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कपालमोचन मेले में मोबाइल से बात करने में नेटवर्क नहीं बनेगा बाधा, तीन टावर लगे

कपाल मोचन मेले में सबसे बड़ी दिक्कत मोबाइल पर बात करना है। श्रद्धालु कई बार फोन मिलाने पर भी एक दूसरे के मोबाइल पर बात नहीं कर पाते। परंतु इस बार उन्हें इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि प्रशासन ने मेला परिसर में तीन मोबाइल टावर लगवाए हैं। इससे श्रद्धालु न केवल फोन पर बात कर सकेंगे बल्कि इंटरनेट का भी आनंद ले पाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 08:40 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 06:33 AM (IST)
कपालमोचन मेले में मोबाइल से बात करने में नेटवर्क नहीं बनेगा बाधा, तीन टावर लगे

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कपाल मोचन मेले में सबसे बड़ी दिक्कत मोबाइल पर बात करना है। श्रद्धालु कई बार फोन मिलाने पर भी एक दूसरे के मोबाइल पर बात नहीं कर पाते। परंतु इस बार उन्हें इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि प्रशासन ने मेला परिसर में तीन मोबाइल टावर लगवाए हैं। इससे श्रद्धालु न केवल फोन पर बात कर सकेंगे बल्कि इंटरनेट का भी आनंद ले पाएंगे।

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एक टावर तो बिलकुल मेला परिसर के बीच में गुरुद्वारा के पास लगाया गया है। एक टावर करीब 30 हजार मोबाइल को कवर करेगा। इस तरह तीन टावर एक साथ 90 हजार मोबाइल फोन से बात करवाने में सक्षम हैं। ये टावर करीब 10 किलोमीटर के एरिया में मोबाइल उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाएंगे। मंगलवार को कर्मचारी दिनभर टावर को फिट करने में व्यस्त रहे।

प्रशासन को लेने पड़ते हैं वॉकी-टॉकी

मोबाइल पर बात नहीं होने से श्रद्धालु ही नहीं बल्कि प्रशासनिक अधिकारी भी परेशान रहते हैं। जबकि लाखों श्रद्धालुओं को ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को हर वक्त एक दूसरे के संपर्क में रहना होता है। लेकिन वे मोबाइल पर एक दूसरे से बात नहीं कर पाते। इसलिए सभी कर्मचारियों को बात करने के लिए वॉकी-टॉकी देने पड़ते हैं।

कम शौचालयों से हो सकती परेशानी

इस बार कम शौचालयों को लेकर श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मेला प्रशासन ने कपालमोचन में डीएवी स्कूल, सर्कस मैदान, चौराही रोड, पुलिस लाइन, प्रशासन खंड के पास करीब 450 अस्थायी शौचालय बनवाए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि हर साल एक ही जगह पर इतने शौचालय बना दिए जाते हैं। जबकि 20 से 30 की संख्या में नियमित दूरी पर शौचालय बनाने चाहिए ताकि उन्हें भटकना न पड़े। आचार्य श्रीकांत ने बताया कि भगवान परशुराम मंदिर की तरफ एक भी शौचालय नहीं बनाया गया। क्या वहां रहने वाले श्रद्धालु जाट धर्मशाला के पास ट्यूबवेल के सामने बने शौचालयों में जाएंगे।

कई जगह अब भी खामियां

मेला शुरू होने में केवल दो दिन बचे हैं लेकिन अभी भी तैयारियां धीमी चल रही हैं। ऋण मोचन पर टाइलें उखड़ी पड़ी हैं। इसके अलावा जहां पर किश्तियां रखी जाती हैं वहां पर सरोवर की रेलिग टूटी हुई है। अभी तक ट्रांसफार्मर लगाने का काम भी पूरा नहीं हो पाया। मेला की सड़कों पर पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा, जिससे धूल लोगों को परेशान कर रही है।


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