Move to Jagran APP

एनजीटी के आदेश दरकिनार, यमुना में गिर रहे निगम के नाले

एनजीटी के आदेशों के बावजूद पश्चिमी यमुना नहर में गिर रहे नगर निगम के नालों को एसटीपी में डाइवर्ट नहीं किया गया। यह योजना नगर निगम और सिचाई विभाग के बीच उलझी है। यमुनानगर-जगाधरी शहर के अलावा आसपास के गांवों से भी गंदे पानी की निकासी के नाले नहर में गिर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 09:47 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 09:47 AM (IST)
एनजीटी के आदेश दरकिनार, यमुना में गिर रहे निगम के नाले
एनजीटी के आदेश दरकिनार, यमुना में गिर रहे निगम के नाले

जागरण संवाददाता, यमुनानगर: एनजीटी के आदेशों के बावजूद पश्चिमी यमुना नहर में गिर रहे नगर निगम के नालों को एसटीपी में डाइवर्ट नहीं किया गया। यह योजना नगर निगम और सिचाई विभाग के बीच उलझी है। यमुनानगर-जगाधरी शहर के अलावा आसपास के गांवों से भी गंदे पानी की निकासी के नाले नहर में गिर रहे हैं। नगर निगम के सर्वे के मुताबिक इनकी संख्या 22 है। सिचाई विभाग से एनओसी न मिलने के कारण योजना लटक गई है। योजना पर करीब चार करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। यह है सिचाई विभाग की भूमिका

loksabha election banner

जो नाले पश्चिमी यमुना नहर में गिर रहे हैं, उनके बहाव को मोड़ने के लिए पाइप लाइन बिछाई जाएगी। यह लाइन पश्चिमी यमुना नहर की पटरी के साथ बिछाई जानी है। इसके नगर निगम को सिचाई विभाग से एनओसी लेनी है। हालांकि एक बार नगर निगम ने काम शुरू कर दिया था, लेकिन सिचाई विभाग के अधिकारियों ने आपत्ति जताई। इसको पटरी के लिए खतरा करार देते हुए काम रुकवा दिया था। उसके बाद निगम अधिकारियों ने एनओसी के लिए अप्लाई किया। यहां लगे एसटीपी

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से बाडी माजरा में 25 एमएलडी और 10 एमएलडी के दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगे हैं। दूसरा कैंप में जिसकी क्षमता 25 एमएलडी है। अब रादौर रोड पर 20.49 करोड़ से 25 एमएलडी का एक और एसटीपी चालू किया है। इसके अलावा परवालो में भी 25 एमलएलडी का एसटीपी लगा है। नवंबर-2016 में सीएम भी इन नालों को एसटीपी में डालने के आदेश दे चुके हैं। मार्च-2019 में एनजीटी भी इस संदर्भ में नगर निगम, निगम सिचाई विभाग और जन स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी कर चुकी है। यहां से गिर रहे नाले

दादुपुर, किशनपुरा माजरा, खारवन, फतेहगढ़, बूड़िया, दयालगढ़, अमादलपुर, नया गांव, परवालो, दड़वा माजरी, आजाद नगर, मुंडा माजरा, खालसा कॉलेज, हमीदा, एसटीपी यमुनानगर, तीर्थ नगर, गांव कांजनु, रादौर, पताशगढ़, दशमेश कॉलोनी, यमुना गली और पुराना हमीदा से नाले सीधे पश्चिमी यमुना नहर में गिर रहे हैं। एनजीटी इसलिए सख्त

यमुना नहर में बढ़ रहे प्रदूषण की वजह से जलीय जीवों का जीवन संकट में है। लोगों की आस्था भी आहत होती है। इसे अलावा दूषित दूषित पानी सिर्फ नहर के पानी को ही प्रदूषित नहीं कर रहा है, इससे भूजल भी प्रदूषित हो रहा है। केमिकल युक्त दूषित पानी से टाइफाइड, डायरिया जैसे जल जनित बीमारी हो जाती हैं। हेवी मेटल (इंडस्ट्री से निकलने वाला दूषित पानी) से कैंसर, दिमाग का विकसित नहीं होना, किडनी फेल होना, फेफड़े सहित अन्य बीमारी हो जाती है। सिचाई विभाग से एनओसी लेने के लिए अप्लाई किया है। एनओसी मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा। हमारा प्रयास है कि जल्द सभी नालों को एसटीपी में डायवर्ट कर दिया जाए। जल्दी ही सिचाई विभाग से एनओसी मिल जाएगी। इस संबंध में सिचाई विभाग के अधिकारियों से मेरी बात हुई है। उम्मीद है जल्दी ही काम शुरू हो जाएगा। नगर निगम की ओर से पूरी तैयारी है।

महीपाल, एसई, नगर निगम, यमुनानगर-जगाधरी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.