Move to Jagran APP

मेडिकल डिवाइस में नहीं मास्क, इसलिए मनमाने दामों पर बिक रहे

इसके साथ ही मास्कों की कीमतें भी बढ़ गई हैं। हालांकि अब बाजार में पर्याप्त मात्रा में मास्क उपलब्ध हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 05:37 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 06:23 AM (IST)
मेडिकल डिवाइस में नहीं मास्क, इसलिए मनमाने दामों पर बिक रहे
मेडिकल डिवाइस में नहीं मास्क, इसलिए मनमाने दामों पर बिक रहे

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

loksabha election banner

कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने मास्क अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही मास्कों की कीमतें भी बढ़ गई हैं। बीमारी के नाम पर खूब कमाई की जा रही है। हालांकि अब बाजार में पर्याप्त मात्रा में मास्क उपलब्ध हैं। सबसे अधिक कपड़े के मास्क प्रचलन में हैं। कुछ लोग ऐसे भी है कि मास्क तैयार कर मनमाने भाव में बेच रहे हैं। केमिस्ट एसोसिएशन इसके विरोध में है, क्योंकि मास्क व सैनिटाइजर मेडिकल डिवाइस में नहीं है। जिस कारण कोई भी मास्क की बिक्री कर सकता है। 20 से लेकर 80 रुपये तक में मैटबलोन कपड़े के मास्क

मैटबलोन भी कपड़ा है। जब से मास्क की मांग बढ़ी है। इससे तैयार मास्क 20 से लेकर 80 रुपये तक है। इसमें फिल्टर के हिसाब से दाम तय होता है। जैसे यदि कोई मास्क चार प्लाई का है, तो उसके अलग रेट हैं और छह प्लाई का है, तो उसका अलग रेट है। अब कोई भी मास्क तैयार कर सकता है, क्योंकि यह मेडिकल डिवाइस में नहीं है। सर्जिकल मास्क पूरी तरह से सुरक्षित है। इनमें कुछ वन टाइम मास्क होते हैं। सरकार ने इनका रेट दस रुपये प्रति मास्क रखा है। इसके अलावा कुछ लोग खादी, टेरीकॉट और अन्य प्रकार के कपड़े से भी मास्क तैयार कर रहे हैं। मेडिकल डिवाइस घोषित करने की मांग

केमिस्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता अमित जैन ने बताया कि मास्क, सैनिटाइजर और पीपीई किट को मेडिकल डिवाइस घोषित करने की मांग की गई है। उम्मीद है कि इस संबंध में जल्द ही कोई गाइडलाइन तय होगी। इससे मास्क व अन्य उपकरणों का रेट निर्धारित होगा। फिर वह गुणवत्ता की कसौटी पर भी खरा होगा। इस समय तैयार किए जा रहे मास्क की गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं है। ये है गाइडलाइन :

लो रिस्क : लो रिस्क की जगह पर कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क व ग्लब्स पहनना अनिवार्य है।

मोडरेट रिस्क : मोडरेट रिस्क कैटेगरी में कार्य करने वाले कर्मचारियों को एन-95 मास्क व ग्लब्स पहनना अनिवार्य है।

हाई रिस्क : हाई रिस्क कैटेगरी में एन-95 मास्क से लेकर पीपीई किट व अन्य उपकरण पहनने अनिवार्य हैं।

सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने बताया कि आमतौर पर कपड़े का मास्क ही पहनना चाहिए। मास्क का प्रयोग ही हमें बीमारी से बचाएगा। इसे रोजाना धोकर प्रेस करने के बाद दोबारा प्रयोग में ला सकते हैं। वह भी ज्यादातर कपड़े का ही मास्क प्रयोग में लाते हैं। यह आरामदायक भी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.