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बैंकों की हड़ताल से 253 शाखा पर लटके ताले, लेनदेन के 438 करोड़ अटके, लोग भटके

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के आह्वान पर बुधवार को जिले के सरकारी बैंकों से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हुए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 May 2018 01:14 AM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 01:59 AM (IST)
बैंकों की हड़ताल से 253 शाखा पर लटके ताले, लेनदेन के 438 करोड़ अटके, लोग भटके

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के आह्वान पर बुधवार को जिले के सरकारी बैंकों से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हुए। जिले की 253 बैंक शाखाओं पर ताले लटके रहे। चेक क्लीय¨रग, पैसे जमा कराने व निकालने जैसी सेवाएं प्रभावित रहीं। हड़ताल से बैंक शाखाओं के दो दिन के दौरान 838 करोड़ रुपये का लेनदेन नहीं हो पाएगा। सभी कर्मी बैंक ऑफ बड़ौदा के सामने एकत्र हुए। सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। बैंकों का निजीकरण करना बंद करें सरकार : यूएफबीयू के संयोजक कृष्णलाल गोंदवाल व जसवीर ¨सह ने बताया कि यह हड़ताल सरकार की कर्मचारी विरोधी आर्थिक नीतियों के खिलाफ है। भारत सरकार भारतीय बैं¨कग प्रणाली में एक योजनाबद्ध तरीके से बड़े कारपोरेट घरानों द्वारा बैंक लोन के नाम पर लूट कर रही है। सरकार लोगों की बैंकों में जमा पूंजी को साल दर साल इन एनपीए खातों में समायोजित करने में लगी है। सरकारी बैंकों को निजी क्षेत्र में करने की कोशिश कर रही है बैंकों की सभी यूनियन ने सरकार से यह मांग करती है कि सरकार बैंकों के मर्जर प्राइवेट सेक्टर में लाने की योजना को बंद करें बड़े कारपोरेट घरानों के ऋण एनपीए को माफ न करें। संसदीय कमेटी के सुझावों को लागू करें : जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वाले बड़े कारपोरेट के नाम जारी करें। एनपीए खाते की वसूली के लिए संसदीय कमेटी के सुझावों को लागू करें। बैंकों के सर्विस चार्ज को कम करें। आरडीआइ बिल को वापस ले सरकार विमुद्रीकरण करने और अन्य सरकारी योजनाओं को लागू करने की लागत को बैंकों को भरपाई करें। यूएफबीयू के कन्वीनर कृष्णलाल गोंदवाल व जसवीर ¨सह ने बताया कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर जिले में विभिन्न बैंकों की 253 बैंक शाखाएं के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। सभी बैंक का दो दिन का कुल 838 करोड़ रुपये का लेन देन प्रभावित होगा। गुरमुख ¨सह, सुशील कुमार गुप्ता, एसके फूल, जगदीश लाल, अमित मेहता, अनिल पाराशर, पुरुषोत्तम कुमार, अनिल गुप्ता, हरदेव ¨सह, रामशरण उपस्थित रहे। बैंकों पर ताले देख लौटे उपभोक्ता :

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बैंकों की हड़ताल के बीच उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हुई। बैंकों के बाहर हड़ताल संबंधित पोस्टर व ताले लगे देख उन्हें बाहर से ही उल्टे पांव लौटना पड़ा। मॉडल टाउन स्थित पीएनबी शाखा पर आए उपभोक्ता राहुल, पंकज व सुधीर ने बताया कि उन्हें बैंक से पैसे भिजवाने थे। यहां आकर पता चला कि हड़ताल है। इस कारण वह वापस लौट रहे हैं। इसी तरह विनोद ने कहा कि उसे फीस जमा कराने को बैंक से पैसे निकलाने थे, लेकिन हड़ताल के चलते बैंक बंद मिला। एटीएम बने सहारा

बैंकों की हड़ताल के चलते एटीएम लोगों का सहारा बने। जिले में 349 एटीएम हैं। पहला दिन होने के कारण एटीएम में कैश उपभोक्ताओं को मिला।

रद करना पड़ा टूर

गो¨बदपुरी के जसवंत का कहना है कि वह एटीएम ऑपरेट नहीं करते। उनको जरूरी काम से देहरादून जाना है। इसके लिए उनको पांच हजार रुपये की जरूरत थी। उनको पता नहीं था कि बैंक बंद हैं। उनको बैंक की शाखा के बाहर लगे नोटिस से पता चला कि बैंक बंद है। पैसे की कमी में उनको अपना टूर रद करना पड़ा। नहीं मिल सकी पेंशन

पांसरा गांव से आई संतोष ने बताया कि उसकी विधवा पेंशन लगी है। वह पेंशन लेने 15 किलोमीटर दूर आई थी। उनको नोटिस से पता चला कि बैंक बंद है। वह ऑटो से आई थी। उनका समय और पैसा दोनों खराब हुए। जरूरी काम अटक गया

भगवानपुर गांव से बैंक आफ बड़ौदा में आए लाल ¨सह ने बताया कि उनको इमरजेंसी में 50 हजार रुपये की जरूरत थी। वह इसके लिए बैंक में आए थे। उनको नहीं पता था कि हड़ताल है। पैसे नहीं मिलने से उनका जरूरी काम अटक गया


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