता है। परेशान पार्षद हैं। क्योंकि लोग छोटे-छोटे कार्यों के लिए उनके घर चक्कर लगा रहे हैं। पार्षदों को न तो कोई जवाब देते बनता है और न ही उन्हें संतुष्ट कर पा रहे हैं। चार मार्च को बजट की बैठक को छोड़ दें तो तीन नवंबर 2020 के बाद से अब तक हाउस की बैठक नहीं हो पाई है, जबकि नियम के मुताबिक हर माह बैठक होनी चाहिए।

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अधिकारियों को घेरने को तैयार बैठे हैं पार्षद

अधिकारी भले ही हाउस की बैठक को लटका रहे हों, लेकिन पार्षद उन्हें व मेयर मदन चौहान को विकास के मुद्दे पर घेरने की पूरी तैयारी करके बैठे हैं। क्योंकि कई परियोजनाएं लंबे समय से लटकी पड़ी हैं। इनमें खासकर शहर की पानी की निकासी है। कन्हैया साहिब चौक के पास स्थित नाले का पानी अंडरग्राउंड पाइप के माध्यम से विश्वकर्मा चौक स्थित एसटीपी तक ले जाना था, परंतु यह काम लगभग दो साल से ऐसे ही अधर में लटका हुआ है। जबकि मानसून सीजन नजदीक आ चुका है। ऐसे में पानी की निकासी का प्रबंध न होने से शहरवासियों को एक बार फिर जलजमाव का सामना करना पड़ सकता है।

पार्षद बोले-शहर के विकास की चिता किसी को भी नहीं

पार्षद निर्मल चौहान का कहना है कि हाउस की दूसरी बैठक में हर वार्ड में 50-50 लाख रुपये के कार्य करने का प्रस्ताव पास हुआ था। सवा दो साल हो गए। अभी भी 22 लाख रुपये के कार्य पेडिग है। हमीदा में पानी की निकासी, ममीदी में सीवरेज लाइन, श्मशान घाट का रास्ता, कब्रिस्तान में कार्य बैठक न होने से रुके पड़े हैं। वार्ड 13 में दो साल से लाइट की मांग हो रही है, लेकिन एक ही लाइट नहीं लगाई गई। वहीं पार्षद देवेंद्र सिंह का कहना है कि हर रोज लोग विकास कार्यों के लिए घर आते हैं। बैठक न होने के कारण कार्य नहीं करा पा रहे हैं। 50 लाख रुपये के कार्यों के प्रस्ताव पास हुए थे। यह कार्य नहीं हुए। जिन कालोनियों में सीवरेज लाइन डाली गई है। टूटी सड़कों को ठीक नहीं किया गया। बरसात का सीजन आने वाला है। वार्ड में एक ही स्ट्रीट लाइट नहीं लगवाई गई। यदि हाउस की बैठक होती तो अधिकारियों व मेयर से इस बारे में पूछा जाता। पार्षद हरमीन कौर व रिया का कहना है निगम अधिकारी नहीं चाहते कि शहर का विकास हो। इसलिए बार-बार हाउस की बैठक को रद किया जा रहा है। शहर में न सफाई हो रही है और न ही पानी की निकासी। स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। अधिकारी व मेयर को यदि शहर के विकास की जरा सी भी चिता है तो बिना देरी किए बैठक बुलाए। नालों की सफाई में भी इस बार बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। जरा सी बरसात होते ही जलजमाव होगा।

खराब लाइटों से अंधेरे में शहर

अधिकारी शहर की प्रमुख सड़कों पर फैंसी लाइटें लगवा कर अपनी प्रतिष्ठा को बचाने में जुटे हैं। परंतु जो स्ट्रीट लाइटें पहले लगी हुई हैं, वह खराब पड़ी हैं। इन्हें ठीक करने का ठेका दिया हुआ है, लेकिन ठेकेदार मनमर्जी से काम कर रहा है। नगर एरिया में 25 हजार स्ट्रीट लाइटें हैं। नियमानुसार यदि खराब लाइटों को ठीक नहीं किया जाता तो ठेकेदार पर जुर्माना लगाने का प्रविधान है। अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं कि उन्होंने ठेकेदार पर आज तक कितना जुर्माना लगाया। जगाधरी में डा. भीमराव आंबेडकर चौक से लेकर अंबाला मार्ग तक तथा रक्षक विहार नाका से जेल तक सारी लाइटें खराब पड़ी हैं।

हम भी चाहते हैं शहर का विकास

मेयर मदन चौहान का कहना है कि जल्द ही हाउस की बैठक बुलाई जाएगी। कोरोना महामारी के चलते बैठक नहीं हो पाई है। हम भी शहर का विकास चाहते हैं। इसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।


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