एमएमएसएस योजना : यमुनानगर एक लाख 35 हजार अंत्योदय परिवारों के सदस्यों की होगी स्वास्थ्य जांच
यमुनानगर सिविल अस्पताल जगाधरी में जांच की सुविधा होगी। प्रत्येक श्रेणी के लिए प्रयोगशाला परीक्षणों और जांचों के नमूने एकत्र किए जाएंगे। यह नमूने प्रयोगशालाओं में भेजे जाएंगे। जिससे पता लग सके कि किसको क्या बीमारी है। जिसके आधार पर उसका इलाज शुरू किया जा सके।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से अंत्योदय परिवारों के स्वास्थ्य की जांच के लिए सर्वेक्षण होगा। इसमें परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। इस योजना को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सर्वेक्षण योजना (एमएमएसएसवाइ) नाम दिया गया है। 29 नवंबर से योजना का शुभारंभ होगा। जिले में एक लाख 35 हजार 148 परिवार इस दायरे में आएंगे। इन परिवारों में पांच लाख 36 हजार 747 सदस्य हैं। सभी के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी।
बच्चों से लेकर वृद्धों तक की बनाई गई श्रेणियां
दरअसल, सीएम मनोहर लाल ने घोषणा की थी कि राज्य के सभी नागरिकों को दो वर्ष में कम से कम एक बार व्यापक स्वास्थ्य जांच अवश्य करानी चाहिए। इसमें सबसे अधिक समस्या अंत्योदय परिवारों को आती है। वह अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत नहीं है। नियमित जांच भी नहीं करा सकते। इसलिए ही यह योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत पहले चरण में एक लाख 80 हजार रुपये से कम आय वाले परिवारों को शामिल किया गया है।
अलग-अलग आयु वर्ग में होगी जांच
जांच के लिए आयु वर्ग के हिसाब से पांच श्रेणियां बनाई गई है। पहली श्रेणी में शुन्य से छह माह तक, दूसरी श्रेणी में छह माह से पांच वर्ष तक, तीसरी श्रेणी में पांच वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग, चौथी आयु वर्ग में 18 से 40 वर्ष तक और पांचवी श्रेणी में 40 से ऊपर वाले आयु वर्ग तक को रखा गया है। हर आयु वर्ग श्रेणी में शामिल बच्चों से लेकर बड़ों तक की स्वास्थ्य विभाग निश्शुल्क जांच करेगा।
दो जगहों पर होगी जांच
जिले में सिविल अस्पताल यमुनानगर व सिविल अस्पताल जगाधरी में जांच की सुविधा होगी। प्रत्येक श्रेणी के लिए प्रयोगशाला परीक्षणों और जांचों के नमूने एकत्र किए जाएंगे। यह नमूने प्रयोगशालाओं में भेजे जाएंगे। जिससे पता लग सके कि किसको क्या बीमारी है। जिसके आधार पर उसका इलाज शुरू किया जा सके। लैब की रिपोर्ट की प्रति आशा वर्करों के जरिए संबंधित व्यक्ति तक भिजवाई जाएगी।
बीमारी को खोजना है लक्ष्य
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, स्वास्थ्य सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य लोगों की बीमारियों को खोजना है। काफी लोग बीमारियों को गंभीरता से नहीं लेते। जिससे रोग बढ़ जाता है। यदि उनकी नियमित जांच होगी तो बीमारी पकड़ में आएगी। जिसका समय से इलाज हो सकेगा। इससे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की भी पहचान होगी। आज के समय बीपी व शुगर की बीमारी आम हो गई है। अधिकतर लोग इसके प्रति सचेत नहीं है। जांच होने के बाद उनकी बीमारी का पता लग सकेगा। जिससे उन्हें बेहतर इलाज मिलेगा।
अधिकारी के अनुसार
डिप्टी सिविल सर्जन डा. राजेश परमार ने बताया कि 29 नवंबर से स्वास्थ्य सर्वेक्षण शुरू हो जाएगा। अभी दो सरकारी अस्पतालों में जांच की सुविधा रहेगी। इसके बाद अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर भी लोगों की निश्शुल्क जांच शुरू की जाएगी। लोगों से भी यही अपील है कि वह स्वास्थ्य की जांच कराएं।