कोरोना संक्रमित 20 मृतकों का कर चुके अंतिम संस्कार
कोरोना ने लोगों से अपने परिजनों का अंतिम संस्कार तक करने का हक है।
संवाद सहयोगी, रादौर : कोरोना ने लोगों से अपने परिजनों का अंतिम संस्कार तक करने का हक छीन लिया है। संकट के इस दौर में परिजनों को शव के पास जाने की इजाजत भी नहीं है। ऐसे लोगों का पूरे विधि विधान से नगरपालिका के चार सफाई कर्मचारी अंतिम संस्कार कर रहे है। इन कर्मचारियों को जहां कोरोना संक्रमण में आने का खतरा भी लगातार बना रहता है, वहीं कई बार परिजनों के गुस्से का सामना भी करना पड़ता है। कई बार तो गालियां तक उन्हें सुनने को मिलती है। सिर्फ परिजनों की मनोस्थिति को ध्यान में रखकर वह चुप्पी साध जाते है। फिर भी बिना किसी डर व संकोच के वह अपनी जिम्मेदारी को पूरी शिद्दत से निभाते हुए अब तक 20 संस्कार कर चुके हैं।
नगरपालिका रादौर में सफाई कर्मचारी के तौर पर कार्यरत घिलौर गांव का राहुल, खुर्दबन का रोहित, सढूरा का सुबे सिंह व मायाराम इन दिनों कोरोना योद्धा की भूमिका में हैं। उन्होंने बताया कि एक साल से वह इस कार्य में लगे हुए हैं। अब संकट बड़ा है तो कई बार उनके मन में भय भी उत्पन्न होता है। लेकिन यह भय अपने लिए नहीं बल्कि परिवार के सदस्यों के लिए होता है। क्योंकि यह बीमारी ही ऐसी है कि एक व्यक्ति दूसरे के नजदीक आने से भी डरने लगा है। हालांकि वह काफी सावधानी बरतते हैं। घर जाने पर हाथों को सैनिटाइज कर ही अंदर प्रवेश करते है। कमरे में जाने से पहले बाहर ही नहाने की व्यवस्था की हुई है। आमदनी कम है फिर भी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ठीक रहे इसके लिए आयुर्वेदिक काढ़े व अन्य दवाइयों और खाद्य पदार्थों का प्रयोग भी कर रहे हैं। अगर मृतकों के परिजन ज्यादा गुस्से में आ जाए तो वहां झगड़े की स्थिति पैदा हो सकती है। इसलिए वहां पुलिस प्रशासन की व्यवस्था होना भी जरूरी है।