बच्चों में इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग पर नियंत्रण जरूरी : सुजाता
शिक्षण कार्यकाल के दौरान बचों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसका निदान बचे अध्यापकों व माता पिता से विचार विर्मश कर सकते हैं। मौजूदा समय में इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग ने बचों के मानसिक विकास पर रोक लगा दी है जिसके कारण बचे में एकाग्रता की कमी हो रही है।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : शिक्षण कार्यकाल के दौरान बच्चों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसका निदान बच्चे अध्यापकों व माता पिता से विचार विर्मश कर सकते हैं। मौजूदा समय में इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग ने बच्चों के मानसिक विकास पर रोक लगा दी है जिसके कारण बच्चे में एकाग्रता की कमी हो रही है। जिस पर समय रहते नियंत्रण करना अति आवश्यक है। यह बात सरकारी महाविद्यालय छछरौली की प्राध्यापक सुजाता शर्म ने राजकीय आदर्श संस्कृति स्कूल में चल रहे एनएसएस शिविर के दौरान स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने स्वयं सेवकों ने अपनी समस्या को लेकर सीधा संवाद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजीव ग्रोवर व योगेश भट्ट ने की। शर्मा ने कहा कि बच्चों को शिक्षण कार्य आत्मविश्वास के साथ करना चाहिए। विषयों से संबधित किसी भी समस्या के निदान के लिए अध्यापकों से परामर्श लेते समय संकोच नहीं करना चाहिए। अपने लक्ष्य को निर्धारित करके चलें ताकि भविष्य में सही मुकाम हासिल कर सकें। प्रतियोगिताओं परीक्षा की तैयारी योजना बना कर करें, इसके साथ साथ स्वयं सेवकों ने स्कूल प्रांगण की सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया। इस मौके पर राजीव ग्रोवर, योगेश भठ्ठ, नीलम, पूनम, प्रियंका,उमेश खरबंदा, शीलचंद आदि अध्यापक उपस्थित रहे।