सरस्वती शुगर मिल के एरिया में पड़ोसियों की सेंध, गुपचुप तरीके से हो रही बोंडिग
पेराई सीजन में गन्ना खरीद को लेकर इस बार सुपर कंपीटिशन देखने को मिल रहा है। एक-दूसरे मिल के एरिया में सेंध की कोशिशें खूब हो रही हैं। सरस्वती शुगर मिल के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गन्ना उत्पादक किसानों को पड़ोसी जिलों में स्थित शुगर मिलों से कई तरह की आफर भी मिल रही हैं। हालांकि मिल अधिकारी इसे पूरी तरह गैर कानूनी करार दे रहे हैं लेकिन मामला संज्ञान में आने बाद पड़ताल पूरी की जा रही है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पेराई सीजन में गन्ना खरीद को लेकर इस बार सुपर कंपीटिशन देखने को मिल रहा है। एक-दूसरे मिल के एरिया में सेंध की कोशिशें खूब हो रही हैं। सरस्वती शुगर मिल के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गन्ना उत्पादक किसानों को पड़ोसी जिलों में स्थित शुगर मिलों से कई तरह की आफर भी मिल रही हैं। हालांकि मिल अधिकारी इसे पूरी तरह गैर कानूनी करार दे रहे हैं, लेकिन मामला संज्ञान में आने बाद पड़ताल पूरी की जा रही है। यहां तक कि आफर करने वाले मिल के अधिकारियों व संबंधित किसानों से भी बातचीत हुई है। इनसेट
मिल के दायरे में तीन जिलों के गांव
दरअसल, सरस्वती शुगर मिल के एरिया में यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व अंबाला जिला के कुल 672 गांव आते हैं। किसानों की संख्या करीब 20 हजार है। ऐसे गांवों की संख्या कम नहीं है जो कि इन जिलों की सीमाओं पर पड़ते हैं। सितंबर-अक्टूबर माह में बोंडिग (शुगर मिल व किसान के बीच एग्रीमेंट) शुरू हो जाती है। इसके तहत मिल व किसान के बीच गन्ना खरीद से संबंधित एग्रीमेंट हो जाता है। मिल कर्मचारी बोंडिग की प्रक्रिया को पूरा करते हैं। यह एग्रीमेंट होने के बाद किसान को संबंधित मिल में ही गन्ना डालना होता है। अब जैसे ही बोंडिग सीजन नजदीक आ रहा है तो पड़ोसी जिलों के मिलों की ओर से जिला के किसानों को रिझाने का सिलसिला शुरू हो गया है। उनको बोंडिग के लिए समय पर खरीद व भुगतान के प्रलोभन दिए जा रहे हैं। मामला मिल प्रबंधन के संज्ञान में आने के बाद हरकत हुई और पूछताछ का सिलसिला शुरू हो गया।
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85 हजार एकड़ में गन्ना
सरस्वती शुगर मिल के दायरे में करीब 85 हजार एकड़ में गन्ना खड़ा है। यह अन्य जिलों से अधिक है। गत वर्ष भी इतने ही एरिया में गन्ना की फसल है। मिल परिसर में एथेनाल प्लांट के लगने के बाद गन्ना की डिमांड का बढ़ना स्वाभाविक है। जिसके चलते आगामी सीजन में मिल प्रबंधन की ओर से पेराई का लक्ष्य बढ़ाकर 175 लाख क्विंटल किया गया है। जबकि गत सीजन में 164 लाख क्विटल था। यदि जिला से गन्ना बाहरी मिलों में जाता है तो एसएसएम की मुश्किलें बढ़ना तय है। इसलिए मिल अधिकारी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं।
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इस तरह की सूचनाएं हमें मिली हैं। सरस्वती मिल एरिया में दूसरे मिल की ओर से बोंडिग करना गैर कानूनी है। इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित मिल अधिकारियों से बात हुई है। किसान किसी के बहकावे में न आएं। एसएसम की ओर से किसानों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। समय पर भुगतान किया जा रहा है। पेराई सीजन में किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जा रही है।
डीपी सिंह, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, एसएसएम।