विरासत -हिरासत की नहीं शराफत की चलेगी राजनीति : मनोहर
जिस प्रकार दशहरे पर रावण को जलाकर बुराई का अंत किया उसी प्रकार विधानसभा चुनाव में अन्याय का अंत करना है। सत्य की जीत सुनिश्चित करनी है। ये बातें सीएम मनोहर लाल ने सरस्वतीनगर अनाज मंडी में साढौरा प्रत्याशी बलवंत सिंह के समर्थन में आयोजित चुनावी रैली के दौरान संबोधित करते हुए कहे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जिस प्रकार दशहरे पर रावण को जलाकर बुराई का अंत किया, उसी प्रकार विधानसभा चुनाव में अन्याय का अंत करना है। सत्य की जीत सुनिश्चित करनी है। ये बातें सीएम मनोहर लाल ने सरस्वतीनगर अनाज मंडी में साढौरा प्रत्याशी बलवंत सिंह के समर्थन में आयोजित चुनावी रैली के दौरान संबोधित करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि ढेरों शहीदों की कुर्बानियों से देश को आजादी मिली है। उन्होंने शहादत दी, तभी आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं, लेकिन जो लोग अपनी सेना पर ही संदेह करते हों, उनको जनता सत्ता कैसे सौंप दे। जब बालाकोट में हमारी सेना ने आतंकवादियों को ढेर किया तो कांग्रेस ने तो सेना पर संदेह किया। जब धारा-370 हटी तो कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने विरोध किया। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने समर्थन का ढोंग किया। यदि वे वास्तव में समर्थन करने वाले थे तो उनकी पार्टी ने पूर्व में यह निर्णय क्यों नहीं लिया? अब विरासत-हिरासत की नहीं सराफत की राजनीति चलेगी।
हमने बदले राजनीति के मायने
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आकर राजनीतिक के मायने बदल दिए हैं। पहले लूट खसोट की राजनीति होती थी। बेटा-बेटा, जीजा साले और चाचा-भतीजा देश का लूटने का काम करते रहे हैं। परिवार की राजनीति होती रही है। परिवार की राजनीति हमने भी की है, लेकिन हमारे लिए पूरा देश, पूरा प्रदेश ही परिवार है। हमारी सरकार बनने के बाद शुरुआती दौर में विकास की गति धीमी रही है, क्योंकि हमने पहले व्यवस्था को भली-भांति तौर पर समझा है। उस दौरान जो लोग हमें अनाड़ी कहते थे, वही आज मंझे हुए खिलाड़ी कहते हैं।
बस नीयत व नीति बदली
सीएम ने कहा कि हमने कुछ विशेष नहीं किया है। केवल नीति व नियत साफ रखी है। ये लोग लुटाई में लगे थे। हम लोग सेवा के लिए राजनीति कर रहे हैं। इनेलो के पूर्व सीएम व पार्टी के नेता जनता के बीच जाकर कहते थे कि हमने आपको नौकरी दी है। वे नौकरी नहीं दे सकते हैं। उनको नौकरी देने का हक ही नहीं है। उन्होंने तो नौकरियों को बेचा है। नोटों के थैले भरे हैं। नौकरियां तो अपने दम पर ली जाती हैं। अब युवा अपने दम पर नौकरियां ले रहे हैं। हरियाणा में पढ़ाई से लोगों का विश्वास उठ गया था। अब युवाओं में पढ़ने का कल्चर गया है। अंधा बांटे रेवड़ी अपनों-अपनों को दे.. इस नीति पर इनेलो व कांग्रेस ने काम किया है। हम तो सजग हैं। सब कुछ देख रहे हैं।
दीपक जलाओ, दीपक जलाओ रे..
सीएम ने कहा कि यह उनकी 30वीं चुनावी रैली है। हर रैली में अपार उत्साह देखने को मिला। पुराने दिन याद करते हुए उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस का चुनाव चिन्ह दो बैल व जनसंघ का चुनाव चिन्ह दीपक होता था। उस समय ये गाना काफी प्रचलित हुआ कि दीपक जलाओ, दीपक जलाओ रे.., बैल कहां गया ढूंढकर लाओ रे। ये गाना कांग्रेस व इनेलो पर पर फिट बैठ रहा है। इन दलों के नेता तो ढूंढ़ने से नहीं मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जब ये पूछा गया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद आपकी प्राथमिकता क्या रहेगी तो उन्होंने उसी दौरा स्पष्ट कर दिया था कि मेरा ध्येय राजनीतिक स्तर को सुधारना है। उन्होंने वास्तव में ऐसा किया। राजनीति के मायने बदले। पहले नेता जी.. कहने पर लोगों को गुस्सा आ जाता था, लेकिन अब गर्व महसूस करते हैं।
प्रत्याशी बलवंत सिंह ने कहा कि सीएम मनोहर लाल ने 30 मार्च 2015 को साढौरा विधानसभा क्षेत्र में पहली चुनावी रैली की थी। पहली रैली में उनसे जो मांगा, वह उन्होंने दिया। जिन कामों की लिस्ट उनको सौंपी वे सभी काम किए। बड़ी बात यह है कि क्षेत्र में तीन सरकारी कॉलेज खुलवाए। मुस्तफाबाद का नाम बदलकर सरस्वतीनगर रखवाया 1984 से लगातार यह लड़ाई लड़ी। इस दौरान जिला परिषद सदस्य राजेश कटारिया, लक्षमण सिंह, पूर्व चेयरमैन दीप चंद सहित काफी संख्या में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।