253 बैंक शाखाओं पर लटका रहा ताला, 286 करोड़ का लेनदेन अटका
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंक कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल पर रहे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंक कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल पर रहे। जिले की 253 बैंक शाखाएं बंद होने से 286 करोड़ रुपये का लेन-देन अटका। शनिवार को भी हड़ताल रहेगी और रविवार को छुट्टी होने के कारण बैंकों में सोमवार को ही लेनदेन हो सकेगा। शुक्रवार को ग्राहक भटकते हुए देखे गए। जो मुख्य शाखाएं खुली रहीं, उनमें भी कामकाज नहीं हुआ है। न डिमांड ड्राफ्ट बने न ही आरटीजीएस हुआ। अधिकारियों की यह मांग
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के चेयरमैन जसबीर सिंह, गवर्नर डॉ कृष्ण लाल गोंदवाल गुरमुख सिंह, एसके फूल, एसके गुप्ता, अनिल गुप्ता, नरोत्तम अग्रवाल, गुरनाम सिंह, सुशील कटारिया, विकास वर्मा, नरेश पाल, अंकुश कुमार, प्रशांत कुमार, नवनीत कालरा व अन्य ने बताया कि आइडीए के विरोध में सभी अधिकारी व कर्मचारी बैंक ऑफ इंडिया यमुनानगर के सामने एकत्रित हुए। यहां सरकार और आइबीए के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। यह हड़ताल सरकार व आइबीए के अड़ियल रुख के कारण हो रही है। उन्होंने बताया कि उनका वेतन समझौता नवंबर 2017 में लागू होना था। 30 माह बीत जाने के बावजूद सरकार समझौता नहीं कर रही है। मई 2018 में आइबीए बैंकों के कर्मचारियों के वेतन में 2 प्रतिशत की वेतन वृद्धि का प्रस्ताव रखती है। जबकि पिछले समझौते में 15 प्रतिशत की वेतन वृद्धि की गई थी। 11, 12 व 13 मार्च को फिर हड़ताल
वर्तमान समय के बैंक कर्मचारी पर कार्यभार में बढ़ोतरी हुई है। इसलिए बैंक कर्मी वर्तमान समझौते में एक उचित व तर्कसंगत वेतन वृद्धि चाहता है लेकिन सरकार व आईबीए का रवैया निराशाजनक है। आइबीए के रवैये के कारण बैंक कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं। इसके पश्चात यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन 11, 12, 13 मार्च व 12 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस दे चुका है। भटकते रहे ग्राहक
पीएनबी की मॉडल टाउन ब्रांच में हुए हुकम सिंह, राम मेहर व रमेश कुमार ने बताया कि उनको किसी आवश्यक कार्य के चलते आरटीजीएस करवाना था। सुबह बैंक में आए तो ताला लटका मिला। पता चला कि कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इतना ही नहीं शनिवार को भी हड़ताल रहेगी। इससे ग्राहकों की परेशानी बढ़ गई है। बैंक अधिकारियों व सरकार के बीच खींचतान का खामियाजा उनको भुगतना पड़ रहा है। केवल हड़ताल ही समस्या का समाधान नहीं है। सरकार को भी चाहिए कि उनकी जायज मांगों को पूरा करे ताकि जनता को परेशानी न हो।