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भगवानों के नाम पर ग्रुप बनाकर रख रहे अधिकारियों पर नजर

तू डाल डाल मैं पात पात। ये खेल इन दिनों अधिकारी और अवैध धंधा करने वालों के बीच चल रहा है। अवैध खनन माफिया, ओवरलोड व गैर कानूनी धंधा करने वालों ने अधिकारियों पर नजर रखने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हुए हैं। इनके नाम भगवानों के नाम पर रखे हुए है, ताकि पकड़ में न आए सकें। ग्रुप में विपक्ष, सत्ता व मंत्रियों के रिश्तेदार तक के नंबर जुड़े हुए है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 12:35 AM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 12:35 AM (IST)
भगवानों के नाम पर ग्रुप बनाकर रख रहे अधिकारियों पर नजर
भगवानों के नाम पर ग्रुप बनाकर रख रहे अधिकारियों पर नजर

पोपीन पंवार, यमुनानगर

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तू डाल डाल मैं पात पात। ये खेल इन दिनों अधिकारी और अवैध धंधा करने वालों के बीच चल रहा है। अवैध खनन माफिया, ओवरलोड व गैर कानूनी धंधा करने वालों ने अधिकारियों पर नजर रखने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हुए हैं। इनके नाम भगवानों के नाम पर रखे हुए है, ताकि पकड़ में न आए सकें। ग्रुप में विपक्ष, सत्ता व मंत्रियों के रिश्तेदार तक के नंबर जुड़े हुए है। दैनिक जागरण को इन ग्रुपों की चे¨टग व आडियो मिली है, जो हैरान करने वाली है। जितनी जानकारी ग्रुप सदस्यों को है, उतनी शायद अधिकारियों को खुद भी नहीं होगी। इससे किसी बड़ी घटना के होने की संभावना को इंकार नहीं किया जा सकता, जिसका बाद में प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं होगा।

ये रखे हुए है ग्रुपों के नाम

हरिओम वन व टू, श्रीराम, राधे श्याम सहित अन्य ग्रुप में अधिकारियों की हर गतिविधि डाली जाती है।

ग्रुप से जोड़ने के लिए लेते है हर माह दो हजार

सूत्रों से मिले जानकारी के मुताबिक इन ग्रुप में नंबर एड कराने के लिए फीस निर्धारित की गई है। हर सदस्य से दो हजार रुपए लिए जाते हैं। हरिओम ग्रुप में 230 मेंबर, श्रीराम में 233 व अन्य भी दो सौ से अधिक सदस्य जुड़े हुए है। दो हजार रुपए देकर सरकार को लाखों रुपए का नुकसान कर रहे हैं।

हर गाड़ी के लिए तैनात किया हुआ है मुखबिर

ग्रुप चलाने वाले लोग बड़े भी शातिर व प्ला¨नग मास्टर है। पुलिस, आरटीओ, एडीसी, एसडीएम, डीसी, एसपी, डीएफसी, खनन विभाग, इनकम टैक्स, सेल्स टैक्स व एसआइटी टीम पर जितनी भी गाड़ियां है। सभी के नंबर नोट किए हैं। मुखबिर की ड्यूटी सरकारी कर्मचारियों की तरह लगाई है। उनका एरिया भी तय है। एरिया के हिसाब से गाड़ियों के नंबर दिए हुए है। जैसे ही अधिकारी की गाड़ी चलती है। उसके पीछे मुखबिर लग जाते हैं। सूचना ग्रुप पर शेयर कर देते हैं।

अधिकारियों के रिश्तेदार व परिजनों की गाड़ियों नंबर भी नोट अधिकारियों के रिश्तेदार व परिजनों पर जितने भी वाहन है। उनके नंबर भी अवैध धंधे को बढ़ावा देने वाले लोगों के पास है। इतनी ही नहीं यदि अधिकारी किसी दिन अपने किसी जानकारी गाड़ी में चल जाता है तो उनकी भी निगरानी शुरू हो जाती है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने तो इनकी पुष्टि करते हुए कहा कि पंचकूला से उनका दोस्त अपनी कार में आया। वह कार उनके घर पर तीन दिन रही। तभी से उनके दोस्त की कार का पीछा होता है।

ऑडियो, फोटो व चै¨टग से करते है अपडेट

सुबह 10: 05 पर एसडीएम की गाड़ी की लोकेशन मांगी गई। 444 गाड़ी के बारे में बताया कि शाम तक ये गाड़ी रेलवे स्टेशन पर रहेगी। 2:26 पर कुरुक्षेत्र आरटीए 0044 ओके व अंबाला आरटीए 0018 चे¨कग पर बताया गया। बुधवार की शाम पांच बजे तक गाड़ी नंबर 888,666, 555, 444, 222 सेल टैक्स की लोकेशन ओके बताई गई। गाड़ियों नंबर भी शेयर किए गए। चार बजे सोनू नाम के व्यक्ति से लाडवा की अपडेट मांगी गई। तीन मिनट बाद ओके की रिपोर्ट दी गई। 3: 10 पर 0010 ओके और 6514 आरटीए रादौर चे¨कग की सूचना दी गई। बाद में बताया गया कि आरटीए 6514 रादौर कैंची से जठलाना की तरह आ रही है। सावधान हो जाए। शाम पौने पांच करनाल आरटीए का नंबर 4897 व 6587 के बारे में जानकारी दी गई। रात के समय खनन विभाग की गाड़ियों के बारे में सूचना शेयर की गई। सबसे ज्यादा 0094 की डिमांड रही। अवैध धंधा करने वाले माल लोड करने के बाद गाड़ियों को साइड में लगा देते हैं।

हरियाणा यूपी के लोग जुड़े हैं ग्रुप से

ग्रुप में यमुनानगर के अलावा, पानीपत, सोनीपत, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पेहवा, सहारनपुर, मेरठ, लखनऊ, बिजनौर के लोगों को जोड़ा गया है। लोकेशन के बाद यदि किसी वाहन पर कार्रवाई होती है तो उनका जुर्माना ग्रुप चलाने वाले को अदा करना होता है। अधिकारियों पर निगरानी का काम पुलिस की सुस्ती और संबंधित विभाग की मिलीभगत से चल रहा है।

करनाल में हो चुकी कार्रवाई जिले में क्यों नहीं

ग्रुप बनाकर अवैध धंधा करने वालों पर करनाल में कुछ दिनों पहले कार्रवाई की। उसके बाद यहां के ग्रुप शांत हो गया था। यहां पर कोई एक्शन न होने पर फिर से ग्रुप सक्रिय हो गया। यमुनानगर से हर रोज बोर्ड, मेटल, माइ¨नग सहित पांच हजार से अधिक वाहन निकलते हैं। यदि अधिकारी उनकी नियमित चे¨कग करते तो सरकर का खजाना भर जाए। अधिकारियों की अनदेखी के चलते राजस्व लूट रहा है।

मेरी जानकारी में नहीं है मामला : एसपी

एसपी कुलदीप ¨सह का कहना है कि व्हाट्सएप ग्रुप का मामला मेरी जानकारी में नहीं है। जानकारी में आएगा तो कार्रवाई कर देंगे।


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