लकड़ी की फट्टी से पीटकर पिता का हत्यारोपी नाबालिग बरी
लकड़ी की फट्टी से पीटकर पिता की हत्या के आरोपित नाबालिग को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
संवाद सहयोगी, जगाधरी: लकड़ी की फट्टी से पीटकर पिता की हत्या के आरोपित नाबालिग को कोर्ट ने सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया। फैसला अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायधीश डॉ. अब्दुल माजिद की कोर्ट ने सुनाया है। एडवोकेट रामेश्वर सिंह ने इसकी पुष्टि की है। मामले में एक अन्य नाबालिग आरोपित को जुवैनाइल जस्टिस बोर्ड की ओर से 10 जनवरी को बरी किया गया था। यह था मामला
एडवोकेट रामेश्वर सिंह ने बताया कि साढौरा पुलिस ने कुलदीप की शिकायत पर दो नाबालिग के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। दी शिकायत में कुलदीप ने कहा कि उसे सूचना मिली थी कि हवेली गांव में रामप्रसाद के बाड़े में रणबीर सिंह घायल अवस्था में पड़ा है। जिसके बाद उसे साढौरा के सरकारी अस्पताल में दाखिल कराया। जहां से उसे जगाधरी रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने कहा कि जब रणबीर सिंह ने शराब पीकर अपनी पत्नी के साथ मारपीट की, तो उसके नाबालिग बेटों ने उसे लकड़ी की फट्टी से पीट दिया। जिस कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया। पिटाई के कारण ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के दो नाबालिग बेटों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने नहीं बनाया चश्मदीद गवाह
एडवोकेट ने बताया कि केस की सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोई चश्मदीद गवाह पेश नहीं किया। मृतका की पत्नी ने कोर्ट में कहा कि एक्सीडेंट की वजह से उसके पति को चोटे आई थी। कोई उसे रामप्रसाद के बाडे़ में छोड़ गया। इसके बाद उन्होंने एंबुलेंस बुलाई, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हुई है। शिकायकर्ता बोला, पुलिस ने कोरे कागजों पर करवाए थे हस्ताक्षर
केस की सुनवाई के दौरान शिकायकर्ता ने कोर्ट में कहा कि पुलिस ने कोरे कागजों पर उसके हस्ताक्षर करवाए थे। उसे नहीं पता कि पुलिस ने उन पर क्या लिखा है।