भाई को तिलक लगाकर मांगी लंबी आयु की कामना की
भाई-बहन के अटूट प्रेम को समर्पित भैया दूज का त्योहार शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाई को तिलक कर भगवान से उनकी लंबी उम्र, सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। वहीं भाइयों ने भी बहन को रक्षा का वचन देते हुए उन्हें शगुन के रूप में पैसे व गिफ्ट दिए।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : भाई-बहन के अटूट प्रेम को समर्पित भैया दूज का त्योहार शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाई को तिलक कर भगवान से उनकी लंबी उम्र, सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। वहीं भाइयों ने भी बहन को रक्षा का वचन देते हुए उन्हें शगुन के रूप में पैसे व गिफ्ट दिए। विवाहिता महिलाएं इस पावन पर्व पर मायके आईं और भाइयों को तिलक किया। इस मौके पर ट्रेनों और बसों में काफी भीड़ रही। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
भैयादूज के चलते शहर के बाजारों में खासी चहल-पहल रही। लोगों ने जमकर मिठाइयों की खरीदारी की। नारियल की दुकानों पर भारी भीड़ लगी रही। इसके अलावा मिठाई की दुकानों पर भी ग्राहकों का जमावड़ा लगा रहा। इस खास पर्व पर सुबह से ही तिलक लगवाने के लिए भाई-बहनों का एक दूसरे के घर आने-जाने का सिलसिला जारी रहा। हालांकि, रोडवेज ने इन सभी रूटों पर अतिरिक्त बसें चलाई थीं, लेकिन भीड़ के सामने सारे इंतजाम नाकाफी साबित हुए।
खूब बिक खील-बताशे
भैयादूज के अवसर बाजार में काफी भीड़ रही। सुबह के समय सड़कों पर वाहनों का दबाव अधिक था जिसके कारण जाम की स्थिति बनी रही। मिठाई की दुकानों के साथ ही खील-बताशे और नारियल की बिक्री भी खूब हुई। राधा व पूर्णिमा का कहना है कि यह भैयादूज भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। बहनों को इस दिन का काफी इंतजार रहता है। भाइयों की लंबी आयु व सुख-समृद्धि की कामना करते हुए बहनें उनको तिलक लगाती हैं। सरस्वतीनगर में
कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक त्यौहार भैयादूज हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। भाइयों ने दूर-दराज से आकर अपनी बहनों से तिलक करवाया। बसों में भी आज खूब भीड़-भाड़ रही। लोग बसों के ऊपर बैठे भी देखे गए। महंत हरीदास ने बताया कि भैयादूज के दिन भाई को यमुना स्नान कराना, तिलक लगवाना और घर में भोजन कराना अति फलदाई होता है। इस दिन बहन-भाई की पूजा कर उसके दीर्घायु की कामना करती है। इस दिन सूर्य, तनया, जमुना जी ने अपने भाई यमराज को भोजन कराया था। इसीलिए इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। भैयादूज पर भाई अपने बहनों को वस्त्र, मुद्रा आदि देते हैं।