जांच के नाम पर हो रही खानापूरी, चार साल में 327 में से मात्र 46 फैक्ट्री की जांच
शहर में प्रदूषण का स्तर साल-दर-साल बढ़ रहा है।
संवाद सहयोगी, जगाधरी : शहर में प्रदूषण का स्तर साल-दर-साल बढ़ रहा है। बावजूद इसके प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जांच के नाम पर खानापूरी कर रहा है। बोर्ड के अधिकारियों ने पिछले चार साल में महज 46 फैक्ट्रियों की जांच की है, जबकि यमुनानगर में 327 फैक्ट्रियां बोर्ड से पंजीकृत हैं। जांच रिपोर्ट का यह पर्दाफाश सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है।
प्लाईबोर्ड इंडस्ट्री के मामले में यमुनानगर एशिया में बड़ा स्थान रखता है। यहां पर तैयार प्लाई देश के विभिन्न कोनों के अलावा विदेशों में भी सप्लाई होती है। फैक्ट्रियों में प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी फैक्ट्री संचालकों को हिदायत दे रखी है कि वे अपने यहां पर एयर प्रदूषण कंट्रोल मय्यर सिस्टम लगाए, जिसमें साइक्लोन, मल्टी साइक्लोन तथा वैक स्क्रबर शामिल हैं, जो कि प्लाईबोर्ड फैक्ट्री में लगे बॉयलर के हिसाब से स्थापित किया जाता है।
प्लाईबोर्ड फैक्ट्रियों में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए एपीसी सिस्टम स्थापित किए हुए हैं। बावजूद इसके शाम होते ही फैक्ट्रियों की चिमनियां काला धुआं उगलना शुरू कर देती हैं। सूत्रों का कहना है कि दिन के समय तो फैक्ट्री संचालक प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सिस्टम को चालू रखते हैं लेकिन शाम होते ही उन्हें बंद कर देते हैं। आरटीआइ से मांगी जानकारी से पता चला है कि फैक्ट्रियों में प्रदूषण व अन्य चीजों की जांच पर खानापूरी कर रहा है। धुंआ-धुंआ नजर आता शहर-
रेगुलर जांच न होने पर शहर में प्रदूषण बढ़ रहा है। आसमान में धुआं ही धुआं नजर आता है। बढ़ रहे प्रदूषण से अस्थमा, आंखों में जलन के अलावा तमाम तरह की बीमारियां शहर को अपनी गिरफ्त में ले रही हैं। ऐसे बढ़ रहा है प्रदूषण का स्तर
पर्यावरण वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि वायु में पीएम-10 और पीएम-2.5 जैसे हानिकारक तत्वों की मात्रा लगातार बढ़ रही है। सामान्य से करीब चार गुणा अधिक बढ़कर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रही है। ये बढ़ रहीं हैं बीमारियां
खांसी, टीबी, दमा, फेफड़ों, नाक, पेट के कैंसर, आंखों में जलन और बच्चों के मस्तिष्क से संबंधित बीमारियों अधिक संभावना बढ़ जाती है। प्रदूषण जनित रोगों से बचाव जरूरी है। इसके अलावा वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसलिए इस दिशा में जागरूकता जरूरी है। बरतें एहतियात
सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप ¨सह का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण से बचने के लिए एहतियात बरतना जरूरी है। हवा में मौजूद धूलकण सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। जहां तक हो बचना चाहिए। जब भी बाइक चलाएं, हेलमेट पहनें। अगर पैदल चल रहे हैं तो मुंह पर रुमाल रख सकते हैं।